तुगलक की तरह रातों-रात फैसला ले लेते हैं प्रधानमंत्री: प्रभुराम

 


सिरसा। केंद्र सरकार द्वारा 2000 के नोट अचानक से बंद करने के फैसले पर टिप्पणी करते हुए टीम दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा के मीडिया कोर्डिनेटर प्रभुराम ने कहा कि इस बात से यह साफ  हो जाता है कि नोटबंदी बिल्कुल फेल हुई है। 2000 के नोट को बंद करना सरकार की दूसरी विफलता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जब नोटबंदी की थी, तब कहा था कि काला धन वापस आ जाएगा, लेकिन काला धन तो वापस आया नहीं उल्टा स्विस बैंक में काले धन की मात्रा दोगुनी हो गई।

प्रभुराम ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ  रात्रि 11 बजे अचानक गैर संवैधानिक, गैर लोकतांत्रिक, संघीय ढांचे के खिलाफ  अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्थगित करना स्पष्ट करता है कि अपना वजूद बचाने के लिए सरकार किसी भी स्तर तक जा सकती है। सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ के फैसले को स्थगित करना संविधान और लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने कहा कि कहा कि जिस तरह तुगलक रातों-रात फैसले ले लेता था और किसी से पूछता नहीं था।

वैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अचानक कोई भी फैसला ले लेते हैं। पीएम मोदी की जब नींद खुलती है तब रात के 12 बजे कभी कहते हैं कि जीएसटी चालू। एक दिन रात के 8 बजे कहते हैं 500 और 1000 रुपये के नोट कागज हो गए। देश की जनता प्रधानमंत्री मोदी से जवाब चाहती है। देश की जनता के सामने पीएम मोदी स्पष्टीकरण दें कि उन्होंने इस वजह से 2000 रुपये के नोट छापे थे और इस वजह से नोट बंद कर रहे हैं। नोट छापने में कितनी संपत्ति खर्च हुई, इसका भी जवाब दें।