किसानों की धान और बाजरे की फसल को तुरंत एमएसपी पर खरीदे भाजपा गठबंधन सरकार: अभय सिंह चौटाला

आरोप - फसल बीमा कंपनियों पर भाजपा सरकार का संरक्षण प्राप्त है जिसके कारण प्राइवेट बीमा कंपनियां मनमानी कर रही हैं और हर साल किसानों से फसल बीमा के नाम पर प्रिमियम तो ले रही हैं लेकिन किसानों को दो साल से खराब हुई फसल का मुआवजा नहीं दे रही
 

चंडीगढ़

इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि मंडियों में किसानों की धान और बाजरे की फसल की आवक शुरू हो गई है लेकिन सरकारी खरीद न होने के कारण किसानों को अपनी फसल कम दामों में बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है और भारी घाटा सहना पड़ रहा है।

भाजपा गठबंधन सरकार किसानों की धान और बाजरे की फसल को तुरंत एमएसपी पर खरीदने का प्रबंध करे और यह सुनिश्चित करे कि मंडियों में किसानों को किसी तरह की कोई परेशानी न उठानी पड़े। उन्होंने केंद्र की सरकार से भी मांग की कि बासमती चावल से निर्यात शुल्क को हटाया जाए ताकि किसानों को उसकी धान की फसल के उचित दाम मिल सकें। 


इनेलो नेता ने कहा कि बाढ़ के कारण प्रभावित हुए गावों में लगभग एक महीने से पानी खड़ा है जिससे किसानों की सारी फसल बर्बाद हो गई और जान माल का बहुत बड़ा नुकसान हुआ लेकिन यह बहुत बड़ी विडंबना है कि भाजपा गठबंधन सरकार ने आज तक पानी की निकासी के लिए कोई प्रबंध नहीं किए हैं। बहुत से किसान ऐसे भी हैं जिनके खेत बाढ़ के कारण रेत से भर गए और सारी फसल खत्म हो गई।

भाजपा सरकार तुरंत जो पानी खड़ा है उसकी निकासी का प्रबंध करे और किसानों की खराब हुई फसल का 50 हजार रूपए प्रति एकड़ मुआवजा दे। साथ ही जिन किसानों के खेतों में रेत भरा है उन्हें वो रेत बेचने की अनुमति दे ताकि किसान उनकी खराब हुई फसल के नुक्सान की भरपाई हो सके। 


अभय चौटाला ने फसल बीमा कंपनियों पर भाजपा सरकार द्वारा संरक्षण देने के आरोप जड़ते हुए कहा कि प्राइवेट बीमा कंपनियां मनमानी कर रही हैं और हर साल किसानों से फसल बीमा के नाम पर प्रिमियम तो ले रही है लेकिन किसानों को दो साल से खराब हुई फसल का मुआवजा नहीं दे रही जिसके कारण किसान बुरी हालात में हैं। 


उन्होंने कहा कि हिसार स्थित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय पिछले कई दसकों से हर साल सितंबर माह में किसान मेले का आयोजन करता आया है लेकिन इस साल अभी तक हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा कोई तारीख तय नहीं की गई है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

कृषि मेले से किसानों को बहुत फायदा मिलता था लेकिन इस कृषि मेले के आयोजन न होने से लाखों किसान नई उन्नत किस्मों के बीज प्राप्त करने व नई कृषि तकनीक सीखने से वंचित हो जाएंगे।