Kejriwal बोले- युवा चाहता है तरक्की, PM का पढ़ा-लिखा होना बेहद जरूरी

 

Mhara Hariyana News, New Delhi
PM Modi की डिग्री मांगने पर गुजरात Highcourt की ओर से शुक्रवार को 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाए जाने पर CM  अरविंद Kejriwal ने शनिवार को अपनी बात Media के समक्ष रखी। उन्होंने सवाल किया कि क्या 21वीं सदी में देश का PM पढ़ा लिखा नहीं चाहिए। 
इस सदी का युवा देश की तरक्की चाहता है, ऐसे में पीएम का पढ़ा-लिखा होना बेहद जरूरी है। पढ़े-लिखे होते तो देश में नोटबंदी नहीं होती, GST ठीक से लागू होता और किसानों के लिए तीन काले कानून नहीं लाए जाते। 

पीएम के बयान देश को विचलित करने वाले
Kejriwal ने कहा कि अमूमन पीएम के ऐसे बयान आते रहते हैं, जो देश को विचलित कर देते हैं। मसलन, नाले की गैस से चाय बनाना, बारिश में विमान का रडार से बच जाना, ग्लोबल वार्मिंग नाम की कोई चीज नहीं होती और कनाडा में ए प्लस बी इंटू ब्रैकेट स्क्वॉयर जैसी बातें वे नहीं कहते। 
ऐसे में गुजरात Highcourt का ऑर्डर आया है कि PM की डिग्री की जानकारी नहीं ले सकते, जबकि आजाद देश में जानकारी लेना हर नागरिक का अधिकार है। अब देश की जनता के मन में यह सवाल है या तो PM अहंकार वश डिग्री नहीं दे रहे हैं या फिर डिग्री फर्जी है। 

हम जनतंत्र में रहते हैं जहां प्रश्न पूछने का अधिकार है। किसी का भी कम पढ़ा-लिखा होना या अनपढ़ होना कोई गुनाह या पाप नहीं है। परिस्थितियों और हालात की वजह से बहुत से लोगों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पाती। 21वीं सदी का युवा महंगाई से छुटकारा चाहता है। तेजी से तरक्की पसंद है।

नोटबंदी की वजह से बहुत खामियाजा भुगतना पड़ा
Kejriwal ने कहा कि PM को एक ही दिन में विज्ञान और अर्थव्यवस्था के सैकड़ों फैसले लेने होते हैं। अगर PM पढ़े-लिखे नहीं होंगे तो अफसर और किस्म-किस्म के लोग आकर बहलाकर कहीं पर भी हस्ताक्षर करा ले जाएंगे। 
देश में नोटबंदी की वजह से बहुत खामियाजा भुगतना पड़ा। अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान हुआ। देश 10 साल पीछे चला गया। अगर PM पढ़े-लिखे होते तो नोटबंदी नहीं करते। 
इसी तरह जीएसटी एक अच्छा कांसेप्ट था, लेकिन जिस तरह से लागू किया गया, उससे अर्थव्यवस्था धराशायी हो गई। देश में किसानों से बातचीत किए बिना तीन काले कानून लागू किए गए। यह समझ नहीं आता है कि किसने जाकर PM के कान भरे और तीनों कानून लागू कर दिए।

डिग्री है तो क्यों नहीं दी जा रही
Kejriwal ने कहा कि गुजरात हाईकोर्ट के ऑर्डर ने PM की शिक्षा पर संशय को और बढ़ा दिया है। कुछ वर्ष पहले अमित शाह ने PM की डिग्री दिखाई थी। अगर डिग्री है और सही है तो क्यों नहीं दी जा रही। 
गुजरात और दिल्ली विश्वविद्यालय डिग्री की जानकारी क्यों नहीं दे रहे। दरअसल, उन्हें अहंकार है। जनतंत्र में इस तरह का अहंकार ठीक नहीं है। इससे जनता के मन में बहुत सारी अफवाहों का बाजार गर्म है और बहुत सारे प्रश्न खड़े हो रहे हैं।