श्री रामा क्लब चेरिटेबल ट्रस्ट के 75वें रामलीला महोत्सव का शानदार शुभारंभ

 

सिरसा। श्री रामा क्लब चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा जनता भवन रोड स्थित रामलीला ग्राउंड में आयोजित 75वें रामलीला महोत्सव का शानदार शुभारंभ हुआ। शुभारंभ अवसर पर जिला के पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण  बतौर मुख्यातिथि पहुंचे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी एवं वरिष्ठ पत्रकार संजय अरोड़ा ने की।

1950 में स्थापित क्लब के 75वें प्लेटिनम जुबली समारोह के उद्घाटन अवसर पर भव्य आतिशबाजी की गई और बैंड की धुन के साथ मुख्यातिथि व अन्य गणमान्य जनों को मुख्य मंच तक लाया गया।

क्लब के प्रधान अश्वनी बठला, महासचिव गुलशन वधवा, बाबू लाल फुटेला, बंटी डूमरा, श्याम मेहता, ओम प्रकाश मेहता, सुरेश कालड़ा, मनीष ऐलाबादी, बिशंभर चुघ, गुलशन गाबा, राकेश मदान, नरेश खुंगर, अनिल बांगा, मिंटू कालड़ा व अन्यों ने आए हुए अतिथियों का बुके भेंट कर स्वागत किया।

मुख्यातिथि पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण व कार्यक्रम के अध्यक्ष संजय अरोड़ा ने रिबन काटकर रामलीला महोत्सव का शुभारंभ किया तथा क्लब के पदाधिकारियों को भव्य आयोजन की बधाई दी।

मुख्यातिथि विक्रांत भूषण ने कहा कि भगवान राम हम सबके आदर्श हैं और श्री रामा क्लब के समस्त पदाधिकारी बधाई के पात्र हैं जो 75 सालों से भगवान राम के आदर्शमयी चरित्र को मंचित कर रहे हैं। क्लब के सभी पदाधिकारी पीढ़ी दर पीढ़ी इस पुनित कार्य से जुड़े हैं।  

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी एवं वरिष्ठ पत्रकार संजय अरोड़ा ने कहा कि रामलीला अथवा रामनाटक हमें भगवान राम के आदर्शों पर चलने की शिक्षा देता है। एक आदर्श राजा, एक आदर्श भाई, आदर्श बेटा, आदर्श मित्र, आदर्श नारी के क्या दायित्व हैं, इसके बारे में बहुत शानदार तरीके से बताया गया है।

श्री रामा क्लब के सभी ट्रस्टीगण, कलाकार बधाई के पात्र हैं जो 75 सालों से भगवान राम के आदर्शमयी जीवन को विशुद्ध रूप से मंचित कर रहे हैं। मुख्यातिथि पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण चुनावी डयूटी की व्यस्तता के चलते कार्यक्रम में कुछ समय ही मौजूद रहे, इसके बाद वे रवाना हो गए। 

बड़ी एलईडी स्क्रीन और एआई तकनीक से भव्य तरीके से मंचित हुए दृश्य, दर्शक हुए भाव विभोर
श्री रामा क्लब के प्लेटिनम जुबली समारोह के अवसर पर रामलीला मंचन में इस बार परंपरागत पर्दों की जगह बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई है तथा एआई तकनीक(आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी) के द्वारा सभी दृश्यों के पीछे जीवंत दृश्य चलाए गए, जिन्हें देखकर यूं लग रहा था मानों थ्री डी स्क्रीन पर भव्य फिल्म चल रही हो। रामा क्लब से जुड़े कलाकारों ने अपनी कला के माध्यम से दर्शकों का मन मोह लिया।

मंचन के दौरान कथा व्यास द्वारा रामचरित मानस के श्लोक व भजनों के माध्यम से वातावरण को और भक्तिमय बना दिया। सर्वप्रथम गणेश वंदना और विष्णु जी की आरती के दृश्य भी बेहद शानदार रहे। दर्शकों के बैठने के लिए शानदार व्यवस्था की गई है। 

रावण नंदीगण और रावण वेदवती संवाद ने मोहा दर्शकों का मन
श्री रामा क्लब के मंच पर पहले दृश्य के रूप में रावण व मारीच संवाद दिखाया गया। कैलाश पर्वत पार करते समय रावण का पुष्पक विमान अचानक रूक गया तो रावण ने मारीच से रूकने का कारण पूछा। मारीच ने कहा कि यह महादेव का निवास स्थान है, यहां से कोई उनकी इच्छा के बिना नहीं जा सकता।

रावण घमंड में चूर होकर अपने बल का बखान करता है तो वहां नंदीगण पहुंचा है। नंदीगण रावण को भगवान शिव की शरण में जाने की सलाह देते हैं। लेकिन घमंडी रावण अपने बल पर अभिमान करता है और कैलाश को हटाने की चुनौती देता है। 

अथक प्रयास के बावजूद कैलाश नहीं हिलता तो रावण पश्चाताप करता है और महादेव शिव से क्षमा मांगता है, जिसके पश्चात शिव उसे प्रसन्न होकर चंद्रहॉस तलवार भेंट करते हैं। इस दृश्य के बाद रावण वेदवंती संवाद मंचित किया गया, जिसमें ऋषि कन्या को वन में अकेला देख रावण उस पर आसक्त हो जाता है। कन्या वेदवती उसे कहती है कि वह भगवान विष्णु को अपना पति मान चुकी है।

रावण जब उसे छूने की चेष्टा करता है तो वह धरती में समा जाती है। वेदवती रावण को श्राप देती है कि वह अगले जन्म में सीता के रूप में धरती पर आएगी और उसके विनाश का कारण बनेगी। तीसरे दृश्य में मात-पितृ भक्त श्रवण के प्रसंग का मंचन किया गया। जिसमें श्रवण अपने अंधे माता पिता को बहंगी में बैठाकर तीर्थों की यात्रा करवाता दिखाया गया।

रास्ते में श्रवण अपने माता पिता के लिए वन में पानी लेने जाता है। वहां शिकार के लिए आए राजा दशरथ का बाण लगने से श्रवण की मृत्यु हो जाती है। जिसके बाद दशरथ उसके माता पिता को जल देने जाते हैं जहां श्रवण के अंधे माता पिता उसे श्राप देते हैं कि जिस प्रकार वे पुत्र वियोग में अपने प्राण दे रहे हैं उसी भांति दशरथ भी अपने पुत्रों के वियोग में प्राणों को त्यागेगा। इस दृश्य को देखकर दर्शकों की आंखें भर आई।

रावण के किरदार में ओम प्रकाश, नंदीगण संजय सोनी, मारीच अरूण मेहता, शिव शुभम खुंगर तथा मनप्रीत कौर ने वेदवती का किरदार निभाया। उमेश मेहता ने श्रवण, अमित मिढ्‌ढा ने दशरथ की भूमिका निभाई। 

रामलीला मंचन के दूसरे दिन शुक्रवार रात को देवताओं का भगवान विष्णु के दरबार में जाना और भगवान राम के जन्म की लीला का मंचन किया जाएगा।