किसान महापंचायत में दहाड़ी पैंतालिसा की शेरनी
 

सिर पर पगड़ी बांधकर सैकड़ों ट्रैक्टरों के काफिले के साथ किसान महापंचायत में पहुंची
 

Mhara Hariyana News, Sirsa
चोपटा। चोपटा तहसील कार्यालय में किसानों की मांगों को लेकर चल रहे धरने पर सोमवार को किसान महापंचायत आयोजित की गई, जिसमें सरपंच एसोसिएशन की राज्य उपप्रधान व गांव दड़बा कलां की सरपंच संतोष बैनीवाल ने जोरदार तरीके से अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। अपने गांव से संतोष बैनीवाल सिर पर पगड़ी बांधकर ट्रैक्टरों के काफिले के साथ महापंचायत में पहुंची।

किसान महापंचायत में किसानों व महिलाओं ने उनका फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया। किसानों के जोश से लबरेज संतोष बैनीवाल ने मंच से अपनी बेबाक वाकपटुता से जमकर दहाड़ लगाई और सरकार व उनके नुमाइंदों की जमकर क्लास लगाई।


सरपंच एसोसिएशन की उपाध्यक्ष व गांव दड़बा कलां की सरपंच संतोष बैनीवाल राष्ट्रीय नेता राकेश टिकैत का चौपटा पहुंचने पर सरपंच एसोसिएशन की तरफ  से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत किसी परिचय के मोहताज नहीं है, ये वो इंसान है, जिनके एक आंसू से पूरा भारत एकजुट हो गया था, जिस समय किसान आंदोलन डूबने की कगार पर था, तब राकेश टिकैत ने ही उसे संभाला। किसान आंदोलन की जीत एक ऐतिहासिक जीत थी। किसान मुआवजे की मांग को लेकर दो माह से धरने पर बैठे हैं और आज राकेश टिकैत हमारे बीच पहुंचे हंै। बैनीवाल ने कहा कि कार्यालयों में बैठकर आराम परस्ती करने वाले सीटीएम एवं डीसी को चेतावनी देती हूं कि हमने तो दिल्ली हिला दी थी तो आप क्या चीज हो। अधिकारियों की गलती अब हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।

एक तरफ  डिप्टी सीएम कहता है कि मैं किसानों का मसीहा हूं, किसान के लिए जीता हूं तो दूसरी तरफ  उसी के इलाके के किसान धरने पर बैठे हैं। वह कहता है कि यूपी में कोई मरे तो धरना हरियाणा में अरे बावली बूच एक बार चौपटा आकर तो देख पता चलेगा कि यह धरने क्यों लगे हैं। डिप्टी सीएम की इस बात से यह सिद्ध होता है की इनके पास ताऊ देवीलाल के नाम का इस्तेमाल करने के सिवाय और कुछ भी नहीं है। जमीर तो इनका उसी दिन मर गया था जिस दिन इन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन किया था। यह गठबंधन नहीं किसानों के साथ धोखा है। किसान भाइयों तैयार रहो, 2024 में इनका सूपड़ा साफ  करना है। इनका कुत्ता भी गांव में नहीं घुसने देना है। बैनीवाल ने सांसद सुनीता दुग्गल पर प्रहार करते हुए कहा कि सांसद को गाड़ी टूटने का डर है। अफसोस है, दुख है, मेरी गाड़ी के शीशे तोड़ दिए, लेकिन जो 700 किसान शहीद हो गए, जो आज धरना चल रहा है, उसकी कोई परवाह नहीं। लाइव होकर मोदी का गुणगान करना आता है, लेकिन सासंद ने यह कभी ऊपर पहुंचाने की कोशिश नहीं की कि सिरसा के क्या हालात हैं। राजनीति में आकर दोस्त बनाना बहुत आसान है, लेकिन किसानों का मसीहा बनना बहुत मुश्किल है। इस मंच के माध्यम से यही कहती हूं हम अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं देहात बचाओ की और मैं किसान भाइयों को पूरा आश्वासन देती हूं कि जब तक इस सरपंच पद पर हूं आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर लडूंगी। जहां भी मेरी जरूरत होगी मैं पहुंच जाऊंगी। उन्होंने कहा कि किसान बहुत सीधा है, जो सब की बातों में आ जाता है तो किसान भाइयों इस बार सावधानी बरतनी है, इनके चंगुल में मत आना। मुआवजा तो अब हम लेकर रहेंगे, लेकिन आज यह वादा करो 2024 में जेजेपी-बीजेपी का सफाया करोगे।
दड़बा कलां स्थित संतोष बैनीवाल के आवास पर पहुंचे राकेश टिकैत:
किसान महापंचायत में शिरकत करने पहुंचे राकेश टिकैत गांव दड़बा कलां की सरपंच व सरपंच एसोसिएशन की प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष बैनीवाल के दड़बा कलां स्थित आवास पर पहुंचे। आवास पर संतोष बैनीवाल ने राकेश टिकैत के साथ काफी देर तक ई-टेंडरिंग के मुद्दे पर भी चर्चा की। बैनीवाल ने बताया कि सरपंच चुनावों के बाद से ही सरकार की कुनीतियों के कारण परेशान है। सरकार गांवों की छोटी सरकारों को खत्म कर ठेकेदारी राज लाना चाहती है, लेकिन गांवों की जागरूक जनता सरकार की इस चाल को कामयाब नहीं होने देगी। टिकैत ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरपंचों की देहात बचाओ की लड़ाई में वे उनके साथ है। जलपान के बाद राकेश टिकैत रवाना हो गए।