Happy Birthday Narendra Modi: नरेंद्र मोदी बने देश के सबसे शक्तिशाली नेता , जानिए क्या हैं विशेषताएं 

राम मंदिर, धारा 370, तीन तलाक सहित अनेक मुद्दों को सुलझाया। कोविड में ताली और थाली बजाकर देश को एकता के सूत्र में पिरोया, विरोधी भी मानते हैं उनकी प्रतिभा का लोहा
 

देश के लोकतांत्रिक इतिहास में 26 मई का विशेष महत्व है क्योंकि 2014 में शानदार चुनावी जीत के बाद नरेन्द्र मोदी ने आज ही के दिन देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। 2019 में नरेन्द्र मोदी ने लगातार दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला और इस बार भी 26 मई की तारीख का एक खास महत्व था।

इलेक्ट्रॉनिक्स और एक्सेसरीज पर बंपर छूट, महज 99 रुपये से शुरू |


दरअसल 26 मई 2019 को ही राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई थी कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 30 मई को नरेन्द्र मोदी को राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।

पंडित जवाहरलाल नेहरू से हुई शुरूआत


देश के अन्य प्रधानमंत्रियों की बात करें तो आजादी के बाद जवाहरलाल नेहरू 15 अगस्त 1947 को देश के पहले प्रधानमंत्री बने और 27 मई, 1964 को उनके निधन के बाद गुलजारी लाल नंदा को देश का कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया, वह 9 जून 1964 तक इस पद पर रहे।

लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद गुलजारी लाल नंदा बने कार्यवाहक PM
उनके बाद बेहद सादगी पसंद और विनम्र लाल बहादुर शास्त्री ने प्रधानमंत्री का पद संभाला और 11 जनवरी 1966 को उनका निधन होने के बाद एक बार फिर गुलजारी लाल नंदा को देश का कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया। इस बार उनका कार्यकाल मात्र 13 दिन का रहा और 24 जनवरी 1966 को यह जिम्मेदारी देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कंधों पर आ गई। वह 24 मार्च 1977 तक इस पद पर रहीं और इस पद की अगली बागडोर मोरारजी देसाई ने संभाली।

 

मोरारजी देसाई के बाद चौ.चरण सिंह के हाथ आई PM की कुर्सी
मोरारजी देसाई 28 जुलाई 1979 तक देश के प्रधानमंत्री पद पर रहे और उनके बाद किसान नेता चौ.चरण सिंह इस पद पर विराजमान हुए। चौ. चरणसिंह का कार्यकाल 14 जनवरी 1980 तक रहा और इस तारीख के बाद इंदिरा गांधी एक बार फिर देश की प्रधानमंत्री बनीं और 31 अक्तूबर 1984 को अपने सिख अंगरक्षकों के हाथों मारे जाने तक वह इस पद पर रहीं।

राजीव गांधी के बाद एक के बाद कम समय के अंतराल पर बदले 3 प्रधानमंत्री
उनके बाद उनके पुत्र राजीव गांधी ने देश की बागडोर संभाली और एक दिसंबर 1989 तक इस पद पर रहे। विश्वनाथ प्रतापसिंह ने दो दिसंबर 1989 से 10 नवंबर 1990 तक प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला और उसके बाद 21 जून 1991 तक चंद्रशेखर देश के प्रधानमंत्री बने। इस तरह 31 अक्तूबर 1984 से 21 जून 1991 के बीच देश ने तीन प्रधामंत्री देखे।

नरसिम्हा राव के बाद अटल बिहारी वाजपेयी बने पीएम
इसके बाद के पांच वर्ष पी.वी. नरसिम्हा राव ने इस पद पर कार्य किया और 16 मई 1996 को कवि ह्रदय अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी, जो एक जून तक ही टिक पाई। अगले प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा बने जिन्होंने एक जून 1996 से 21 अप्रैल 1997 तक देश की बागडोर संभाली। इसके बाद इंद्रकुमार गुजराल 18 मार्च 1998 तक प्रधानमंत्री बनाए गए।

.....और इस बार अटल बिहारी वाजपेयी ने पूरा किया कार्यकाल
यहां यह दिलचस्प तथ्य है कि 16 मई 1996 से 18 मार्च 1998 के बीच देश ने प्रधानमंत्री पद पर तीन चेहरे देखे और यह सिलसिला यहीं नहीं थमा 19 मार्च 1998 को देश के प्रधानमंत्री बने अटल बिहारी वाजपेयी 13 अक्तूबर 1999 तक इस पद पर टिक पाए यह अलग बात है कि अगली सरकार भी उनके नेतृत्व में ही बनीं और वह 22 मई 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा होने तक इस पद पर रहे।

10 साल तक प्रधानमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह


इसके बाद के दस बरस डॉ. मनमोहन सिंह के नाम रहे। उन्होंने 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक प्रधानमंत्री पद संभाला।

लगातार दो बार पीएम मोदी के सिर सजा 'ताज'
26 मई 2014 को नरेन्द्र मोदी ने देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली और 2019 में दोबारा प्रधानमंत्री बने।

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देश दुनिया के इतिहास में 26 मई की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-

1739 : एक समय अफगानिस्तान भारत का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन मुगल सम्राट मोहम्मद शाह ने ईरान के नादिर शाह के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये जिससे यह भारतीय साम्राज्य से अलग हो गया।

1822 : नार्वे में गिरिजाघर में आग लगने से 122 लोगों की मौत।

1926 : लेबनान ने संविधान अपनाया।

1957 : बम्बई :अब मुंबई: में जनता बीमा पॉलिसी की शुरूआत हुई।

1969 : अपोलो 10 के अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौटे।

1973 : बहरीन ने संविधान अपनाया।

1983 : जापान में आये 7.7 की तीव्रता वाले भूकंप से 104 लोगों की मौत।

1987 : श्रीलंका ने जाफना में तमिल विद्रोहियों के खिलाफ अभियान छेड़ा।

1991 : थाईलैंड में बैंकाक के निकट एक विमान हादसे में 223 लोगों की मौत।

1999 : इसरो ने भारत, जर्मनी और दक्षिण कोरिया के तीन उपग्रहों को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किया।

1999 : सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने श्रीलंका के खिलाफ एक दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 318 रन की भागीदारी का विश्व रिकार्ड बनाया।

2000 : हिज्बुल्लाह ने घोषणा की कि उसके लड़ाके दक्षिणी लेबनान से चले जायेंगे।

2014 : नरेन्द्र मोदी ने भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।

नरेंद्र मोदी बर्थडे, नरेंद्र मोदी बर्थडे नरेंद्र मोदी का बर्थडे नरेंद्र मोदी कौन है आखिर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री 

प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने नृपेंद्र मिश्रा को अपने प्रधान सचिव और अजीत डोभाल को कार्यालय में अपने पहले सप्ताह में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) के रूप में नियुक्त किया। उन्होंने आईएएस अधिकारी ए.के. शर्मा और भारतीय वन सेवा अधिकारी भारत लाल प्रधानमन्त्री कार्यालय (पीएमओ) में संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत हैं।[137]

दोनों अधिकारी मुख्यमन्त्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान गुजरात में मोदी की सरकार का हिस्सा थे।[138] 31 मई 2014 को, प्रधानमन्त्री मोदी ने सभी मौजूदा मन्त्रियों के समूह (GoMs) और मन्त्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (EGoMs) को समाप्त कर दिया। पीएमओ के एक बयान में बताया गया है, "यह निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी लाएगा और प्रणाली में अधिक जवाबदेही की शुरूआत करेगा। मन्त्रालय और विभाग अब ईजीओएम और गोम्स के समक्ष लम्बित मुद्दों पर कार्रवाई करेंगे और मन्त्रालयों के स्तर पर उचित निर्णय लेंगे। विभागों को ही "। UPA-II सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान 68 GoM और 14 EGoM की स्थापना की थी, जिनमें से 9 EGoM और 21 GoM को नई सरकार द्वारा विरासत में मिली थी।[139] भारतीय मीडिया द्वारा इस कदम को "न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन" की मोदी की नीति के साथ संरेखण में बताया गया। इंडियन एक्सप्रेस ने कहा कि GoMs और EGoMs "पिछली यूपीए सरकार के दौरान एक प्रतीक और नीतिगत पक्षाघात का एक साधन" बन गए थे। टाइम्स ऑफ़ इण्डिया ने नई सरकार के फैसले को "निर्णय लेने में केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल के अधिकार को बहाल करने और मन्त्रिस्तरीय योग्यता सुनिश्चित करने के लिए एक कदम" के रूप में वर्णित किया। ग्रामीण विकास, पंचायती राज के प्रभारी और पेयजल और स्वच्छता विभागों के नए नियुक्त कैबिनेट मन्त्री गोपीनाथ मुंडे की 3 जून 2014 को दिल्ली में एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई।[140] कैबिनेट मन्त्री नितिन गडकरी, जो सड़क परिवहन के प्रभारी हैं। 4 जून को मुण्डे के पोर्टफोलियो की देखभाल के लिए राजमार्गों और शिपिंग को सौंपा गया था।[141]

10 जून 2014 को, सरकार को नीचा दिखाने के लिए एक अन्य कदम में, मोदी ने मन्त्रिमण्डल की चार स्थायी समितियों को समाप्त कर दिया। उन्होंने पाँच महत्वपूर्ण कैबिनेट समितियों के पुनर्गठन का भी निर्णय लिया। इनमें कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) शामिल है जो सभी उच्च-स्तरीय रक्षा और सुरक्षा मामलों को संभालती है, कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) जो राष्ट्रपति को सभी वरिष्ठ नौकरशाही नियुक्तियों और पोस्टिंग की सिफारिश करती है, कैबिनेट कमिटी ऑन पोलिस अफेयर्स (CCPA) जो एक प्रकार की छोटी कैबिनेट और संसदीय मामलों की मन्त्रिमण्डलीय समिति है।[142]

प्रधानमन्त्री और मन्त्रिपरिषद ने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद, 24 मई 2019 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को अपना इस्तीफा सौंप दिया। राष्ट्रपति ने इस्तीफे स्वीकार कर लिए और मन्त्रिपरिषद से अनुरोध किया कि वे नई सरकार के पद सम्भालने तक जारी रहें।[143]

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण उपाय

2017 में इज़राइल के प्रधानमंत्री, बेंजामिन नेतन्याहू और मोदी ने तेल अवीव, इज़राइल में प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी का दौरा किया।
भ्रष्टाचार से सम्बन्धित विशेष जाँच दल (SIT) की स्थापना।
योजना आयोग की समाप्ति की घोषणा।
समस्त भारतीयों के अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा में समावेशन हेतु प्रधानमंत्री जन धन योजना का आरम्भ।
रक्षा उत्पादन क्षेत्र में विदेशी निवेश की अनुमति।
45% का कर देकर काला धन घोषित करने की छूट।
सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिसों की स्वीकृति।
रेल बजट प्रस्तुत करने की प्रथा की समाप्ति।
काले धन तथा समान्तर अर्थव्यवस्था को समाप्त करने के लिये 8 नवम्बर 2016 से ५०० तथा १००० के प्रचलित नोटों को अमान्य करना।
भारत के अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध

ब्रिक्स (BRICS) के अन्य नेताओं के साथ नरेन्द्र मोदी
मुख्य लेख: नरेन्द्र मोदी सरकार की विदेश नीति
शपथग्रहण समारोह में समस्त दक्षेस देशों को आमन्त्रण।
सर्वप्रथम विदेश यात्रा के लिए भूटान का चयन।
ब्रिक्स सम्मेलन में नए विकास बैंक की स्थापना।
नेपाल यात्रा में पशुपतिनाथ मन्दिर में पूजा।
अमेरिका व चीन से पहले जापान की यात्रा।
पाकिस्तान को अन्तरराष्ट्रीय जगत में अलग-थलग करने में सफल।
जुलाई 2017 में इजराइल की यात्रा, इजराइल के साथ सम्बन्धों में नये युग का आरम्भ।
सूचना प्रौद्योगिकी
मुख्य लेख: डिजिटल भारत
डिजिटल इंडिया 1 जुलाई 2015 को प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकार की सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से ऑनलाइन बुनियादी ढाँचे में सुधार करके और इण्टरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाने या देश को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए नागरिकों को उपलब्ध कराया जाए।[144] इस पहल में ग्रामीण क्षेत्रों को हाई-स्पीड इण्टरनेट नेटवर्क से जोड़ने की योजना शामिल है।[145] डिजिटल इण्डिया में तीन मुख्य घटक होते हैं: सुरक्षित और स्थिर डिजिटल बुनियादी ढाँचे का विकास, सरकारी सेवाओं को डिजिटल रूप से वितरित करना, और सार्वभौमिक डिजिटल साक्षरता।[146]

स्वास्थ्य एवं स्वच्छता
मुख्य लेख: स्वच्छ भारत अभियान
भारत के प्रधानमन्त्री बनने के बाद 2 अक्टूबर 2014 को नरेन्द्र मोदी ने देश में साफ-सफाई को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ भारत अभियान का शुभारम्भ किया।[147] उसके बाद पिछले साढ़े चार वर्षों में मोदी सरकार ने कई ऐसी पहलें की जिनकी जनता के बीच खूब चर्चा रही।[148] स्वच्छता भारत अभियान भी ऐसी ही पहलों में से एक हैं। सरकार ने जागरुकता अभियान के तहत लोगों को सफाई के लिए प्रेरित करने की दिशा में कदम उठाए। देश को खुले में शौच मुक्त करने के लिए भी अभियान के तहत प्रचार किया। साथ ही देश भर में शौचालयों का निर्माण भी कराया गया। सरकार ने देश में साफ सफाई के खर्च को बढ़ाने के लिए स्वच्छ भारत चुंगी (सेस) की भी शुरुआत की।[149]

स्वच्छ भारत मिशन का प्रतीक गांधी जी का चश्मा रखा गया और साथ में एक 'एक कदम स्वच्छता की ओर' टैग लाइन भी रखी गई।[150][151]

स्वच्छ भारत अभियान के सफल कार्यान्वयन हेतु भारत के सभी नागरिकों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की। इस अभियान का उद्देश्य पाँच वर्ष में स्वच्छ भारत का लक्ष्य प्राप्त करना है ताकि बापू की 150वीं जयन्ती को इस लक्ष्य की प्राप्ति के रूप में मनाया जा सके। स्वच्छ भारत अभियान सफाई करने की दिशा में प्रतिवर्ष 100 घंटे के श्रमदान के लिए लोगों को प्रेरित करता है।[152]

प्रधानमंत्री ने मृदुला सिन्‍हा, सचिन तेंदुलकर, बाबा रामदेव, शशि थरूर, अनिल अम्‍बानी, कमल हसन, सलमान खान, प्रियंका चोपड़ा और तारक मेहता का उल्‍टा चश्‍मा की टीम जैसी नौ नामचीन हस्तियों को आमंत्रित किया कि वे भी स्‍वच्‍छ भारत अभियान में अपना सहयोग प्रदान करें। लोगों से कहा गया कि वे सफाई अभियानों की तस्‍वीरें सोशल मीडिया पर साझा करें और अन्‍य नौ लोगों को भी अपने साथ जोड़ें ताकि यह एक शृंखला बन जाए। आम जनता को भी सोशल मीडिया पर हैश टैग #MyCleanIndia लिखकर अपने सहयोग को साझा करने के लिए कहा गया।[153]

एक कदम स्वच्छता की ओर : मोदी सरकार ने एक ऐसा रचनात्मक और सहयोगात्मक मंच प्रदान किया है जो राष्ट्रव्यापी आन्दोलन की सफलता सुनिश्चित करता है। यह मंच प्रौद्योगिकी के माध्यम से नागरिकों और संगठनों के अभियान संबंधी प्रयासों के बारे में जानकारी प्रदान करता है। कोई भी व्यक्ति, सरकारी संस्था या निजी संगठन अभियान में भाग ले सकते हैं। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को उनके दैनिक कार्यों में से कुछ घण्टे निकालकर भारत में स्वच्छता सम्बन्धी कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना है।[154]

स्वच्छता ही सेवा : प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने 15 सितम्बर 2018 को 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान आरम्भ किया और जन-मानस को इससे जुड़ने का आग्रह किया। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के 150 जयन्ती वर्ष के औपचारिक शुरुआत से पहले 15 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम का बड़े पैमाने पर आयोजन किया जा रहा है। इससे पहले मोदी ने समाज के विभिन्न वर्गों के करीब 2,000 लोगों को पत्र लिख कर इस सफाई अभियान का हिस्सा बनने के लिए आमन्त्रित किया, ताकि इस अभियान को सफल बनाया जा सके।[155]

रक्षा नीति
भारतीय सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने एवं उनका विस्तार करने के लिये मोदी के नेतृत्व वाली नई सरकार ने रक्षा पर खर्च को बढ़ा दिया है। सन 2015 में रक्षा बजट 11% बढ़ा दिया गया। सितम्बर 2015 में उनकी सरकार ने समान रैंक समान पेंशन (वन रैंक वन पेन्शन) की बहुत लम्बे समय से की जा रही माँग को स्वीकार कर लिया।[156]

मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर भारत के नागा विद्रोहियों के साथ शान्ति समझौता किया जिससे 1950 के दशक से चला आ रहा नागा समस्या का समाधान निकल सके।[157]

२९ सितम्बर, २०१६ को नियन्त्रण रेखा के पार सर्जिकल स्ट्राइक।[158] tags: narender modi kaise bane bharat ke pradhan mantri
सीमा पर चीन की मनमानी का कड़ा विरोध और प्रतिकार।[159] (डोकलाम विवाद 2017 देखें)
26 फरवरी 2019 को, मोदी पाकिस्तान में बालाकोट आतंकवादी शिविर में हवाई हमले को अधिकृत करता है।[160]
घरेलू नीति
हजारों एन जी ओ का पंजीकरण रद्द करना।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को 'अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय' न मानना।
तीन बार तलाक कहकर तलाक देने के विरुद्ध निर्णय।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर लगाम।

 

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर लगातार दूसरी बार बृहस्पतिवार को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदी में ईश्वर के नाम पर शपथ ली. स्पष्ट जनादेश वाली गैर कांग्रेसी सरकार के प्रधानमंत्री के तौर पर लगातार दूसरी बार शपथ लेने वाले वह पहले नेता हैं.

शपथ लेने के बाद 68 वर्षीय नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के पास जाकर उनसे हाथ मिलाया और उनकी बधाई स्वीकार की.


मोदी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का नेतृत्व भी कर रहे हैं. शपथ समारोह में देश विदेश के विविध क्षेत्रों के गणमान्य लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे.

नरेंद्र मोदी के भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उनके मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने शपथ ली.

नरेंद्र मोदी के साथ 24 कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली, जिसमें राजनाथ सिंह और अमित शाह के अलावा पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर शामिल है.

राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित इस शपथ ग्रहण समारोह में करीब आठ हजार मेहमान शामिल हुए. वर्ष 2014 में मोदी को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दक्षेस देशों के प्रमुखों सहित 3500 से अधिक मेहमानों की मौजूदगी में शपथ दिलाई थी.

राष्ट्रपति भवन के प्रांगण का इस्तेमाल आम तौर पर देश की यात्रा पर आने वाले राष्ट्राध्यक्षों एवं सरकार के प्रमुखों के औपचारिक स्वागत के लिए किया जाता है.

इससे पहले 1990 में चंद्रशेखर और 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शपथ दिलायी गई थी.

शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक देशों- बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, म्यांमार के राष्ट्रपति यू. विन मिंट और भूटान के प्रधानमंत्री लोताय शेरिंग शामिल हुए.

थाईलैंड से उसके विशेष दूत जी. बूनराच ने देश का प्रतिनिधित्व किया. भारत के अलावा बिम्सटेक में बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं.

इन नेताओं के साथ-साथ शंघाई सहयोग संगठन के वर्तमान अध्यक्ष और किर्गिस्तान के वर्तमान राष्ट्रपति जीनबेकोव और मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ को भी शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया गया .

मोदी की अगुवाई में भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 542 सीटों में से 303 सीटें जीतकर सत्ता में बहुमत के साथ वापसी की है.

मोदी मंत्रिमंडल में 24 कैबिनेट मंत्री, 9 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार शामिल
नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में बृहस्पतिवार को उनके साथ 24 कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली, जिसमें राजनाथ सिंह और अमित शाह के अलावा पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर शामिल हैं.

मंत्रिपरिषद में नौ राज्य मंत्रियों ने (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शपथ ली. सरकार में पहली बार शामिल होने वालों में जयशंकर के अलावा प्रह्लाद जोशी, अर्जुन मुंडा और रमेश पोखरियाल निशंक शामिल हैं.

मोदी मंत्री परिषद में कैबिनेट मंत्री के रूप में राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, डीवी सदानंद गौड़ा, निर्मला सीतारमण, राम विलास पासवान, नरेंद्र सिंह तोमर, रविशंकर प्रसाद, हरसिमरत कौर बादल, थावर चंद गहलोत, एस. जयशंकर, रमेश पोखरियाल निशंक, अर्जुन मुंडा, स्मृति ईरानी और डॉ. हर्षवर्द्धन, प्रकाश जावडे़कर, पीयूष गोयल ने शपथ ली.


कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वालों में धर्मेंद्र प्रधान, मुख्तार अब्बास नकवी, प्रहलाद जोशी, डॉ. महेंद्र नाथ पांडे भी शामिल हैं.

संतोष कुमार गंगवार, राव इंद्रजीत सिंह, श्रीपद नायक, डॉ. जितेंद्र सिंह, किरेन रिजिजू, प्रहलाद पटेल, राजकुमार सिंह, हरदीप सिंह पुरी, मनसुख लाल मंडाविया ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर शपथ ली.

2014 में मोदी की पहली सरकार में 23 कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली थी.

नई सरकार में सुषमा स्वराज, राज्यवर्द्धन सिंह राठौर और मेनका गांधी शामिल नहीं है.

लोकसभा की अस्थायी अध्यक्ष बन सकती हैं मेनका गांधी
भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी 17वीं लोकसभा में अस्थायी अध्यक्ष (प्रो-टर्म स्पीकर) बन सकती हैं.

सूत्रों ने बताया कि आठ बार की सांसद मेनका को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है. इस बार वह उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर लोकसभा सीट से निर्वाचित हुई हैं.

मेनका इससे पहले की मोदी सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री थीं.

लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष सदन के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाता है. उसी के तहत ही लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव भी होता है.

आमजन से जुड़ने की मोदी की पहल

१५ अगस्त २०१९ को स्कूली बच्चों से मिलते हुए

०१ दिसम्बर २०१४ को कोहिमा में एक उत्सव में सम्मिलित नरेन्द्र मोदी। नागालैण्ड के मुख्यमन्त्री टी आर जेलियाङ भी मंच पर दिख रहे हैं।
देश की आम जनता की बात जाने और उन तक अपनी बात पहुँचाने के लिए नरेन्द्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के माध्यम से मोदी ने लोगों के विचारों को जानने की कोशिश की और साथ ही साथ उन्होंने लोगों से स्वच्छता अभियान सहित विभिन्न योजनाओं से जुड़ने की अपील की।[161]

 

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