Chandrayaan-3: Rover ने लैंडर से 100 मीटर से ज्यादा की दूरी तय की; शुरू हुई स्लीप मोड प्रक्रिया

 

Mhara Hariyana News, Sriharikota (AP)
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस Somnath ने शनिवार को बताया कि चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के Rover और lander अच्छी तरह से काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि Rover प्रज्ञान ने lander से करीब 100 मीटर की दूरी तय कर ली है। 
ISRO प्रमुख ने बताया कि Rover प्रज्ञान और lander विक्रम को 'sleep' मोड में डालने की प्रक्रिया एक या दो दिन में शुरू होगी, क्योंकि उस दौरान उन्हें चंद्रमा पर रात्रि का सामना करना पड़ेगा। इस बीच, चंद्रमा के ऊपर Rover प्रज्ञान 100 मीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है और उसकी यात्रा जारी है।

ISRO के अध्यक्ष एस Somnath ने कहा कि  lander विक्रम और Rover प्रज्ञान अभी भी काम कर रहे हैं और वैज्ञानिक उपकरणों के साथ हमारी टीम अब भी बहुत काम कर रही है। उन्होंने कहा, "अच्छी खबर यह है कि Rover lander से लगभग 100 मीटर दूर चला गया है और हम आने वाले एक या दो दिनों में उन दोनों को सुलाने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं क्योंकि उन्हें रात का सामना करना पड़ेगा।" ISRO प्रमुख ने पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ का आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण के बाद मिशन नियंत्रण केंद्र से अपने संबोधन में यह जानकारी दी।

Rover प्रज्ञान ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर रिकॉर्ड की अद्भुत घटना
इससे पहले ISRO ने गुरुवार को बताया था कि चांद की सतह पर घूम रहे Rover प्रज्ञान ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर एक अद्भुत घटना को रिकॉर्ड किया है। इसे एक प्राकृतिक घटना माना जा रहा है और ISRO इस घटना के स्त्रोत के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहा है। दरअसल, Rover प्रज्ञान ने चांद पर एक खास भूकंपीय कंपन को रिकॉर्ड किया है। 

ISRO ने Tweet कर दी जानकारी
इन सिचुएशन वैज्ञानिक प्रयोग के तहत चंद्रयान -3 के lander पर लगे ILSA (इंस्ट्रूमेंट ऑफ लूनर सीस्मिक एक्टिविटी) पेलोड माइक्रो इलेक्ट्रो मैकेनिकल सिस्टम्स टेक्नोलॉजी से लैस है। पहली बार चांद पर ऐसा इंस्ट्रूमेंट भेजा गया है। 
Rover प्रज्ञान और अन्य पेलोड की मूवमेंट को रिकॉर्ड किया। इसी दौरान 26 अगस्त 2023 को एक घटना भी रिकॉर्ड हो गई। यह घटना अभी प्राकृतिक लग रही है। हालांकि इसकी जांच की जा रही है। 

ISRO ने बताया कि ILSA पेलोड ने Rover प्रज्ञान और अन्य पेलोड्स की चांद पर मूवमेंट के कारण एक कंपन को रिकॉर्ड किया है। ILSA में छह हाई-सेंसिटिविटी एक्सेलोमीटर्स लगे हैं। इन एक्सेलोमीटर्स ने चंद्रमा की सतह पर उठने वाली कंपन को मापा है। 
ILSA पेलोड को बंगलुरू के लैबोरेटरी फॉर इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स सिस्टम द्वारा डिजाइन किया गया है। इसमें निजी कंपनियों ने भी मदद की है। वहीं ILSA को चांद पर डिप्लोय करने के मैकेनिज्म को बंगलुरू के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में तैयार किया गया है।