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फर्जी फसल दिखाकर लाभ उठाने वाले किसानों का पता लगाने में जुटा कृषि विभाग, हर खेत में जाकर पोर्टल पर डाटा अपडेट कर रहे हैं कर्मचारी ​​​​​​​

क्रॉप फसल वेरिफिकेशन में किसान नहीं दिखा पाएंगे  फर्जी फसल, एप के डाउनलोड करने के बाद खेत में खड़े होते ही फोन में आती है लोकेशन

 
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मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल जो किसान पंजीकरण करवा चुके हैं उनकी हो रही है जांच, पता चल जाएगा कितने एकड़ में कौन सी फसल खड़ी है

Mhara Hariyana News, Sirsa, सिरसा। क्रॉप फसल वेरिफिकेशन में फर्जी फसल अब किसान नहीं दिखा पाएंगे। इसके लिए कृषि विभाग की टीमें लगातार गांवों में जाकर सर्वे कर रही है। सर्वे का कार्य मार्च माह के बीच में पूरा कर लिया जाएगा। जिन किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा में अपनी फसल व जमीन का ब्योरा दिया है, उनकी कृषि विभाग की टीमें लगातार जांच कर रही हैं।

जिले में हजारों किसान मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। ज्ञात रहे कि किसान मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपनी फसलों का पंजीकरण करवाते हैं। जिसमें वे बताते हैं कि उनके पास कितनी जमीन है तथा उन्होंने कितनी जमीन में कौन सी फसल की बिजाई की हुई है। इसके साथ-साथ विभाग के कर्मचारी भी हर खेत में जाकर अपने पोर्टल पर डाटा अपडेट करते हैं कि किसी खेत में कौन सी फसल खड़ी है। इसके बाद मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर किसानों की ओर से भरे गए डेटा को वेरिफाई डेटा से मैच किया जाता है, ऐसा होने से डाटा सत्यापित हो जाता है तथा यह स्पष्ट हो जाता है कि किस किला या खेवट नंबर में कौन सी फसल खड़ी हुई है या किस जमीन में अब की बार बिजाई नहीं की गई है।

विभाग के इस कार्य के पूरा होने से जिले में फर्जी फसल दिखाकर लाभ उठाने वाले किसानों का पता लगाया जाएगा और संबंधित विभागों से डाटा को सही करवाया जाएगा। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपनी फसल व जमीन का ब्यौरा देने वाले किसानों की जांच की जा रही है।

डाटा अपलोड के बाद जाएगा लिया ब्योरा 

क्रॉप वेरिफिकेशन में रबी सीजन के दौरान बिजी गई फसलों के आंकड़े अपलोड किए जा रहे हैं। जिनकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जा रही है। जिले में क्रॉप बुकिंग वेरिफिकेशन का कार्य पूरा होने के बाद ये ही टीमें एक अप्रैल से जिले में क्रॉप कटिंग का काम शुरू करेंगी। जिसमें कहां कितनी फसल कटी, इसका ब्योरा लिया जाएगा।

मैपिंग ऑफ एकड़ नाम से बनाया एप

विभाग के अनुसार क्रॉप बुकिंग वेरिफिकेशन के लिए मैपिंग ऑफ एकड़ नामक एप बनाया गया है, जिसे संबंधित कर्मचारी अपने आईडी और पासवर्ड का उपयोग कर प्रयोग कर रहे हैं। इस एप के डाउनलोड करने के बाद खेत में खड़े होते ही फोन में लोकेशन आती है। उसके बाद उसमें किला, खेवट नंबर के अनुसार फसल का नाम भरना होता है।