प्राकृतिक उपचार सभी रोगों में है कारगर: डा. लोकेश वधवा
 

 

सिरसा। हरियाणा योग आयोग एवं आयुष विभाग हरियाणा सरकार के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस-2023 के उपलक्ष्य में प्राकृतिक चिकित्सा माह के अंतर्गत अध्यक्ष डा. जयदीप आर्य के निर्देशानुसार तथा डा. धर्मपाल पूनिया के आदेश अनुसार जिला सिरसा संपूर्ण स्वास्थ्य में प्राकृतिक चिकित्सा की उपयोगिता विषय पर एक दिवसीय व्याख्यान कार्यक्रम फूलकां स्कूल में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में डा. लुकेश कुमार वधवा ने विद्यार्थियों, अभिभावकों तथा स्कूल के अध्यापकगणों को नैसर्गिक उपचार पद्धति के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हमारा शरीर पांच महाभूत जल, पृथ्वी, अग्नि, वायु, आकाश से बना है, इनकी साम्यावस्था ही आरोग्यता तथा इनका संतुलन ही रोग अवस्था कहलाती है। उन्होंने बताया कि तीव्र रोग अर्थात सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार, उल्टी-दस्त शरीर की नैसर्गिक रूप से शोधन करने के लिए हमारे शरीर में आते हैं, किंतु हम विभिन्न प्रकार की दवाईयों के द्वारा इन रोगों को दबा देते हैं, जिनके कारण भविष्य में यह किसी जीर्ण रोग का कारण बनते हैं।

उन्होंने बताया कि जिस प्रकार पशु-पक्षी रोग की अवस्था में सर्वप्रथम भोजन का त्याग कर अपनी रोगावस्था को दूर कर लेते हैं। ठीक ऐसे ही हमें जब ज्वर, सर्दी, खांसी, उल्टी, अतिसार आदि व्याधियां हो तो ऐसी स्थिति में सर्वप्रथम अन्न का त्याग करते हुए और उपवास का पालन करना चाहिए, ताकि शरीर अपने आप को रोगाणुओं से मुक्त कर ले। इस नैसर्गिक प्रक्रिया में हमें केवल धैर्य का पालन करते हुए प्राकृतिक उपचार के द्वारा रोग अवस्था से मुक्ति पाई जा सकती है।

उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि मिट्टी, पानी, धूप, हवा, सब रोगों की यही दवा, अर्थात यह पांच तत्व जिससे हमारा शरीर बना है और इसी से हमारी प्रकृति बनी है। यही हमारे स्वास्थ्य का मूल स्रोत है और इनके साथ सामंजस्य पूर्वक जीवन जीना ही प्राकृतिक प्राकृतिक जीवन है। इस अवसर पर जिला योग समन्वयक डा. सुरेंद्र पाल, योग विशेषज्ञ मांगेराम, विद्यालय के प्राचार्य देवकीनंदन, आयुष योग सहायक  साहिल कुमार, पवन कुमार, लवकेश के साथ-साथ विद्यालय के अध्यापक गण मौजूद रहे।