उदयपुर में पटरी ब्लास्ट में आतंकी साजिश? दहशत फैलाना था मकसद, ATS-SOG ने किया दौरा

Terrorist conspiracy in track blast in Udaipur? The aim was to spread terror, ATS-SOG visited

 

Mhara Hariyana News:

राजस्थान में उदयपुर-अहमदाबाद रेल मार्ग पर ओढा गांव में स्थित रेलवे ब्रिज पर शनिवार रात हुए ब्लास्ट के पीछे आतंकी कनेक्शन के सबूत मिले हैं. मिली जानकारी के मुताबिक मामले की जांच कर रही एजेंसियों को मिले इनपुट्स के आधार पर माना जा रहा है कि घटना को अंजाम किसी आतंकी संगठन के इशारे पर दिया गया है जहां माना जा रहा है कि धमाके का मकसद दहशत फैलाना रहा है. हालांकि अभी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. वहीं स्थानीय पुलिस ने 3 युवकों को हिरासत में लिया है जिनसे पूछताछ की जा रही है. इससे पहले जानकारी मिली थी कि ब्लास्ट को अंजाम देने के लिए किसी लोकल नेटवर्क का इस्तेमाल किया गया जिन्होंने ट्रैक पर बम लगाए थे.


हालांकि शनिवार रात हुए उदयपुर-अहमदाबाद रेल मार्ग विस्फोट में कोई बड़ा हादसा होने से टल गया था. वहीं इधर विस्फोट के बाद रेलवे ने एक बार फिर से ट्रैक पर रेलों का संचालन सोमवार सुबह से शुरू कर दिया था.

बता दें कि घटना के बाद से ही नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए), इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी), नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) के साथ राजस्थान पुलिस की एटीएस ब्रांच, गुजरात एसटीएफ की टीमें मामले की संयुक्त रूप से जांच कर रही है. अभी तक की जांच में पाया गया है कि धमाके में किसी पेशेवर का हाथ हो सकता है जो किसी आतंकी या नक्सली संगठन से जुड़ा हुआ है.

UAPA के तहत मामला दर्ज
वहीं मामले में पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर में अनलॉफुल एक्टीविटीज प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है. मालूम हो कि सितंबर में उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों को भी इसी ऐक्ट में मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था.

वहीं इस मामले के हाल में हुए अहमदाबाद में गारमेंट्स शोरूम में आग लगाने के मामले में गिरफ्तार प्रवीण वंजारा, अनिल खटीक, अंकित पाल से पूछताछ की जा रही है जिनसे पता चला है कि वह आतंकियों के संपर्क में थे. अभी तक की जांच में पता चला है कि उनके इशारों पर ही पुल पर धमाके की घटना को अंजाम दिया गया था.

घटना स्थल के आसपास गांवों में दबिश
वहीं घटना के बाद मंगलवार को राजस्थान एटीएस एडीजी अशोक राठौड़ के नेतृत्व में जांच दल ग्राउंड जीरो पर पहुंचा जहां 3 लोगों को संदेह के आरोप में हिरासत में लिया गया है. वहीं जांच एजेंसी 10- 12 किलोमीटर के पूरे एरिया को खंगाल रही है और इलाके में करीब 13 हज़ार फोन कॉल के डिटेल्स की जांच की जा रही है.