अंग्रेज सिंह कोटली सर्वसम्मति से बीकेई प्रदेश महासचिव नियुक्त

मीटिंग में अनेक समस्याओं पर की चर्चा
 
 

Mhara Hariyana News, Sirsa

सिरसा। भारतीय किसान एकता बीकेई की मीटिंग जनता भवन रोड पर स्थित बीकेई कार्यालय में प्रधान लखविंद्र सिंह औलख की अध्यक्षता में हुई। जिसमें मुख्य रूप से पिछले कुछ समय से खाली पड़े जत्थेबंदी के महासचिव पद के लिए नए पदाधिकारी की नियुक्ति के साथ अन्य विषयों पर चर्चा हुई। लखविंद्र सिंह औलख ने बताया कि कुछ समय पहले बीकेई के महासचिव पद पर कार्यरत पदाधिकारी के मन में राजनीति में जाने की चाहत पैदा हुई।

हमारी जत्थेबंदी के गैरराजनीतिक होने के नाते उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके चलते आज की मीटिंग में अंग्रेज सिंह कोटली को बीकेई का प्रदेश महासचिव नियुक्त किया गया। लखविन्द्र सिंह ने हरप्रीत सिंह उर्फ  मैक्स साहुवाला पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे भारतीय किसान एकता बीकेई जत्थेबंदी के नाम से प्रोग्राम का नाम दुरुपयोग कर पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं और अब तो उन्होंने जत्थेबंदी के नाम का लैटर पैड भी तैयार कर लिया, जोकि सोशल मीडिया पर भी देखा गया है।

औलख ने कहा कि यदि वह किसानों की लड़ाई लडऩा चाहता है तो अपनी अलग नाम से जत्थेबंदी बनाकर कार्य कर सकता है। उन्होंने कहा कि मैक्स साहुवाला को ऐसा न करने के लिए पूर्व में भी आगाह किया गया था, फिर भी वह बार-बार बीकेई का नाम प्रयोग कर रहा है। मीटिंग में मौजूद सभी पदाधिकारियों ने फैसला लिया कि एक बार उसे बुलाकर समझने का प्रयास किया जाएगा। यदि फिर भी वह नहीं माना तो उसके खिलाफ  कानूनी कार्रवाई जायेगी।

कृषक बीमा कम्पनी कि नियत पर शंका जताते हुए औलख ने कहा कि मौके पर कृषि विभाग के अधिकारी जो क्षेत्र में खराब फसलों क्रॉप कटिंग के लिए सर्वे कर रहे हैं, उनमें बीमा कंपनी के अधिकारी शामिल नहीं हो रहे हैं, जिससे आशंका होती है कि वे बीमा क्लेम देने के समय यह बहाना न बना लें की क्रॉप कटिंग बीमा कंपनी की देखरेख में नहीं हुई। उन्होंने बीमा कंपनी को मीडिया के माध्यम से संदेश दिया कि बीमा कंपनी भी क्रॉप कटिंग में अपने पदाधिकारी भेजें।

मीटिंग के बाद लखविंद्र सिंह औलख सहित उनकी टीम ने पंजाब के प्रसिद्ध किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ आढ़तियों के धरने में जाकर उनका समर्थन किया। इस मौके पर प्रधान लखविंद्र सिंह औलख के साथ अंग्रेज सिंह कोटली, गुरविंदर बेदी, जगजीत सिंह मान,, साहब सिंह भट्टी, गुरदीप सिंह मल्लेवाला, जगजीत सिद्धू, जगदीप गिल, राजेंद्र मैहनाखेड़ा, त्रिलोक सिंह, गुरलाल भंगू, अमरीक सिंह, सूबा सिंह, दविंदर सिंह, दिलबाग सिंह, बलदेव सिंह, जसमेर सिंह किसान मौजूद रहे।