हर रोज चेकिंग के बाद भी तिहाड़ के कैदी कैसे बना लेते हैं खतरनाक हथियार?

 

Mhara Hariyana News, New Delhi

देश की सबसे हाई सिक्योरिटी Jail में मंगलवार को कुख्यात Gangster Tillu ताजपुरिया की हत्या कर दी गई थी। यह हत्या गोगी गैंग के चार गुर्गों ने की थी। ताजपुरिया की हत्या के बाद Jail में Gangwar की आशंका के चलते Jail में प्रशासन ने अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है। तिहाड़ से कुछ हथियारों की रिकवरी की गई है। चौंकाने वाली बात ये है कि ये हथियार कैदी पंखे के ब्लेड से बना लेते हैं।

कैदियों ने फैन के ब्लेड को तोड़कर बनाया था
तिहाड़ Jail से बरामद हथियारों को कैदियों ने फैन के ब्लेड को तोड़कर बनाया था। कैदियों ने पंखे के ब्लेड पत्थर पर घिसकर चाकू की तरह तैयार कर दिए तो कुछ को खतरनाक तरीके से नुकीला बना दिया था। 
कैदी इन्हीं हथियारों से हमला करते हैं। कई बार टाइल्स को तोड़कर उसका चाकू बना लेते हैं। इस तरह के हथियारों की रिकवरी हाल ही में तिहाड़ Jail में हुई थी।

अब सवाल ये है कि ऐसे हथियारों को बनाने में काफी समय लगता है, क्योंकि इसके लिए पत्थर पर कई दिन तक घिसना पड़ता है, जबकि Jail प्रशासन रोजाना हर बैरक की जांच करता है। फिर इस तरह कैसे Jail प्रशासन को इस सबकी भनक नहीं लग पाती? या फिर Jail में सब कुछ मिलीभगत से चल रहा है?

लारेंस बिश्नोई ने कैसे किया था फोन का इस्तेमाल?
तिहाड़ Jail में बंद बड़े अपराधियों में अगर अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन का नाम आता है तो सजायाफ्ता आतंकी यासीन मलिक का नाम भी शामिल है। इसके अलावा नामी Gangster और सरगनाओं में नीरज बवाना, काला जठेड़ी, नासिर उर्फ छेनू, अनिल भाटी, नवीन बाली, रोहित चौधरी, रोहित मोई, हाशिम बाबा, दीपक बॉक्सर, संपत नेहरा, हड्डी, अट्टे, किकड़ी, बीड़ी, चवन्नी-अट्ठन्नी जैसे तमाम नाम शामिल हैं।

तिहाड़ में कर दी गई थी Gangster की हत्या
मंगलवार को तिहाड़ Jail में Gangster Tillu ताजपुरिया की हत्या कर दी गई थी। यह इस तरह का कोई अकेला मामला नहीं है, बल्कि साल दर साल यहां ऐसी वारदातें होती रही हैं। 
Tillu का कत्ल पिछले 19 दिनों में तिहाड़ Jail में हुई दूसरी वारदात है, जब कैदियों ने Gangwar में किसी की जान ली है। अब से चंद रोज पहले तिहाड़ के अंदर ऐसे ही प्रिंस तेवतिया की जान ले ली गई थी।

Jail में कभी भी हो सकती है Gangwar
असल में तिहाड़ में दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के अलग-अलग गैंग एक-दूसरे के साथ गठजोड़ बना कर क्राइम सिंडिकेट की तरह काम कर रहे हैं और अपनी-अपनी सुविधा के हिसाब से ये सारे गैंग एक-दूसरे से दुश्मनी रखते हैं। इनमें से ज्यादातर गैंग के या तो गुर्गे या फिर सरगना अब भी तिहाड़ Jail में बंद हैं। ऐसे में Jail के अंदर कभी भी फिर से Gangwar हो सकती है।

Jail में दो गुटों के बीच होता रहा है टकराव
दिल्ली पुलिस कि रिकॉर्ड के मुताबिक, एक तरफ लॉरेंस बिश्नोई गैंग, काला जठेड़ी गैंग, जितेंद्र गोगी गैंग, राजस्थान का आनंदपाल गैंग और सुब्बे गुर्जर गैंग का एक सिंडिकेट है। वहीं दूसरी ओर देवेंद्र बंबीहा गैंग, नीरज बवाना गैंग, Tillu ताजपुरिया गैंग, संदीप ढिल्लू गैंग और हरियाणा का कौशल जाट गैंग एकजुट होकर मोर्चा लिए खड़ा है।

ये सारे के सारे गैंग अक्सर एक दूसरे को चुनौती देते रहते हैं और एक दूसरे से खून के प्यासे हैं। इन्हीं गैंग्स के गुर्गे दशकों से तिहाड़ Jail में एक दूसरे से टकराते और उनकी जान लेते रहे हैं। Jail के बाहर और Jail के अंदर शह मात का सिलसिला जारी है।