हिमाचल: ‘नड्डा के घर’ में क्या बचेगी BJP की साख? त्रिकोणीय मुकाबले में कहीं हो न जाए अनहोनी

Himachal: Will BJP's credibility survive in 'Nadda's house'? May there be no untoward incident in a triangular contest

 

Mhara Hariyana News:

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है. नतीजे आठ दिसंबर को आएंगे. इस चुनाव में बिलासपुर सीट हॉट बनी हुई है. इसकी वजह है… भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा बिलासपुर से ही आते हैं. ऐसे में इस ‘सीट को जीतना’ नड्डा की साख के तौर पर भी देखा जा रहा है. पार्टी के स्थानीय नेता कहते हैं कि इस सीट पर बीजेपीविधायक सुभाष ठाकुर टिकट के दावेदारों में से एक थे. लेकिन, अंत में टिकट नड्डा के चहेते त्रिलोक जम्वााल को मिला. त्रिलोक जम्वाल का यह पहला चुनाव है और वह संगठन में बेहद सक्रिय रहे हैं.


चुनाव से पहलेत्रिलोक जम्वााल मुख्यामंत्री जयराम ठाकुर के राजनीतिक सलाहकार रह चुके हैं. इसके अलावा वह संगठन में पार्टी के महासचिव भी रहे थे. उनके पास दो-दो पद थे. इसके बावजूद उन्हें टिकट दिया गया. इससे भाजपा के कई स्थानीय नेताओं में गुस्सा था. ऐसा कहा जाता है कि जम्वााल ने मुख्यमंत्री कार्यालय में रह कर लोगों के काम भी खूब करवाए और कभी कोई विवाद भी नहीं हुआ. स्थानीय नेता कहते हैं कि नड्डा के इशारे से ही वह एक सलाहकार के तौर पर मुख्यमंत्री कार्यालय में काम कर रहे थे.

त्रिलोक जम्वाल को टिकट दिए जाने से स्थानीय नेताओं में था रोष
भाजपा के मौजूदा विधायक सुभाष ठाकुर का टिकट काट दिए जाने के बाद त्रिलोक जम्वाल को टिकट तो दे दिया गया, लेकिन इससे बिलासपुर भाजपा में रोष फैल गया. हालांकि, नड्डा ने मौजूदा विधायक सुभाष ठाकुर को बागी नहीं होने दिया. लेकिन भाजपा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य सुभाष शर्मा बागी होकर बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतर गए.