निशाना बनाए जाने के खौफ से जमानत देने से डरते हैं निचली अदालतों के जज- चीफ जस्टिस

Judges of lower courts are afraid to grant bail for fear of being targeted - Chief Justice

 

Mhara Hariyana News:

भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ अदालतों में पेंडिंग मामलों को जल्द से जल्द नतीजों तक पहुंचाना चाहते हैं. पूर्व CJI यूयू ललित की तरह ही उनकी भी यही कोशिश है कि देश में किसी भी नागरिक को न्याय मिलने में देरी न हो और अदालतों में पेंडिंग केसों का जल्द निपटारा हो. उन्होंने शनिवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक समारोह में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिला अदालतों के जज निशाना बनाए जाने के डर से जमानत देने से हिचकिचाते हैं. चंद्रचूड़ ने कहा कि निचली अदलातों के जजों द्वारा जमानत नहीं दिए जाने की वजह से उच्च अदालत जमानत याचिकाओं से भर गई हैं.


सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘जिला अदालतें देश की न्यायिक प्रणाली के मामलों में उतनी ही जरूरी हैं जितना कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट हैं. निचली अदलतों के जज जमानत देने से झिझकते हैं. ऐसा इसलिए नहीं कि वे क्राइम की गंभीरता को नहीं समझते, बल्कि उन्हें इस बात का डर लगता है कि कई जघन्य मामलों में जमानत देने पर उन्हें निशाना बनाया जा सकता है. उनके डर की वजह से उच्च अदालत जमानत याचिकाओं से भर गई हैं.’ चीफ जस्टिस ने जिला अदालतों पर भरोसा करना सीखने की जरूरत पर जोर देते हुए आगे कहा कि यह सच में न्याय की तलाश करने वाले आम नागरिकों की जरूरतों को पूरा करेगी.

समारोह में कानून मंत्रीरिजिजू भी रहे मौजूद
सीजेआई चंद्रचूड़ ने न्यायपालिका, जिला न्यायपालिका, न्यायिक बुनियादी ढांचे, कानूनी शिक्षा और न्यायिक प्रणाली में महिलाओं की हिस्सेदारी और टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के बारे में भी बात की. सीजेआई ने कहा कि एक स्वतंत्र बार अदालत की स्वतंत्रता के साथ अटूट रूप से जुड़ा हुआ है और इसका कारण यह है कि जजों के रूप में हमारे पास कोई व्यक्तिगत बचाव या खुद का बचाव करने का कोई प्लेटफॉर्म नहीं है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सीजेआई के रूप में नियुक्त होने पर चंद्रचूड़ को सम्मानित करने के लिए इस समारोह का आयोजन किया था. इस कार्यक्रम में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद रहे.

रिजिजू ने तबादलों को लेकर कई वकीलों के चीफ जस्टिस से मिलने की इच्छा पर चिंता जताई. उन्होंने कहा, ‘मैंने सुना है कि ट्रांसफर को लेकर कुछ वकील सीजेआई से मिलना चाहते हैं. यह एक पर्सनल मैटर हो सकता है, लेकिन अगर आप अलग से देखें तो यह कई मुद्दों में एक मुद्दा है. हालांकि अगर यह कॉलेजियम के हर फैसले, जिसका सरकार समर्थन करती रहती है, पर बार-बार होने वाली घटना हो जाए तो यह कहां तक जाएगा. ऐसे में पूरा आयाम ही बदल जाएगा.’

बार एसोसिएशन से मुलाकात को तैयार हुए चंद्रचूड़
बता दें कि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ गुजरात हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से उसके वकीलों के वर्तमान प्रदर्शन के मद्देनजर 21 नवंबर को मिलने के लिए तैयार हो गए हैं. ये वकील जस्टिस निखिल एस. कारियल का पटना हाईकोर्ट में तबादला किए जाने की कॉलेजियम की सिफारिश का विरोध कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, कॉलेजियम ने हाल में हाईकोर्टों के तीन जजों का प्रशासनिक कारणों से तबादला करने की सिफारिश की है.