राजस्थान फीडर में तैर रही बोतलें निकालने गए दो युवकों की डूबकर मौत

 

Mhara Hariyana News, Chandigarh

पंजाब के मुक्तसर जिले के गांव भुल्लर के पास राजस्थान फीडर में बनी दलदल में फंसने से दो युवकों की मौत हो गई। मृतक युवक शहर की एक झुग्गी-झोंपड़ी में रहते थे और सड़कों आदि से प्लास्टिक, लोहा आदि एकत्र कर बेचने का कार्य करते थे। फीडर में दोनों ने कुछ बोतलें तैरती देखी तो बेचने के लिए उन्हें निकालने को उतर गए, मगर दलदल में फंसने से दोनों की मौत हो गई।

गोपी व बब्बू कागज बीनते थे
जानकारी अनुसार मुक्तसर की जोगियां वाली बस्ती निवासी 20 वर्षीय गोपी पुत्र धन्ना नाथ तथा उसका साथी हनुमान बस्ती का रहने वाला 14 वर्षीय बब्बू पुत्र बीरा नाथ दोनों कागज, प्लास्टिक, लोहा आदि एकत्र कर बेचते थे। भीम क्रांति संस्था के संस्थापक अशोक महिंदरा ने बताया कि शनिवार को भी रोजाना की तरह दोनों अपने अन्य साथियों सहित प्लास्टिक की बोतलें, लोहा आदि एकत्र करने के लिए निकले थे।

नहर में तैर रही थी बोतलें
उन्हें भुल्लर गांव के पास राजस्थान फीडर नहर में कुछ बोतलें तैरती हुई दिखाई दी। नहर में पानी कम था। गोपी व बब्बू अपने अन्य चार साथियों को किनारे पर खड़ा कर खुद नहर में उतर गए। मगर वे नहर में आगे कुछ ही दूरी पर बनी दलदल में फंस गए।

उन्होंने काफी शोर मचाया तो आस-पास मौजूद लोगों ने फीडर में कूद उन्हें बचाने का प्रयास किया। मगर वे धीरे-धीरे दलदल में धंसते चले गए। कुछ लोगों ने थाना सदर पुलिस को भी सूचना दे दी। मौके पर पुलिस भी पहुंच गई।

क्रेन के जरिए निकाले शव
कुछ देर बाद पुलिस की मदद से क्रेन के जरिए दोनों युवकों को तलाशने का कार्य शुरु हुआ और दोनों के शव बाहर निकाले गए। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है।

प्रशासन व सरकार झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले बच्चों की शिक्षा की ओर दे ध्यानः महिंदरा
भीम क्रांति संस्था के संस्थापक अशोक महिंदरा ने बताया कि पहले भी झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले लोगों के साथ ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। प्रशासन व सरकार को चाहिए कि झुग्गियों में रहने वाले बच्चों का स्कूलों में दाखिला करवा कर उन्हें शिक्षित करने पर जोर दे, ताकि वह बेकार के काम-धंधे छोड़ कर पढ़ाई में ध्यान लगाएं। 
महिंदरा के अनुसार मृतकों का परिवार इतना गरीब है कि इनके पास मृतक युवकों के संस्कार तक के लिए रुपये नहीं है। उन्होंने प्रशासन व राज्य सरकार से परिवार की आर्थिक मदद करने की गुहार लगाई है, ताकि वे मृतकों का अंतिम संस्कार कर सकें।