जामा मस्जिद के शाही इमाम ने की मोदी से गुजारिश, मुसलमानों के मन की बात सुनें
नई दिल्ली
Jama Masjid Shahi Imam to PM Modi: राजधानी दिल्ली स्थिति जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक बड़ी गुजारिश की है। उन्होंने पीएम मोदी से मुसलमानों के मत की बात सनने की अपील की है। शाही इमाम का कहना है कि देश में मुसलमान की स्थिति दलितों से भी बदतर हो गई है।
Jama Masjid Shahi Imam to PM Modi: देश आज सांप्रदायिकता की गिरफ्त में है। ये सांप्रदायिकता देश के लिए बड़ा खतरा है। खुलेआम एक धर्म के मानने वाले लोगों को धमकी दी जा रही है। पंचायतें करके कहा जा रहा है कि मुसलमानों का बायकॉट करो... यह कहना है कि दिल्ली के जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी का। शुक्रवार को जुमे की नमाज से पहले उन्होंने पीएम मोदी से एक बड़ी गुजारिश की। उन्होंने प्रधानमंत्री से मुसलमानों के मन की बात सुनने की अपील की। उन्होंने कहा कि पीएम आप मन की बात करते हैं, मुसलमानों के मन की बात भी सुनिए। इमाम ने कहा कि मुस्लिम इन हालातों से परेशान हैं, वो सोच रहे हैं कि मुल्क का क्या भविष्य होगा? मुसलमान ही नहीं हिंदू, ईसाई और सिख भी यही सोच रहे हैं। एक धर्म को मानने वालों को खुलेआम धमकी दी जा रही है।
हमें मुसलमान होने की दी जा रही सजाः इमाम
शाही इमाम ने आगे कहा कि हमें सजा इसलिए दी जा रही है क्योंकि हम मुसलमान हैं। यह सबको पता है कि ये सब चुनाव की वजह से कराया जा रहा है। कोई भी पार्टी हमेशा सत्ता में नहीं रहने वाली। प्रधानमंत्री जी हालात को समझें और गौर करें। आजादी के 75 साल बाद भी मुसलमानों को सामाजिक न्याय नहीं मिला। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट इसका आईना है। हमारे लिए कमीशन बनाए जाते रहे लेकिन कुछ नहीं हुआ। हमारे हालात दलितों से भी बदतर हैं।
क्या कभी मुसलमान ने दूसरे धर्म के बायकॉट की बात की?
शाही इमाम ने कहा कि क्या कभी 57 देशों के मुसलमानों ने किसी गैर धर्म के लोगों के बायकॉट की बात कही है? कल तक हम सब साथ रहते थे, लेकिन कुछ कट्टरपंथियों ने इस देश की हवा को खराब कर दिया है। इन्हीं सबके लिए क्या देश को आजाद कराया गया था?
बुखारी ने कहा कि मैं हिंदुस्तान के मुसलमानों की ओर से कह रहा हूं कि हम सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। हम से बात कीजिए, हिंदू नेताओं से भी बात कीजिए और फिर एक संयुक्त बैठक कीजिए। इन हालात का हल तलाश कीजिए ताकि नफरत के इस माहौल से मुल्क को बचाया जा सके।
इन घटनाओं के कारण शाही इमाम ने की यह अपील
शाही इमाम की ये गुजारिश पढ़कर अब आप सोच रहे होंगे कि उन्होंने ऐसी बातें क्यों की। इसका जवाब भी शाही इमाम ने खुद अपने संबोधन में दिया। शाही इमाम ने कहा कि हाल में हुई घटनाओं ने देश के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मणिपुर, मेवात, ट्रेन में मुसलमानों को मारना, गुरुग्राम में बेगुनाह इमाम का कत्ल, नूंह में बेगुनाहों के घर गिराए गए हैं।
गृह मंत्री से भी मुस्लिम प्रतिनिधियों के बात करने की अपील
बुखारी ने कहा- मै यही कहूंगा कि मैं जुनून का हमसफर हूं। मेरा कोई घर नहीं। आज ये हालत मेवात के मुसलमानों के हैं, उनके पास घर नहीं, उनके घरों पर बुलडोजर चला दिया गया। भारत का कोई कानून क्या ये कहता है कि बिना जांच के लोगों के घर गिरा दिए जाएं?
जामा मस्जिद के शाही इमाम ने आगे कहा कि हम हिंसा का समर्थन नहीं करते, जो हुआ वो दर्दनाक है। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के लिए ये अच्छा नहीं है। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से भी दिल बड़ा कर मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों से बात करने की अपील की।
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