डबवाली के आढ़ती पिता-पुत्र ने अपने जज बेटे की आड़ लेकर कई किसानों पर किए करोड़ों रुपए के फर्जी केस : लखविंदर सिंह औलख
 

 

सिरसा। डबवाली क्षेत्र के किसानों के साथ अनाज मंडी डबवाली के पिता-पुत्र आड़ती द्वारा किए जा रहे कथित अत्याचार के खिलाफ  सोमवार को  सिरसा में बीकेई प्रदेशाध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख की अध्यक्षता में किसानों की मीटिंग हुई, जिसमें इस आढ़ती से पीडि़त किसानों ने अपनी आपबीती सुनाई। औलख ने बताया कि डबवाली अनाज मंडी में हरीश कुमार पुत्र मेघराज गुप्ता दुकान नंबर 108, आढ़त का काम करते हैं। इनका पंजाब में भी व्यवसाय है और एक राइस सेलर भी है। वर्ष 2013 में मेघराज का बेटा अश्विनी गुप्ता जज बन गया था, जिसकी डबवाली क्षेत्र ने बहुत खुशी मनाई थी। लोग अदालतों पर पूरा भरोसा करते हैं व इंसाफ  की उम्मीद रखते हैं, लेकिन डबवाली क्षेत्र के किसानों के साथ इसके उलटा ही हुआ। अश्वनी कुमार गुप्ता का जज बनना किसानों के लिए अभिशाप बन गया। हरीश कुमार और मेघराज गुप्ता ने अपने जज भाई व बेटे का नाजायज फायदा उठाते हुई किसानों को लूटना शुरू कर दिया। इन्होंने एक गैंग बना लिया जिसमें कुछ आस-पड़ोस वालों व रिश्तेदारों को साथ मिलाकर किसानों के परनोटों पर गवाह बना लिया और उन पर अदालत में केस कर दिए जिसमें किसानों से 10 गुना तक लेनदारी का दावा किया गया। कईयों किसान इज्जत से डरते अपनी जमीन तक बेचकर इनकी मांग की पूर्ति करते रहे, जबकि कई किसानों पर अभी भी अदालत में केस चल रहे हैं।

औलख कहा कि आढ़ती और किसान के पवित्र रिश्ते को भी इन बाप-बेटे ने तार-तार किया है, क्योंकि किसान सबसे ज्यादा भरोसा अपने आढ़ती पर करता है और आढ़ती भी किसान के दुख-सुख का साथी होता है। एक ही दुकान पर पूरे परिवार की आढ़त होते हुई भी आढ़ती लेनदेन का पर्दा रखता है, लेकिन मेघराज और हरीश ने किसानों को बेईज्जत करने की कोई कसर नहीं छोड़ी है। किसान नेता औलख ने कहा कि हम जल्द ही इस विषय में डबवाली मंडी में किसानों को एकत्रित करके बड़ा प्रदर्शन करेंगे, जिसमें उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से गुहार लगाएंगे कि इन बाप- बेटों व उनके सहयोगियों द्वारा 2014 से लेकर अब तक किसानों पर किए गए केसों की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए, क्योंकि कई किसानों ने केस से डरते पहले ही इनको वसूली दे दी है और इनके द्वारा बनाए गए फर्जी गवाहों पर भी कार्रवाई की जाए। उन्होंने आढ़ती एसोसिएशन डबवाली से भी अपील की कि ऐसे गलत लोगों का साथ न देकर इन्हें संगठन से बाहर किया जाए, ताकि आढ़ती व किसान के पवित्र रिश्ते में कोई दरार ना आए।