उत्त्तर प्रदेश की तर्ज पर अन्य राज्यों में भी परिवर्तन चाहती ह बसपा: आकाश आनंद

 

Mhara Hariyana News, Sirsa
सिरसा। बसपा की कैडर कैम्प की मीटिंग यमुनानगर के जगाधरी में आयोजित की गई। मीटिंग में बतौर मुख्यातिथि राष्ट्रीय कोर्डिनेटर बसपा आकाश आनंद, विशिष्ट अतिथि के रूप में रणधीर सिंह बैनीवाल केंद्रीय प्रभारी बसपा हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, कुलदीप बाल्यान केंद्रीय प्रभारी बसपा हरियाणा, गुरमुख सिंह प्रभारी हरियाणा बसपा ने शिरकत की। वहीं अध्यक्षता राजवीर सोरखी प्रदेश अध्यक्ष बसपा हरियाणा ने की।

कार्यक्रम में बसपा के प्रदेश उपाध्यक्ष चौ. सहीराम, धर्मपाल तिगरा, मनोज चौधरी प्रदेश महासचिव बसपा हरियाणा, महेंद्र सिंह जाजोरिया प्रदेश महासचिव बसपा हरियाणा सहित प्रदेश सचिव हरियाणा, जिला अध्यक्षों सहित बसपा के हजारों कार्यकर्ता ने उपस्थित दर्ज करवाई। बसपा नैशनल कॉर्डिनेटर आकाश आंनद ने बहन मायावती के शासन की उपलब्धियों को बताकर युवाओं को सत्ता का मूल मंत्र दिया। आकाश आनंद ने कहा कि जो समाज अपना इतिहास भूल जाते हैं, वो अपना इतिहास नहीं बना पाते हैं। इसलिए प्रदेश के नौजवानों को महन मायावती के बताए दिशानिर्देश पर काम करना चाहिए।

बीएसपी की अपनी कुछ खास नीतियां है जो देश व प्रदेश में लागू करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि बहुजन समाज पार्टी ने अपने शासनकाल में बहुजन समाज में जन्में संतों, गुरुओं व महापुरुषों को भी पूरा आदर-सम्मान दिया गया। इनके नाम से जिले, यूनिवर्सिटियों व अन्य महत्वपूर्ण स्थानों के नाम रखे गए। इस प्रकार उत्तर प्रदेश की तरह ही बसपा परिवर्तन देश के अन्य राज्यों व केंद्र में भी करना चाहती है। वैसे भी बीएसपी, उत्तरप्रदेश को हर मामले में अपनी प्रयोगशाला मानकर चलती है, जिसका तजुर्बा करके व उसमें सफलता हासिल करके, फिर उसे अन्य प्रदेशों में लागू करती है। इसी को ही पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र का मुख्य आधार माना है, जिसे उत्तरप्रदेश की तरह देश के अन्य राज्यों में भी लागू करना चाहती है।


उन्होंने बताया कि मंडल कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार यहां लगभग 1500 जातियां अनुसूचित जाति, 1000 जातियां अनुसूचित जनजाति और 3743 जातियां अन्य पिछड़े वर्ग के अंतर्गत आती हैं। इस प्रकार इन जातियों की कुल संख्या 6000 से अधिक है। ये सभी जातियां ऐसी हैं, जो उस समय की व्यवस्था की शिकार रही हैं। कोई कम तो कोई ज्यादा शिकार रही है, लेकिन शिकार सभी जातियां हुई हैं। अगर ये सभी जातियां आपस में भाईचारा पैदा करके संगठित हो जाती हैं, तो यह बहुजन समाज बन जाता है। जिन लोगों की जनसंख्या इस देश में 85 प्रतिशत के करीब है और यह अपने आप में देश की सबसे बड़ी शक्ति है। इस शक्ति को बनाने में पार्टी को काफी हद तक सफलता मिल चुकी है और आगे भी तेजी से प्रयास जारी हैं। उन्होंने बहुजन समाज से अपील है कि लोकसभा व राज्य विधानसभा के चुनावों में पार्टी के उम्मीदवारों को भारी संख्या में जिताकर बहुजन समाज में जन्में संतों, गुरुओं व महापुरुषों के सपनों को साकार करें। इसी में ही बहुजन समाज का हित सुरक्षित रह सकता है।