हिंदू पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति पर दान,स्नान, पूजा-पाठ विशेष महत्व एवं शुभ मुहूर्त जाने
इस साल मकर संक्रांति की तारीख को लेकर चल रही असमंजस की स्थिति को दूर करते हुए जाने-माने राष्ट्रीय स्तर के ज्योतिष सलाहकार पंडित एस्ट्रोलोजर "भाई जी" ने बताया कि, हिंदू पंचांग के अनुसार साल की शुरुआत सबसे पहले मकर संक्रांति त्योहार से होती है। इस दिन सूर्यदेव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं इसीलिए इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। ये हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है, जिसे देश भर में राज्यों में अलग-अलग तौर-तरीकों से मनाया जाता है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी सोमवार को मनाया जाएगा क्योंकि, 14 जनवरी को रात्रि में 2 बजकर 43 मिनट पर सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर संक्रांति पर दान,स्नान, पूजा-पाठ और तर्पण करने का विशेष महत्व होता है.
शनिदेव सूर्य पुत्र है। मकर राशि एवं कुंभ राशि के स्वामी भी शनिदेव है। सूर्य दो माह में अपने पुत्र शनि के घर में रहने आते हैं। सूर्य 14 मार्च को दोपहर 12:36 मिनट पर मीन में प्रवेश करेगा.
मकर संक्रांति के दिन स्नान और दान करने का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 7 मिनट से सुबह 8 बजकर 12 मिनट तक है। इसके अलावा पुण्यकाल में मकर संक्रांति की पूजा-अर्चना करना बेहद फलदायी होता है। इस दिन पुण्यकाल का समय सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शाम 6 बजकर 21 मिनट तक है। महा पुण्यकाल दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से रात 9 बजकर 6 मिनट तक रहेगा।
आगे एस्ट्रोलोजर "भाई जी" ने बताया कि इस शुभ दिन पर क्या-क्या करना चाहिए और क्या नही।
मकर संक्रांति का दिन सूर्य देव की कृपा पाने का उत्तम दिन होता है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करें या घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और सूर्य को अर्घ्य जरूर दें.
- मकर संक्रांति के दिन काली उड़द की दाल, चावल, घी और हरी सब्जियां व खिचड़ी खाएं और दूसरों को खिलाएं। साथ ही तिल-गुड़ का सेवन करें और दान भी करें. इससे कुंडली के सभी ग्रह शुभ फल देते हैं. साथ ही ग्रहों के दुष्प्रभाव से राहत मिलती है.
- मकर संक्रांति के दिन अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान जरूर दें.
- मकर संक्रांति के दिन नॉनवेज, शराब का सेवन ना करें, वरना शनि की नाराजगी जीवन तबाह कर सकती है