किसानों के साथ 2014 से ही ज्यादती कर रही खट्टर सरकार : डॉ. सुशील गुप्ता
आम आदमी पार्टी ने प्रदेशस्तरीय बदलाव यात्रा के छठवें दिन आप नेताओं ने हरियाणा में किसानों की दुर्दशा के मुद्दे पर खट्टर सरकार को घेरा। छठवें दिन प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता गुरुग्राम में रहे। प्रदेश प्रचार समिति के अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर बरवाला, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा कलानौर और प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा शाहबाद में रहीं।
डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि किसानों के साथ खट्टर सरकार ने हमेशा दोहरा रवैया अपनाने का काम किया। हरियाणा में भी खट्टर सरकार किसानों के साथ 2014 से ही ज्यादती करने का काम कर रही है। न फसलों का रेट मिलता है, न समय पर मुआवजा मिलता है और जब जब किसानों ने सड़कों पर अपने हक की आवाज उठाई है तो उनको सिर्फ लाठियां ही मिली हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा में एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया। 1 लाख 40 हजारों किसानों ने फसल खराब होने के बाद मुआवजा की मांग की थी। हरियाणा सरकार ने 34 हजार 541 किसानों को केवल 97 करोड़ का मुआवजा जारी की है।
उन्होंने बताया कि लगभग 3 लाख एकड़ क्षेत्र में फसल खराब हुई थी, जबकि मुआवजा केवल 99 हजार एकड़ का दिया गया है। इससे पता चलता है कि खट्टर सरकार को न तो किसानों से कोई मतलब है और न ही किसानों परिवारों और किसानों के बच्चों से कोई मतलब है। बीजेपी सरकार किसानों आंदोलन के समय का बदला हरियाणा के किसानों से ले रही है।
डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि बाढ़ से किसानों की लाखों एकड़ फसल खराब हो गई, लेकिन हरियाणा सरकार ने किसानों को पोर्टल में उलझा दिया। एक लाख से ज्यादा किसानों को आज तक मुआवजा नहीं मिला। उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसान की बाढ़, बारिश, रेता और कीड़े से फसल खराब गई, लेकिन जब मुआवजा देने की बात आई तो बीमा कंपनियां गायब हो गई।
उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़े बताते हैं कि किसान की फसल मंडी में पहुंचने के बाद 7 लाख मीट्रिक टन फसल खुले में पड़ी हुई खराब हो गई। मौसम विभाग की सूचना के बाद खट्टर सरकार ने मंडी में कोई इंतजाम नहीं किए। इन हालातों को बदलने के लिए आम आदमी पार्टी की बदलाव यात्रा जारी है। वहीं जब किसान परिवारों के साथ खड़े होने की बात थी तो आम आदमी पार्टी ने हमेशा किसान हित की बात की। वहीं हरियाणा के कृषि मंत्री ने तो किसान परिवारों की महिलाओं के लिए भी अभद्र शब्दों का प्रयोग किया।
अनुराग ढांडा ने कहा कि राजस्थान में भाजपा कह रही है किसानों को गेहूं 2700 रुपए में खरीदेंगे, लेकिन हरियाणा के किसान का क्यों नहीं खरीदते। भाजपा सरकार किसानों और युवाओं की इज्जत नहीं करती। इसलिए इस सरकार को बदलना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब तीन काले कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन चला था और 750 से ज्यादा किसानों ने बलिदान दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने काले कानून वापस लेते हुए, एमएसपी कानून लाने की बात कही थी। आज तक प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में फसलों के एमएसपी के लिए एक शब्द भी नहीं बोला।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी किसानों कमेरों की पार्टी है। आम आदमी पार्टी ने समय समय पर किसानों के हकों की आवाज को उठाने का काम किया। उन्होंने कहा कि किसान हित के लिए आम आदमी पार्टी का हरेक कार्यकर्ता किसान परिवारों के साथ खड़ा है। आगे भी जब भी जरूरत होगी आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता किसान हित ने पीछे नहीं हटेगा।
चित्रा सरवारा ने कहा कि हरियाणा में किसानों की सबसे ज्यादा अनदेखी हो रही है। 2014 से भाजपा सरकार किसान, खेती और उसकी जमीन पर हमला कर रही है। भाजपा किसान विरोधी सरकार है, 2014 में आते ही भाजपा ने भूमि अधिग्रहण नियमों को बदलने की कोशिश की और 2019 में आते ही तीन काले कृषि कानून लेकर आई, जब किसानों ने सरकार को बैकफुट पर ला दिया था। अब भाजपा सरकार जब किसान से जमीन नहीं छीन पाई तो कह रही है तो किसान से जमीन छुड़वा देंगे। उन्होंने ने कहा आज किसान की हालत ऐसी है कि खाद के लिए लाइन में खड़ा किसान अपनी जान गंवा रहा है, पुलिस के पहरे में किसानों को खाद मिला। वहीं किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के लिए खट्टर सरकार ने आज तक विधानसभा के पटल पर एक शोक प्रस्ताव भी पास नहीं किया। इससे पता चलता है कि ये सरकार कितनी किसान हितैषी है।