आदिपुरुष को बैन बरवाने को लेकर आप सांसद डा. सुशील गुप्ता को सौंपा मांग पत्र
Mhara Hariyana News, Sirsa
सिरसा। धर्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष सुरेश मनचंदा ने आम आदमी पार्टी से सांसद सुशील गुप्ता से मुलाकात की और शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की तरफ से हाल ही में रिलीज हुई फिल्म आदिपुरुष को देश में प्रतिबंधित करने की मांग की। इसके साथ-साथ फिल्म के निर्देशक ओम राउत और लेखक मनोज मुंतशिर के खिलाफ हिन्दुओं की भावना को आहत करने के लिए कार्रवाई की भी मांग रखी।
उन्होंने बताया कि फिल्म को हिन्दूओं के आराध्य भगवान श्रीराम पर चरित्रित किया गया है। भगवान श्री राम और अन्य पात्रों जैसे कि माता सीता (जानकी), शेषनाग अवतार प्रभु लक्ष्मण और हिन्दूओं के आराध्य भगवान हनुमान जी का चित्रण जिस प्रकार से फिल्म में दर्शाया गया है, वो भारतीय संस्कृति और शास्त्रों में उल्लेख के बिल्कुल विपरीत है और जो किसी भी हिन्दू, सनातन धर्म को मानने वालों को स्वीकार्य नहीं है। फिल्म में जिस समय भगवान हनुमान माता जानकी का पता लगाने लंका पहुंचते हैं और हनुमान जी को रावण के सामने लाए जाने पर जब रावण हनुमान जी की पूंछ में आग लगाने का आदेश देते हैं तो हनुमान जी और रावण पुत्र मेघनाथ के बीच हुए संवाद बहुत ही अशोभनीय और मर्यादा के बिल्कुल विपरीत हैं। इसमें हनुमान जी मेघनाथ को बोल रहे हैं, कपड़ा तेरे बाप का, तेल भी तेरे बाप का, आग भी तेरे बाप की तो जलेगी भी तेरे बाप की। यही नहीं, जिस समय युद्ध क्षेत्र में मेघनाथ के प्रहार से भगवान लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं तो मेघनाथ भगवान श्रीराम को बोलते हैं, तू अपनी ये बन्दर पार्टी ले और यहां से चलता बन, मेरे सपौले ने शेषनाग को लंबा कर दिया।
फिल्म में डायलॉग के साथ तो छेड़छाड़ की ही गई है तथ्यों को भी पूरी तरह से बदल दिया गया है। मनचंदा ने बताया कि भगवान श्रीराम और जटायु की मुलाकात का गलत चित्रण किया गया है। रावण के भाई विभिषण के साथ महिला को गलत दर्शाया गया है, जबकि शास्त्रों में ऐसा कोई वाक्य नहीं है। विभिषण के साथ श्रीराम के पास आई महिला को ही वैद्य के रुप में दर्शाया गया है। रामायण को पूरी तरह से काल्पनिक ग्रंथ बनाने की कोशिश की गई है। इस फिल्म ने न सिर्फ रामायण के रचियता भगवान वाल्मीकि को आहत किया है, बल्कि भगवान तुलसीदास की आत्मा तक को ठेस पहुंचाई है। हिन्दू समाज इस फिल्म को किसी भी प्रकार से स्वीकार नहीं कर सकता। पूरे देश के साधु-संत और हिन्दू इस फिल्म से आहत हुए हैं। उन्होंने मांग की कि हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए इस फिल्म को तुरंत बैन करना चाहिए।