SCO में मोदी का संबोधन:PM बोले- भारत में 70 हजार स्टार्टअप, 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न..

उज्बेकिस्तान के समरकंद में हो रही शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन, यानी SCO की बैठक का पहला राउंड खत्म हुआ।
 

Mhara Hariyana News:

उज्बेकिस्तान के समरकंद में हो रही शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन, यानी SCO की बैठक का पहला राउंड खत्म हुआ। इस मीटिंग में SCO के सुधार और विस्तार, रीजनल सिक्योरिटी, सहयोग, कनेक्टिविटी को मजबूत करने और व्यापार को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई। इस दौरान PM मोदी ने कहा- भारत SCO सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और विश्वास का समर्थन करता है।

उन्होंने कहा- दुनिया कोविड महामारी से उबर रही है। यूक्रेन क्राइसिस और कोरोना की वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन में कुछ दिक्कतें आई हैं। विश्व ऊर्जा और खाद्य संकट का सामना कर रहा है। SCO देशों के बीच सप्लाई चेन विकसित करने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए बेहतर कनेक्टिविटी की जरूरत है।


PM मोदी ने कहा- इस साल भारत की अर्थव्यवस्था के 7.5 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। मुझे खुशी है कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
टेक्नोलॉजी पर फोकस है
हम भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब में बदलना चाहते हैं। भारत का युवा और वर्क फोर्स उसे स्वाभाविक रूप से कॉम्पिटिटिव बनाता है। अर्थ व्यवस्था में 75% वृद्धि की आशा है, जो दुनिया की बड़ी इकोनॉमी में सबसे ज्यादा है। टेक्नोलॉजी के उचित उपयोग पर भी फोकस दिया जा रहा है। हम इनोवेशन का समर्थन कर रहे हैं। भारत में 70 हजार से अधिक स्टार्टअप हैं, इनमें 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। हम नए स्पेशल वर्किंग ग्रुप की स्थापना करके SCO सदस्यों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं।

मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देना होगा
विश्व आज एक और बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है, वो है नागरिकों की खाद्य सुरक्षा निश्चित करना। इसका समाधान मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देना है। ये विश्व के कई हिस्सों में हजारों सालों से उगाया जा रहा है। ये खाद्य का उत्तम साधन है। 2023 को ईयर ऑफ मिलेट्स के तौर पर मनाया जाएगा। भारत विश्व के मेडिकल टूरिज्म के लिए सबसे उचित डेस्टिनेशन है। हमने गुजरात में ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रैडीशनल मेडिसिन का उद्घाटन किया। हमें SCO देशों के बीच ट्रैडीशनल मेडिसिन पर सहयोग बढ़ाना चाहिए। भारत इसके लिए पहल करेगा।


जिनपिंग, शाहबाज शरीफ से मोदी की मुलाकात पर सस्पेंस
PM मोदी की पाकिस्तान के PM शाहबाज शरीफ और चीन के राष्ट्रपति ​​​​​​शी जिनपिंग के साथ मुलाकात पर सस्पेंस बना हुआ है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर प्रधानमंत्री मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और शाहबाज शरीफ से मिलते हैं, तो ये मुलाकात भारतीय फॉरेन पॉलिसी के लिए बहुत अहम होगी।

भारत-चीन के बीच सीमा विवाद गहराने के बाद मोदी-जिनपिंग की ये पहली मुलाकात होगी। वहीं, पाकिस्तान में इमरान खान के पद से हटने के बाद मोदी पहली बार शाहबाज शरीफ से मिलेंगे।


पुतिन से रूस-यूक्रेन जंग और कच्चे तेल की बिना बाधा सप्लाई पर बात करेंगे मोदी
पुतिन से PM मोदी की मुलाकात में दोनों नेता रूस-यूक्रेन जंग और फूड सिक्योरिटी जैसे अहम मसलों पर बातचीत करेंगे। रूस की ओर से जारी बयान के मुताबिक, स्ट्रैटजिक स्टेबिलिटी, एशिया-पैसिफिक रीजन की स्थिति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बताया कि PM मोदी पुतिन से सस्ते कच्चे तेल की बिना किसी बाधा के सप्लाई बातचीत कर सकते हैं।

इस बीच, गुरुवार को दिल्ली में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति जारी रहेगी। यह इस साल नए रिकॉर्ड को छुएगी। भारत को सस्ता तेल चाहिए, वहीं रूस को नए बाजार की दरकार है।

भारत 2017 में SCO में शामिल हुआ


SCO यानी शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन का गठन 2001 में हुआ था। SCO एक पॉलिटिकल, इकोनॉमिकल और सिक्योरिटी ऑर्गेनाइजेशन है। भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान समेत इसके कुल 8 स्थाई सदस्य हैं। शुरुआत में SCO में छह सदस्य- रूस, चीन, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान​​​​​​, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान थे। 2017 में भारत और पाकिस्तान के भी इससे जुड़ने से इसके स्थाई सदस्यों की संख्या 8 हो गई। 6 देश- आर्मीनिया, अजरबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और टर्की SCO के डायलॉग पार्टनर हैं। 4 देश- अफगानिस्तान, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया इसके ऑब्जर्वर सदस्य हैं।

LAC पर तनाव घटा, फिर भी जिनपिंग से मुलाकात की उम्मीद कम- आखिर वजह क्या है
भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी LAC पर तनाव कम होने के बावजूद उजबेकिस्तान में मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात पर सस्पेंस है। मोदी और जिनपिंग की SCO समिट से इतर मुलाकात पर चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री के साथ वहां का मीडिया भी चुप्पी साधे है। पढ़ें पूरी खबर...

अमेरिकी दबदबे वाले NATO का एशियाई काउंटर है SCO; भारत ने चीन को 2 बार झुकाया, मेंबर्स के साथ दोगुना किया व्यापार


SCO का एक प्रमुख उद्देश्य सेंट्रल एशिया में अमेरिका के बढ़ते प्रभाव का जवाब देना है। कई एक्सपर्ट SCO को अमेरिकी दबदबे वाले NATO के काउंटर के रूप में देखते हैं। 1949 में अमेरिकी अगुआई में बने NATO के अब 30 सदस्य हैं। SCO में शामिल चार परमाणु शक्ति संपन्न देश भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान NATO के सदस्य देश नहीं हैं। इनमें से तीन देश- भारत, रूस और चीन इस समय अर्थव्यवस्था और सैन्य ताकत के लिहाज से दुनिया की प्रमुख महाशक्तियों में शामिल हैं। यही वजह है कि SCO को पश्चिमी ताकतवर देशों के सैन्य संगठन NATO के बढ़ते दबदबे का जवाब माना जाता है। पढ़ें पूरी खबर...

SCO में नहीं मिले जयशंकर-बिलावल, 1 फीट दूरी पर बैठे थे


भारत और पाकिस्तान के बीच तल्खियां जारी हैं। उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में दोनों देशों के विदेश मंत्री शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) की मीटिंग में मौजूद थे। एक मौके पर तो हमारे विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के फॉरेन मिनिस्टर बिल्कुल बगल की सीटों पर मौजूद थे। इसके बावजूद बातचीत होना तो दूर दोनों के बीच किसी तरह की दुआ-सलाम तक नहीं हुई। पढ़ें पूरी खबर...