आबादी एरिया में बाइक के सामने आया लेपर्ड, दहाड़ सुन बाइक छोड़ भागे युवक

 

Mhara Hariyana News, Ajmer
अजमेर के आबादी एरिया में लेपर्ड की मूवमेंट लगातार बढ़ती जा रही है। शुक्रवार रात भी लेपर्ड आबादी एरिया में आ गया। 
इस दौरान वहां से निकल रहे बाइक सवार के सामने आ गया और दहाड़ मारने लगा। ये देख बाइक सवार बाइक छोड़कर वहां से भाग गए। 

कार सवार ने बनाया वीडिया
इधर, इस पूरे घटनाक्रम का एक कार सवार ने वीडियो बना लिया। लेपर्ड की सूचना पर वन विभाग की टीम भी अलर्ट हो गई। मामला अजमेर के तारागढ़ का है, लेपर्ड आने की सूचना के बाद से लोग डरे हुए हैं।

लोगों की मांग पर लगाया पिंजरा
तारागढ़ रोड पर देर रात तक स्थानीय लोगों के साथ ही जायरीनों की आवाजाही लगी रहती है। दरअसल, ये वीडियो 17 मार्च की रात तारागढ़ की पहाड़ी पर पृथ्वीराज स्मारक मोड़ का बताया जा रहा है।

17 मार्च की रात की घटना
बाइक सवार दो युवक रात करीब 10 बजे तारागढ़ की तरफ जा रहे थे। इस दौरान तारागढ़ से लगती हुई पहाड़ियों के आस-पास अचानक से लेपर्ड आ गया। 
बाइक सवार युवकों को इसका अंदाजा भी नहीं था कि आगे लेपर्ड बैठा है। लेकिन, जैसे ही बाइक सवार युवक आगे की तरफ बढ़े तो अचानक लेपर्ड सामने आया और दहाड़ मारने लगा।

ये देख बाइक सवार युवकों के होश उड़ गए। वे बाइक छोड़कर वहां से भाग गए। इस दौरान वहां से निकल रहे एक कार सवार ने ये वीडियो बना लिया और इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी।

क्षेत्रवासियों की मांग पर लगाया पिंजरा
गर्मी बढ़ने के साथ ही जंगलों में खाने और पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण लेपर्ड रास्ता भटककर आबादी क्षेत्र की ओर रुख कर रहे हैं। तारागढ़ में भी इसी कारण से पिछले कई दिनों से लेपर्ड का मूवमेंट हो रहा है। 

एक बार लेपर्ड देखा गया है : वन रेंजर
वन विभाग के रेंजर देशराज ने बताया कि यह पहाड़ी और जंगल एरिया है तो लेपर्ड एक बार देखा गया था। स्थानीय लोगों को इसके बारे में पता चला तो वे दहशत में आग गए और पिंजरा लगाने की मांग की। 
इस घटना के बाद लगातार गश्त की जा रही है। पिंजरा भी लगाया लेकिन अभी तक लेपर्ड का मूवमेंट नजर नहीं आया।

इसलिए बढ़ रहा है संकट
मगरा क्षेत्र लेपर्ड के लिए अब असुरक्षित जोन बनता जा रहा है। टॉडगढ़-रावली से जुड़ी ब्यावर रेंज दस हजार हैक्टेर में फैली हुई है। 
इस क्षेत्र में खनन सहित अन्य हस्तक्षेप के बाद लेपर्ड पर संकट मंडरा रहा है। कुंभलगढ़ अभ्यारण्य से टॉडगढ़-रावली अभ्यारण्य जुड़ा हुआ है। करीब दौ सौ किमी की इस क्षेत्र में कई वन्य जीव विचरण करते है। रावली अभ्यारण्य से निकलकर यह लेपर्ड जैसे ही ब्यावर, पुष्कर व अजमेर की सीमा में प्रवेश करते है, इनका संकट शुरू हो जाता है।

यहां आते-आते जंगल की चौड़ाई महज चालीस से पचास किलोमीटर तक रह जाती है। इसके बीच में कई स्थान पर अवैध खनन हो रहा है। इसके चलते लेपर्ड सहित अन्य वन्य जीव भटककर आबादी क्षेत्र में आ जाते है।