नगर निगम Election में बुरी तरह हारी BJP, लोकसभा सीटें बचाना बीजेपी के लिए चुनौती

 

Mhara Hariyana News, Simla

हिमाचल के सबसे पुराने और ब्रिटिशकाल में बने नगर निगम शिमला के Election में हार से BJP को फिर बड़ा झटका लगा है। पूर्व CM व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और नए पार्टी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल जैसे दिग्गज नेता विधानसभा Election के बाद नगर निगम शिमला का Election फिर चूक गए हैं।

Election के बीच BJP प्रदेशाध्यक्ष और संगठन महामंत्री को बदलने की BJP की रणनीति भी काम नहीं आ पाई। उधर, नगर निगम पालमपुर के एक वार्ड के लिए हुए Election में भी BJP को मुंह की खानी पड़ी है।

पिछली बार कांग्रेस की वीरभद्र सरकार रहते हुए BJP ने नगर निगम शिमला पर कब्जा किया था। उस समय जोड़-तोड़ में माहिर माने जाने वाले BJP के तत्कालीन Election प्रभारी रहे डॉ. राजीव बिंदल ने भी खूब मेहनत की थी। अबकी तो नगर निगम शिमला के Election के बीच डॉ. राजीव बिंदल को फिर BJP प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया। हालांकि, उनके पास वक्त चंद दिनों का ही था। Election घोषित हुए काफी वक्त हो गया था।

इससे पहले प्रचार की मोर्चेबंदी खुद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, BJP के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप, पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी जैसे नेताओं ने संभाल रखी थी। डॉ. बिंदल ने बीच में दोहराया भी कि वे पहले से निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही Election प्रचार को आगे बढ़ा रहे हैं।

जयराम ठाकुर, सुरेश कश्यप, डॉ. बिंदल और अन्य तमाम नेताओं ने Election प्रचार के दौरान कठिन परिश्रम किया, मगर यह Election हाथ से निकल गए। यह मालूम रहे कि नगर निगम Election प्रचार के लिए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर भी केंद्रीय व्यस्तता के चलते सीमित वक्त दे पाए।

निगम Election को गंवाने के बाद अब लोकसभा सीटें बचाना चुनौती
नगर निगम शिमला के इन Election को गंवाने के बाद अब लोकसभा सीटें बचाना BJP के लिए नई चुनौती होगी। वर्तमान में BJP चार मेें से तीन सीटों पर काबिज है। ये शिमला, कांगड़ा और हमीरपुर हैं। मंडी लोकसभा सीट पर भी आम Election में सांसद BJP के रामस्वरूप शर्मा ही बने थे, मगर उनके असामयिक देहांत के बाद उप Election में वहां वीरभद्र की सहानुभूति लहर के बाद सांसद प्रतिभा सिंह की जीत हुई।

यानी कांग्रेस के पास एकमात्र मंडी सीट ही है जो कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह संसदीय क्षेत्र से संबंधित है। अब BJP के सामने न केवल मंडी लोकसभा सीट को अपने पाले करने की चुनौती होगी, बल्कि लोकसभा की अन्य तीन सीटों पर अपने वर्चस्व का कायम रखना भी होगा।