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गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ट्रांजिशनल करिकुलम का समापन

Mhara Hariyana News वैद्यनाथ आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक एवं झांसी-ललितपुर के सांसद अनुराग शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद के छात्रों को इस बात का गर्व होना चाहिए कि वे प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति से जुड़े हैं। आज एक बार फिर दुनिया ने आयुर्वेद की महत्ता को स्वीकार करना शुरू कर दिया है। अब आयुर्वेद सिर्फ एक …
 
गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ट्रांजिशनल करिकुलम का समापन

वैद्यनाथ आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक एवं झांसी-ललितपुर के सांसद अनुराग शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद के छात्रों को इस बात का गर्व होना चाहिए कि वे प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति से जुड़े हैं। आज एक बार फिर दुनिया ने आयुर्वेद की महत्ता को स्वीकार करना शुरू कर दिया है। अब आयुर्वेद सिर्फ एक विधा से डॉक्टरी की पढ़ाई तक सीमित नहीं है बल्कि इस क्षेत्र में स्टार्ट अप्स के भी काफी अवसर हैं। जरूरत सिर्फ लीक से हटकर सोचने और नवोन्मेषी बनने की है।

श्री शर्मा बुधवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम की संस्था गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) में 28 मार्च से चल रहे बीएएमएस प्रथम वर्ष के दीक्षा पाठ्यचर्या (ट्रांजिशनल करिकुलम) समारोह के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि छात्रों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद एक वैज्ञानिक ज्ञान है और ज्ञान जितना बाटेंगे, उतना ही बढ़ेगा। चिकित्सा जगत में हम किसी से भी कमतर न रहें, इसके लिए आवश्यक है कि आयुर्वेद के छात्र आधुनिक नैदानिक पद्धतियों (मॉडर्न डायग्नोस्टिक मेथड्स) को भी जानें। उन्होंने पंचकर्म का विशेष ज्ञान अर्जित करने का भी आह्वान किया।

दुनियाभर में होगी आयुर्वेद की प्रैक्टिस
वैद्यनाथ आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक अनुराग शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में अलग से आयुष मंत्रालय बनाकर आयुर्वेद समेत अन्य भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। आईसीएमआर में आयुर्वेद के रिसर्च की अनुमति मिली है। अब आयुर्वेद की प्रैक्टिस दुनियाभर में होगी।

इंस्टैंट रिलीफ भी देती हैं आयुर्वेदिक दवाएं
इस दौरान छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए श्री शर्मा ने कहा कि यह गलतफहमी है कि आयुर्वेद की दवाएं अवसर करने में काफी समय लगाती हैं। आयुर्वेद में ऐसी भी दवाएं हैं जो इंस्टैंट रिलीफ देती हैं। उन्होंने कहा कि तमाम घरेलू नुस्खों से महिलाओं ने आयुर्वेद को बचाए रखने में बड़ी भूमिका निभाई है।

पहली बार देखा इतना शानदार आयुर्वेद कॉलेज
श्री शर्मा ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार इतना शानदार आयुर्वेद कॉलेज देखा है। यहां अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही बेहतरीन फैकल्टी उपलब्ध है। इस आयुर्वेद कॉलेज की स्थापना के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार भी जताया।

आयुर्वेद के क्षेत्र में अपार संभावनाएं
दीक्षा पाठ्यचर्या समारोह के समापन अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक एवं उत्तर प्रदेश सरकार के सलाहकार डॉ. जीएन सिंह ने कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। आयुर्वेद के छात्रों की जिम्मेदारी है कि वह परिष्करण के जरिये मिथकों को तोड़ें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि हम आयुर्वेद व मॉडर्न मेडिसिन के एकीकृत रूप से मानवता की सेवा करें।

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की होगी वैश्विक पहचान
समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि बीएचयू में रस शास्त्र के आचार्य डॉ. के. रामचंद्र रेड्डी ने कहा कि यहां के छात्र सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें एक शानदार संस्थान में आयुर्वेद की पढ़ाई करने का अवसर मिला है। महायोगी गोरक्षनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह ने आयुर्वेद के छात्रों को वात, पित्त व कफ का सिस्टम समझाया। कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने कहा कि जब अन्य आयुर्वेद कॉलेज प्रवेश ले रहे थे तब इस आयुर्वेद कॉलेज के छात्रों ने 15 दिनों में ट्रांजिशनल करिकुलम के जरिए लंबी छलांग लगा ली है। अब छात्रों को अगली छलांग की तैयारी में जुट जाना होगा।

यह लोग रहे मौजूद
समापन समारोह में अतिथियों का स्वागत गुरु श्री गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज के प्राचार्य डॉ. पी. सुरेश ने तथा आभार ज्ञापन प्रोफेसर डॉ. गणेश बी. पाटिल ने किया। इस अवसर पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव, गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रो. (डॉ) एसएन सिंह, एसोसिएट प्रो. डॉ. पीयूष वर्षा, एसोसिएट प्रो. डॉ. दीपू मनोहर, असिस्टेंट प्रो. डॉ. प्रिया नायर, असिस्टेंट प्रो. डॉ. सुमित कुमार, असिस्टेंट प्रो. डॉ. प्रज्ञा सिंह आदि की सक्रिय सहभागिता रही।

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