शहीद उधम सिंह थे सर्वधर्म समभाव के महान  क्रांतिकारी : ढींडसा

जेसीडी  में शहीद-ए-आजम ऊधम सिंह की जयंती पर निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन 

 

सिरसा जेसीडी विद्यापीठ में स्थापित शिक्षण महाविद्यालय में शहीद-ए-आजम ऊधम सिंह की जयंती पर उनको नमन किया गया और निबंध प्रतियोगिता कारवाई गई। जिसका विषय शहीद उधम सिंह का देश की आजादी में  योगदान रखा गया ।  इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉक्टर कुलदीप सिंह ढींडसा थे तथा इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कालेज के प्राचार्य डॉ जय प्रकाश द्वारा की गई ।

इस मौके पर जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय का समस्त  स्टाफ  एवं विद्यार्थीगण मौजूद रहेप्राचार्य डॉ. जयप्रकाश ने अपने संबोधन में  शहीदे-ए-आजम ऊधम सिंह के बलिदान के बारे में भी विद्यार्थियों एवं अन्य को अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि उधम सिंह करिश्माई क्रांतिकारी नेता भगत सिंह से प्रेरित थे। उधम सिंह को एक ऐसा नायक माना जाता है जिन्होंने जलियांवाला बाग नरसंहार में अपनी जान गंवाने वाले सभी निर्दोष लोगों को न्याय दिलाने के लिए खुद को बलिदान कर दिया। 

      इस मौके पर प्रोफेसर डॉक्टर कुलदीप सिंह ढींडसा  ने  कहा कि उधम सिंह का जन्म 26 दिसंबर, 1899 को भारत के पंजाब के संगरूर जिले में, सरदार टहल सिंह जम्मू  और माता नारायण कौर  के घर हुआ था। उनके पिता एक किसान थे और उपाली गाँव में रेलवे क्रॉसिंग वाचमैन के रूप में भी काम किया करते थे। अपने पिता की मृत्यु के बाद, उधम सिंह और उनके बड़े भाई मुक्ता सिंह की परवरिश सेंट्रल खालसा अनाथालय पुतलीघर अमृतसर में हुई थी। 

       डॉक्टर ढींडसा ने कहा कि शहीद उधम सिंह आजादी की लड़ाई में अहम योगदान देने वाले महान क्रांतिकारी थे। वह सर्वधर्म समभाव के प्रतीक थे, इसलिए उन्होंने उधम सिंह से अपना नाम बदलकर राम मोहम्मद आजाद सिंह रख लिया था। उन्होंने 13 अप्रैल, 1919 को पंजाब में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड में क्रूर अंग्रेज अफसर डायर को मारने का संकल्प लिया। 21 साल बाद उन्होंने जलियांवाला बाग कांड के समय पंजाब के गवर्नर जनरल रहे माइकल डायर को लंदन में जाकर गोली मार कर बदला लिया। 

    निर्णायक मंडल में डॉक्टर रमेश कुमार और डॉक्टर कंवलजीत कौर  द्वारा निबंध लेखन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान बीएड प्रथम वर्ष की छात्रा पूनम को दिया गया और द्वितीय स्थान  छात्रा नीलम को तथा तृतीय स्थान प्रथम वर्ष के छात्र अमरनूर सिंह को दिया गया l सभी विजेता विद्यार्थियों को प्राचार्य डॉक्टर जयप्रकाश द्वारा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया ।