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Indian Airlines: एयरपोर्ट पर लगे सीटीएक्स मशीन, गैजेट्स् को ट्रे में रखने का झंझट होगा खत्म, यह कैसे करती है काम?

 
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CTX machines for cabin bag checks at airport: देश में एयरपोर्ट पर सीटीएक्स मशीन शीघ्र ही लगाया जाएगा। इस मशीन के चलते आपको गैजेट्स अलग से ट्रे में रखने का झंझट खत्म हो जाएगा। आइए हम यहां जानते हैं कि यह सुविधा सबसे पहले किस एयरपोर्ट पर मिलेगी और कहां क्या तैयारी चल रही है?

 

 

3D CTX machines will reduce the time at airports: बेंगलूरु में हवाई यात्रियों का सफर जल्द ही बेहतर और आसान होने वाला है। शहर के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (केआइए) के टर्मिनल-2 पर यात्रियों को सिक्योरिटी चेकपॉइंट्स पर हैंडबैग से मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को ट्रे में नहीं रखना पड़ेगा। एयरपोर्ट पर एंडवांस्ड सीटीएक्स मशीन (कंप्यूटर टोमोग्राफी एक्स-रे) लगने वाली हैं। यह देश का पहला एयरपोर्ट होगा, जहां सीटीएक्स मशीन को ऑटोमेटिक ट्रे रिट्रीवल सिस्टम (एटीआरएस) और फुल-बॉडी स्कैनर के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा। यात्रियों की सुवधिा के लिए तीन फुल-बॉडी स्कैनर लगाए जाएंगे।

 

फिलहाल डोमस्टिक ट्रेवलर को मिलेगा फायदा

बेंगलूरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (बीआइएएल) के मुख्य परिचालन अधिकारी सत्यकी रघुनाथ के मुताबिक सीटीएक्स मशीन का ट्रायल रन कुछ हफ्तों में शुरू हो जाएगा। शुरुआत में इसका ट्रायल घरेलू यात्रियों के लिए होगा। यह सुविधा दिसंबर में शुरू होने की संभावना है। चूंकि यह तकनीक भारत में अपेक्षाकृत नई है, इसलिए हवाई अड्डा संचालक इसकी दक्षता का मूल्यांकन कर रहे हैं। आवश्यक मशीनों की संख्या निर्धारित की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक सीटीएक्स मशीनें न सिर्फ यात्रियों के लिए सुरक्षा जांच प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेंगी, बल्कि निषिद्ध वस्तुओं का पता लगाने में भी आसानी होगी।

क्या होंगे फायदे

* नए सिस्टम में ऑपरेटर चेकपॉइंट्स पर यात्रियों के बैग में मौजूद चीजों को देखने के लिए उसे 360 डिग्री रोटेट कर सकेंगे। इससे रिचेक और इंस्पेक्शन के समय में कटौती होगी।

* सुरक्षा जांच के दौरान ट्रे की जरूरत घट जाएगी। थ्री-डी इमेज क्वालिटी से स्कैनिंग होगी। बैग में रखे लिक्विड पदार्थ की भी जांच हो सकेगी।

* चेकिंग के दौरान यात्रियों को गैजेट्स ट्रे में रखने से छुटकारा मिलेगा। उन्हें इलेक्ट्रॉनिक सामान (मोबाइल लैपटॉप आदि) और एलएजी (तरल पदार्थ, एरोसोल, जैल) बैग से नहीं निकालने पड़ेंगे। चेकपॉइंट्स पर कम समय लगेगा।

* वॉक-थ्रू मेटल डिटेक्टर से प्राथमिक जांच के बाद यात्रियों की फिजिकल तलाशी खत्म हो जाएगी।

दिल्ली एयरपोर्ट पर हो चुका है ट्रायल

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सीटीएक्स के ट्रायल किए जा चुके हैं, लेकिन एटीआरएस और फुल-बॉडी स्कैनर के साथ परीक्षण बाकी है। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआइएएल) के एक प्रवक्ता ने बताया कि फिलहाल एयरपोर्ट पर फुल-बॉडी स्कैनर नहीं हैं। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो ने 50 लाख यात्रियों वाले सभी प्रमुख हवाई अड्डों पर साल के अंत तक केबिन जांच के लिए 3-डी सीटीएक्स मशीनें स्थापित करने का निर्देश दिया था।

अभी कहां-कहां लग चुकी है सीटीएक्स मशीन

1. गैटविक एयरपोर्ट, ब्रिटेन

2. नेरिटा एयरपोर्ट, जापान

3. ब्रिस्टल एयरपोर्ट, ब्रिटेन