घोसी उप-चुनाव में किसके साथ गया दलित मतदाता, इंडिया गठबंधन के लिए इस नतीजे के क्या मायने?

 

Mhara Hariyana News, New Delhi  : छह राज्यों की सात Vidhansabha सीटों पर हुए उप-चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा उत्तर प्रदेश की Ghosi सीट की रही। इस सीट पर सपा ने अपना कब्जा बरकरार रखा। पार्टी को 2022 में मिले वोटों से भी ज्यादा मत मिले। वहीं, BJP 2022 जितने वोट भी नहीं पा सकी। 

बसपा ने इस चुनाव में अपना candidate नहीं उतारा था। ऐसे में सबकी नजर इस बात पर थी कि दलित voter किस तरफ जाता है। वहीं, INDIA गठबंधन बनने के बाद हुए इस पहले चुनाव को INDIA बनाम NDA के पहले टेस्ट के रूप में भी देखा जा रहा था। 

ऐसे में ये जानना जरूरी है कि इस चुनाव में Ghosi का दलित voter किसके साथ गया? सपा की जीत की क्या वजह रही? INDIA गठबंधन के लिए इस जीत के क्या मायने हैं? आइये इन सभी सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं…

सबसे पहले बात नतीजे की कर लेते हैं
Ghosi सीट पर समाजवादी पार्टी के सुधाकर सिंह जीतने में सफल रहे। सुधाकर सिंह ने BJP candidate दारा सिंह चौहान को हराया। दारा सिंह चौहान 2022 में इस सीट से सपा के टिकट पर जीते थे। उन्होंने विधायकी से इस्तीफा देकर BJP का दामन थाम लिया। इसके बाद हुए उप-चुनाव में BJP ने उन्हें candidate बनाया। 
हालांकि, इस बार चौहान को जीत नहीं मिली।  सुधाकर सिंह इससे पहले 2012 में भी इस सीट से जीत दर्ज कर चुके हैं। 2017 में उन्हें BJP के फागू चौहान ने हरा दिया था। वहीं, 2022 के चुनाव में सपा ने उनकी जगह दारा सिंह चौहान को टिकट दिया था। 

इस चुनाव में सुधाकर सिंह को कुल 1,24,295 वोट मिले। वहीं, BJP के दारा सिंह चौहान को 81,623 वोट से संतोष करना पड़ा। सुधाकर सिंह 42,759 वोट से जीतने में सफल रहे। 2022 में सपा इस सीट से  22,216 वोट से जीती थी। इस तरह पार्टी ने यहां अपनी जीत का अंतर भी बढ़ाया। 

बसपा की वोट नहीं देने या नोटा दबाने की अपील का क्या असर हुआ?
इस उप-चुनाव में बसपा ने अपना candidate नहीं उतारा था। 2022 के चुनाव में बसपा candidate को 54,248 वोट मिले थे। इस चुनाव में बसपा की ओर से अपने voterओं से अपील की गई थी कि वो किसी पार्टी को वोट नहीं दी। बसपा voter अगर पोलिंग बूथ पर आते हैं तो नोटा का बटन दबाएं, या फिर घर से वोट डालने ही नहीं निकलें। 

बसपा की इस अपील का Ghosi के voterओं पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। 2022 के चुनाव में Ghosi में कुल 58.2% वोटिंग हुई थी। जबकि, उप चुनाव के दौरान 50.77 फीसदी वोट पड़े। कुल मतदान में करीब सात प्रतिशत की कमी हुई। नोटा पर महज एक हजार सात सौ के करीब वोट मिला। कुल मिलाकर बसपा की अपील का voterओं पर ज्यादा असर नहीं हुआ। 

बसपा का voter मतदान केंद्र पहुंचा तो उसने किसे वोट दिया?
2022 के चुनाव में Ghosi सीट पर बसपा candidate को 54 हजार से ज्याद वोट मिले थे। इस चुनाव में 2,17,387 वोट पड़े। जो 2022 के मुकाबले करीब 38 हजार कम थे। वहीं, नोटा को महज 1,725 वोट मिले। ये आंकड़ा 2022 में नोटा पर पड़े वोट के मुकाबले केवल 476 वोट ज्यादा था। सपा candidate को 2022 के मुकाबले करीब 16 हजार ज्यादा वोट मिले। जबकि, 2022 के मुकाबले BJP candidate के वोट करीब पांच हजार कम हुए। 

INDIA गठबंधन के लिए इस जीत के क्या मायने हैं? 
इस जीत के साथ ही जिस तरह से कांग्रेस से लेकर सपा तक के नेताओं के बयान बता रहे हैं कि आने वाले समय में ये दल Ghosi की जीत को किस तरह मुद्दा बनाएंगे। जीत के साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट करके कहा कि Ghosi में INDIA जीता। उन्होंने कहा कि Ghosi की जनता के सिर्फ समाजवादी पार्टी के नहीं INDIA गठबंधन के प्रत्याशी को जिताया है, और अब यही आने वाले कल का परिणाम होगा। 

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि इस उपचुनाव में INDIA गठबंधन के प्रत्याशी की जीत इस बात का ऐलान करती है कि BJP की जनविरोधी नीतियों और नफ़रत के बाजार से जनता परेशान हो चुकी है। तय मानिए! 2024 में उत्तर प्रदेश की जनता ने NDA को विदा करने का मन बना लिया है। वहीं, राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी ने सुधाकर सिंह की जीत को INDIA का हौसला बढ़ाने वाली जीत बताया।