प्रदेश में बढ़ रहा चिट्टे, इंजेक्शन और जहरीली शराब का नशा : डॉ. सुशील गुप्ता
 

प्रदेश में  राजनीतिक संरक्षण में चल रहा है नशे का कारोबार: डॉ. सुशील गुप्ता
 
 
आम आदमी पार्टी की प्रदेशस्तरीय बदलाव यात्रा के आठवें दिन आप नेताओं ने हरियाणा में बढ़ते नशे के मुद्दे पर खट्टर सरकार को घेरा। आठवें दिन प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता सोनीपत में रहे। प्रदेश प्रचार समिति के अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर हांसी, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा जींद के सफीदों और प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा कुरुक्षेत्र के थानेसर में रहीं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में लगातार नशा बढ़ रहा है, जिसको रोकने में हरियाणा सरकार नाकाम रही हैं।

डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि हरियाणा के युवा आज नशे की गिरफ्त में आ चुके हैं। चिट्टे का नशा, इंजेक्शन का नशा, जहरीली शराब का नशा दिनों दिन प्रदेश में बढ़ रहा है। हरियाणा के हर गांव में एकांत जगह पर खाली सिरिंज देखने को मिलेंगे। इसका मुख्य कारण प्रदेश में बेरोजगारी, किसानों का कर्ज के बोझ के नीचे दबना है। बढ़ते भ्रष्टाचार के कारण युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही और वे नशे की गिरफ्त में आते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में जिस स्तर पर नशे का कारोबार पनप रहा है, वह बिना किसी राजनीतिक संरक्षण के बिना मुमकिन नहीं है। सरकार चाहे तो नशा चंद दिनों में खत्म कर सकती है।

उन्होंने कहा कि सरकारी संरक्षण में नशे के तस्कर खुले आम घूम रहे हैं। हाल ही में विधानसभा में बताया गया था कि हरियाणा में 2016 से 2023 के बीच नशे की वजह से 39 ही मौत हुई हैं। जबकि उसी दौरान एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) का डेटा आया, जिसमें बताया गया कि हरियाणा में 2016 से 2023 के दौरान 500 से ज्यादा मौतें हो चुकी है। ये साफ बताता है कि हरियाणा सरकार विधानसभा में भी गलत आंकड़े पेश कर रही है। खट्टर सरकार हरियाणा में नशा रोकने में नाकाम रही है।

डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि हरियाणा पर नशा माफिया हावी है। सत्ता के नशे में चूर गठबंधन सरकार ने प्रदेश के युवाओं को भी नशे में धकेला है। हरियाणा और खासकर सिरसा, डबवाली और कालांवाली में चिट्टे और मेडिकल नशा गठबंधन सरकार की देन है। उन्होंने कहा कि माल्टा मस्ती-सबसे सस्ती, उजाड़ दी हरियाणा की बस्ती-बस्ती। यदि पिछले साढ़े 9 साल में खट्टर सरकार ने नशे पर अंकुश लगाया होता तो हरियाणा के ऐसे हालत न होते। उन्होंनें कहा कि प्रदेश की गठबंधन सरकार की शह पर राजस्थान से तस्करी कर मेडिकल और चिट्टे का नशा लाया जा रहा है। वहीं हरियाणा में जहरीली शराब से सैकडों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। जहां हरियाणा सरकार नशे के कारोबार को रोकने में नाकाम रही हैं, वहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने नशे पर लगाम लगाने का काम किया है।

अनुराग ढांडा ने कहा कि अधिकारियों और नेताओं की सरपरस्ती में नशे का कारोबार चल रहा है। नशे की वजह से सुसाइड करने वाले हरियाणा में सबसे ज्यादा हैं। हरियाणा के सुसाइड रेट 2021 के मुकाबले ढाई प्रतिशत बढ़ा है। प्रति एक लाख की आबादी पर 12.6% युवा आत्महत्या कर रहे हैं। सुसाइड रेट हरियाणा में देश में सबसे ज्यादा है। इसमें 61 फीसदी वे हैं जिनकी सालाना आमदनी एक लाख से भी कम है। इसमें वे शामिल हैं जो बेरोजगार हैं और कर्ज के तले दबे हुए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 9 साल में युवाओं के रोजगार के कोई इंतजाम नहीं किया। युवा दर दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं। पंजाब सरकार ने नशे का बिल्कुल खात्मा कर दिया है। जबकि हरियाणा बढ़ते नशे के कारण उड़ता हरियाणा बन चुका है। प्रदेश में 2 लाख से ज्यादा पद खाली हैं। लेकिन, खट्टर सरकार 10 हजार युवाओं को नौकरी के नाम पर इजरायल भेजने की तैयारी कर रहे हैं।

चित्रा सरवारा ने कहा एसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि हरियाणा में नशे से 2016 से 2023 के दौरान 500 से ज्यादा मौतें हो हुई हैं, जबकि हरियाणा सरकार बताती है कि 39 ही मौतें हुई हैं। पिछले दिनों जहरीली शराब से यमुनानगर में ही 25 लोगों की मौत हो गई थी और इससे पहले पानीपत और सोनीपत में जहरीली शराब से लोगों की मौत हो चुकी हैं। हरियाणा सरकार केवल आंकड़ों को छुपाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी के कारण हरियाणा का युवा नशा और अपराध की तरफ जा रहा है। (सीसीटीएस) क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एडं सिस्टम के आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं की सबसे असुरक्षित वाली सूची में हरियाणा दूसरे नंबर पर है, रेप के मामलों में हरियाणा पूरे देश में दूसरे नंबर पर है, हत्याओं की बात करें तो दूसरे नंबर पर है, किडनैपिंग में नंबर तीन पर है और यूपी भी हरियाणा से पीछे है। हरियाणा में प्रतिदिन 5-6 दुष्कर्म के मामले हुए हैं, 11-12 किडनैपिंग के, 3-4 मर्डर हुए हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा से बरोजगारी, भ्रष्टाचार और अपराध को खत्म करने की लिए बदलाव जरूरी है। हरियाणा में 2024 में बदलाव सुनिश्चि है, जिसके लिए प्रदेश की जनता तैयार है।