मन को पवित्र करनेके लिए सत्संग में आना आवश्यक: जगदीश सिवंर शेखुपुरिया
 

आर्य समाज मंदिर में मासिक सत्संग आयोजित
 
 

Mhara Hariyana News, Sirsa

सिरसा। आर्य समाज सिरसा के भव्य यज्ञशाला में प्रत्येक माह की भांति इस माह भी रविवार को मासिक सत्संग का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम राजकुमार शास्त्री के ब्रह्मत्व में विशिष्ट यज्ञ का अनुष्ठान किया। यज्ञ आसन को मुख्य यजमान बनकर राजेश सेठी व निर्मला सेठी ने अलंकृत किया। श्रद्धालुओं ने श्रद्धापूर्वक यज्ञ में आहुतियां प्रदान की। तत्पश्चात् शास्त्री ने ईश्वर भक्ति भजन हम सब मिलके दाता आए तेरे दरबार, भर दे झोली सबकी तेरी पूर्ण भण्डार गाया। भजनोपदेशक जसविन्द्र आर्य ने अपने मधुर भजनों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती ने कुप्रथाओं का समूल उन्मूलन किया। देश व राष्ट्र के लिए पूर्णरूप से समर्पित थे। उन्होंने मातृदिवस के ऊपर बहुत ही सारगर्भित उद्बोधन दिया। जसविन्द्र ने कहा कि माता-पिता की सेवा से बढ़कर शांति व तृप्ति किसी स्थान पर नहीं है। जिस परिवार में माता-पिता व व्योवृद्ध प्रसन्नचित्त रहते हैं, उस घर में स्वर्ग का वास है। उन्होंने मातृ दिवस से सन्दर्भित गीत मां का ऋण कौन उतारे बड़ा प्यार करें मां गाकर सुनाया, जिसपर उपस्थित श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो गए। बच्चे पर अपनी कितना बड़ा उपकार करें मां। मां जीवन देती है। आर्यसमाज सिरसा के संरक्षक जगदीश सिंवर शेखुपुरिया ने कहा कि तन को स्वच्छ करने हेतु स्नान किया जाता है और मन को पवित्र करने हेतु सत्संग में आना आवश्यक है। यदि व्यक्तित्व का विकास करना चाहते हैं तो यज्ञ व भगवन का ध्यान कर जीवन को सफल बनाएं। तत्पश्चात् सिंवर ने आगन्तुक महानुभावों का हृदय से धन्यवाद किया। इस अवसर पर आर्यसमाज के मंत्री ओमप्रकाश खर्रा, कोषाध्यक्ष हवा सिंह, शमशेर सिंह, सुरेश शेरडिया, दीपक भाटी, बालचंद मुनि, रामसिंह, राजेन्द्र आर्य, ऋषि किशोर खर्रा, वेदप्रकाश सरदाना, महेश पारीक, सुभाष वर्मा, कर्मवीर वर्मा, इन्द्रपाल आर्य उपस्थित रहे।