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किसी का नाम नहीं है रूपा, इस वजह से अंडरगार्मेंट कंपनी ने रखा था ये नाम… अभी लाल सिंह चड्ढा की वजह से चर्चा में

No one's name is Rupa, because of this the undergarment company had kept this name… now in discussion because of Lal Singh Chaddha
 
No one's name is Rupa, because of this the undergarment company had kept this name… now in discussion because of Lal Singh Chaddha

Mhara Hariyana News
फिल्म लाल सिंह चड्ढा के बाद इन दिनों रूपा अंडरगार्मेंट ब्रांड भी चर्चा में है और लोग फिल्म देखने के बाद जानना चाहते हैं कि आखिर रूपा गार्मेंट की कहानी क्या है. तो जानते हैं क्या है इस ब्रांड की कहानी...
किसी का नाम नहीं है रूपा, इस वजह से अंडरगार्मेंट कंपनी ने रखा था ये नाम... अभी लाल सिंह चड्ढा की वजह से चर्चा मेंलाल सिंह चड्ढा के बाद इन दिनों रुपा अंडरगार्मेंट ब्रांड भी चर्चा में है

बॉलीवुड एक्टर आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा इन दिनों सिनेमाघरों में दर्शकों की पसंद बनी हुई है. हालांकि, कई जगहों से फिल्म टिकट की बिक्री के मामले में लाल सिंह चड्ढा को लेकर अच्छी खबरें नहीं आ रही हैं. वैसे फिल्म अपने बायकॉट की वजह से भी चर्चा में रही और अब फिल्म की वजह से चर्चा में अंडरगार्मेंट बनाने वाला ब्रांड. दरअसल, लाल सिंह चड्ढा के थियेटर्स में रिलीज होने के बाद रूपा अंडरगार्मेंट ब्रांड की काफी चर्चा हो रही है. वैसे इस फिल्म में करीना कपूर का नाम भी रूपा ही है. फिल्म में कई बार इस ब्रांड का जिक्र हुआ है.


अब फिल्म देखने के बाद दर्शक रूपा अंडरगार्मेंट ब्रांड की असली कहानी जानना चाहते हैं कि आखिर इसका मालिक कौन है और कैसे इस ब्रांड ने बाजार में अपनी जगह बनाई. इसके अलावा इसका सही में लाल सिंह चड्ढा से कोई कनेक्शन तो नहीं है. तो ऐसे में जानते हैं इस ब्रांड से जुड़ी हर एक बात…

किसकी है कंपनी रूपा?
रूपा साल 1968 से बाजार में है और लगातार अंडरगार्मेंट बिजनेस में कारोबार कर रही है. कंपनी की शुरुआत प्रह्लाद राय अग्रवाल ने की थी और कंपनी की शुरुआत पश्चिम बंगाल के कोलाकाता से हुई थी. अभी प्रह्लाद राय कंपनी के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन हैं. उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है. उन्हें कपड़ा उद्योग में 40 से अधिक सालों का अनुभव है.

कैसे पड़ा रूपा नाम?
रूपा नाम की कहानी काफी दिलचस्प है. दरअसल, रूपा नाम किसी व्यक्ति का नाम नहीं है, अगर आपको लगता है कि किसी महिला या लड़की के नाम पर रूपा नाम रखा गया है तो आप गलत है. फॉर्च्यून इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक समय में कोलकाता इनरवियर कपड़ों का अहम स्थान होता था. जब साल 1968 में रूपा की शुरुआत हुई, उस वक्त इस इंडस्ट्री में कई अनऑर्गनाइज्ड ब्रांड ही कारोबार कर रहे थे. इन ब्रांड के असली हीरा, असली सोना जैसे नाम हुआ करते थे. इसके बाद जब रूपा ने कारोबार शुरू किया तो हीरा और सोना के बाद कंपनी के मालिक ने चांदी पर नाम रखने की सोची.

इसके बाद चांदी पर ही नाम रखा गया है. अगर चांदी का बंगाली नाम देखेंगे तो इसका नाम रुपो या रूपा होगा. इस वजह से इसका नाम रूपा रखा गया है. उस दौरान रूपा ने इंनरवियर में कई लॉन्च किए, जिसमें इलास्टिक की अंडरवियर आदि शामिल थी. रूपा ने सबसे पहले बिहार के पटना में बनियान बेचना शुरू किया था. अब कंपनी काफी आगे बढ़ चुकी है और साल 2019 का कारोबार देखें तो कंपनी ने 1222 करोड़ की कमाई की थी. अभी कंपनी के 125000 रिटेल सेलर हैं और 1200 से अधिक थोक विक्रेता हैं. अब एक लंबे नेटवर्क के साथ कंपनी बाजार में अच्छा बिजनेस कर रही है.

लाल सिंह चड्ढा से कोई कनेक्शन है?
बता दें कि फिल्म का लाल सिंह चड्ढा से कोई कनेक्शन नहीं है. फिल्म में सिर्फ सिनेमा के तौर पर ही इसका नाम इस्तेमाल किया गया है.