38वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा: नेत्रदान जागरूकता के लिए शाह सतनाम जी स्पेशलिटी होस्पिटल के चिकित्सकों व स्टाफ सदस्यों ने निकाली जागरूकता रैैली

 

सिरसा। नेत्रदान को महादान कहा जाता है, क्योंकि इस दान से दृष्टिहीन लोगों को दुनिया देखने का मौका मिलता है। नेत्रदान के बारे में आमजन में जागरूकता बढ़ाने, उससे जुड़े भ्रमों की सच्चाई से लोगों को अवगत कराने तथा लोगों को मृत्यु उपरांत नेत्रदान के लिए पे्ररित करने के उद्देश्य से हर साल की तरह इस बार भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हरियाणा द्वारा 25 अगस्त से 8 सितंबर तक 38वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है।

इसी के अंतर्गत शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल की ओर से नेत्रदान जागरूकता को लेकर एक जागरूकता रैली निकाली गई। जागरूकता रैली अस्पताल के आरएमओ डॉ. गौरव अग्रवाल इन्सां व अस्पताल स्थित पूज्य माता करतार कौर जी इंटरनेशनल आई बैंक की डायरेक्टर एवं नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. मोनिक गर्ग इन्सां के की देखरेख में निकाली गई। रैली का शुभारंभ 'धन धन सतगुरु तेरा ही आसराÓ का इलाही नारा व अरदास का भजन बोलकर किया गया। जिसके बाद रैली शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल के प्रांगण से शुरू होकर शाह सतनाम जी धाम सहित आस पास के क्षेत्रों से होते हुए वापिस अस्पताल में आकर समाप्त हुई। इस मौके पर डॉ अजय गोपलानी, डॉ. अशोक, डॉ. वेदिका, डॉ. पुनीत सहित अस्पताल के सभी चिकित्सक व स्टाफ  सदस्य मौजूद रहे।


इस अवसर पर उपस्थित चिकित्सकों व स्टाफ  सदस्यों को संबोंधित करते हुए डॉ. गौरव अग्रवाल इन्सां ने कहा कि नेत्रदान पखवाड़े मनाने का मुख्य उद्देश्य आमजन को नेत्रदान के लिए प्रेरित करना है। नेत्रदान महादान है और सभी को रूढि़वादी विचारधारा से बाहर निकलकर नेत्रदान जरूर करना चाहिए। वहीं डा. गौरव अग्रवाल इन्सां ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा नेत्रदान जागरूकता को लेकर बड़े स्तर पर चलाई मुहिम से समाज में नेत्रदान को लेकर क्रांति आई है। अब डेरा अनुयायियों के साथ-साथ आम नागरिक भी नेत्रदान के लिए आगे आ रहा है और नेत्रदान कर रहा है।

वहीं शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल स्थित पूजनीय माता करतार कौर जी इंटरनेशनल आई बैंक की डायरेक्टर डॉ. मोनिका गर्ग इन्सां ने कहा कि नेत्रदान से लोगों के जीवन का अंधेरा दूर किया जा सकता है। एक आदमी अगर नेत्रदान करता है तो दो लोगों की जिंदगी में रोशनी आ सकती है। वहीं उन्होंने कहा कि मृत्यु के 6 से 8 घंटों के बीच नेत्रदान किया जा सकता है।