नगर परिषद की कारगुजारियों ने बढ़ाई डीसी की परेशानी! 

18 को सीएम का है आगमन, कांग्रेस ने दी है विरोध की चेतावनी
 


सिरसा। आगामी 18 सितंबर को सीएम मनोहर लाल का सिरसा आगमन है। सीएम का आगमन किसी भी जिला के उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक के लिए एक चुनौती होता है। क्योंकि सीएम के आगमन पर किसी प्रकार का व्यवधान पैदा न हों, किसी व्यक्ति अथवा संस्था की ओर से विरोध प्रदर्शन न हों। जिला की कानून व्यवस्था सुदृड़ रहें, अन्यथा जिला के प्रशासनिक अधिकारियों की कुशलता पर प्रश्रचिह्न लग जाता है। 
    जिला उपायुक्त पार्थ गुप्ता को सिरसा में पदभार ग्रहण किए अभी ज्यादा समय नहीं बीता है कि सीएम के आगमन का कार्यक्रम निर्धारित हो गया है। अभी वे प्रशासनिक अमले से भी भलीभांति परिचित नहीं हुए है। लेकिन उनके समक्ष नगर परिषद के बोए हुए 'बबूलÓ खड़े हो गए है। जिसके कारण मामले के उलझने के आसार बन गए है। कांग्रेस की जिला कमेटी की ओर से सिरसा जिला की बदहाली को लेकर सीएम के सिरसा आगमन पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है। कांग्रेसी नेताओं की ओर से जिम्मेवार विपक्ष का निर्वहन किया जा रहा है। चूंकि सिरसा शहर की चौपट सफाई व्यवस्था, बदहाल सीवरेज, स्ट्रीट लाईट, पेयजल, टूटी गलियां-सड़कें, सूखे पार्क, सरकारी महकमों में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर आमजन की ओर से शिकायतों की अनसुनी की गई है। ऐसे में कांग्रेस की ओर से सीएम के आगमन पर सिरसा की बदहाली का जिक्र किया जाना उचित भी है।


    सीएम आगमन पर किसी प्रकार का विरोध न हों और कार्यक्रम शांतिपूर्वक संपन्न हों, इसके लिए जिला उपायुक्त पार्थ गुप्ता की ओर से प्रशासनिक कुशलता का परिचय देते हुए कांग्रेसी नेताओं को बैठक के लिए बुलाया गया। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे। इस बैठक में जब कांग्रेस के नेताओं ने पब्लिक की आवाज रखीं तो परिषद अधिकारियों को सांप सूंघ गया। जिला उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने भी संभवत: इतनी धांधली और अनियमितताओं की उम्मीद नहीं की थी। उन्हें महसूस हुआ कि सिरसावासी सचमुच कितनी समस्याओं से जूझ रहे है और अनेक समस्याओं की जननी नगर परिषद है।


    बताया जाता है कि उपायुक्त के साथ हुई बैठक में पार्कों की बदहाली का जिक्र हुआ। कांग्रेसी नेता नवीन केडिया ने आरटीआई में हासिल दस्तावेजों का हवाला देते हुए उपायुक्त से उन पार्कों के बारे में पूछा जहां 17-17 हजार रुपये कीमत के पॉम के पौधे रांैपे गए है। उन्होंने पूछा कि सिरसा के किस पार्क में 'इंग्लिस रोजÓ लगाए गए है। उन्होंने पार्कों की हरियाली के लिए लगाए गए आधा दर्जन ट्यूबवेल के बारे में भी पूछा। उन्होंने पार्कों की देखभाल के लिए नियुक्त किए गए चौकीदारों की शिनाख्त करवाने का भी आग्रह किया। नगर परिषद द्वारा एक ही एजेंसी को बार-बार ठेका अलॉट किए जाने को लेकर भी वजह पूछी गई। कांग्रेसजनों ने उपायुक्त के समक्ष शिकायतों की झड़ी लगा दी। अचरज की बात यह रही कि नगर परिषद के अधिकारियों को किसी आरोप का जवाब तक नहीं सूझा। सिरसा शहर की अधिकांश समस्याओ की वजह नगर परिषद रहीं।