माता-पिता की आज्ञा का पालन मानव का सबसे बड़ा धर्म है: जयदेव दाधिच शास्त्री

 

Mhara Hariyana News, Sirsa
सिरसा। शहर के कंगनपुर रोड स्थित फौजी चौक पर आयोजित की जा रही संगीतमयी श्री राम कथा के 7वें दिन कथावाचक जयदेव दाधिच शास्त्री ने बताया कि भगवान श्री राम अपने पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए 14 साल का बनवास भोगने चले गए थे। राम कथा बताती है कि पिता की आज्ञा का पालन करना मानव का सबसे बड़ा धर्म है। हर इंसान का फर्ज होता है कि अपने माता-पिता की सेवा करें, उनके साथ प्यार से बोलें, जीवन में कभी भी उनकी आत्मा को नहीं दुखाएं। उन्होंने बताया कि भगवान श्री राम के साथ माता सीता और लक्ष्मण भी वन में गये। सीता जैसी दुनिया में कोई सती नहीं है, नारी का धर्म है की मन, वचन और कर्म  से अपने पति की आज्ञा का पालन करें।

इससे यह शिक्षा मिलती है की भाइयों में प्रेम प्यार होना चाहिए। शनिवार की कथा में पूर्व डीजीपी हरियाणा बी एस संधू ने भी शिरकत की और श्री राधे कृष्ण चैरिटेबल ट्रस्ट ने उनका भव्य स्वागत किया। पूर्व डीजीपी ने कथा श्रवण के साथ-साथ जयदेव दाधिच शास्त्री से आशीर्वाद भी लिया। पूर्व डीजीपी बीएस संधू ने कहा कि सनातन धर्म में धार्मिक आयोजनों की विशेष मान्यता है। प्रत्येक मनुष्य को समय निकालकर धार्मिक आयोजन में भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजन में भाग लेने से मन को असीम शांति मिलती है। कथावाचक द्वारा सुनाए गए भजनों पर श्रद्धालुओं ने नाच गाकर कथा का आनंद लिया।

श्री राधे कृष्ण चैरिटेबल ट्रस्ट की प्रधान माया चॉयल व उपप्रधान बलजिंद्र जोसन ने संयुक्त रूप से बताया कि यह कथा 9 दिनों तक चलेगी। उन्होंने बताया कि जयदेव दाधिच महाराज कथा का वाचन करेंगे। कथा का समय दोपहर 2.15 से सांय 5.15 बजे तक रहेगा। कथा 18 नवंबर से 27 नवंबर तक चलेगी। 27 नवंबर को कथा का हवन यज्ञ से समापन होगा। हवन यज्ञ के उपरांत भंडारा भी लगाया जाएगा। उन्होंने सभी धर्म प्रेमी सज्जनों से आह्वान किया कि वे समयानुसार कथा में आकर कथा श्रवण कर पुण्य के भागी बनें।