सप्ताह का पहला पर्व:Jyeshtha Purnima 14 जून को

इस दिन नदियों में स्नान करने से दूर होते हैं पाप, मनोकामना भी पूरी होती
 


Mhara Hariyana News, News Delhi । 
हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह में आने वाली पूर्णिमा का बड़ा महत्व है।

इस सप्ताह 14 जून को Jyeshtha Purnima  मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा के दिन स्नान और दान-धर्म करने की परंपरा है। विशेष तौर पर इस दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से साधक की मनोकामना पूर्ण होने की मान्यता है।

Jyeshtha Purnima  का महत्व
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास हिंदू वर्ष का तीसरा महीना होता है।

इस समय में धरती पर तेज गर्मी रहती है इसलिए इस महीने में जल का महत्व अन्य महीनों की तुलना में बढ़ जाता है। शास्त्रों और पुराणों में भी उल्लेख मिलता है कि ऋषि-मुनियों ने संदेश दिया है कि जल के महत्व को पहचान कर उनका संरक्षण भी करें।

माना गया है कि ऐसा करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जाता है।

यही वजह है हिंदू धर्म में नदियों को मां तुल्य मानकर उन्हें पूजने का महत्व है। इसके साथ ही इस दिन दान करने से पितरों को शांति और मुक्ति मिलती है। इस दिन महिलाएं विशेष तौर पर घर की सुख-समृद्धि और शांति के लिए व्रत रखती हैं।

शिवजी और भगवान विष्णु की पूजा करें
इस दिन विशेष रूप से भगवान शंकर व विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए।

Purnima  के दिन स्नान, ध्यान और पुण्य कर्म करने का तो महत्व है ही, लेकिन साथ ही अविवाहित युवक-युवतियां भी विवाह लग्न में आ रही बाधाओं के निवारण के लिए इस दिन विशेष पूजा-अर्चना कर सकते हैं।

इस दिन श्वेत वस्त्र धारण करके भगवान शिव की पूजा और अभिषेक वे करें तो उनके विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होने की मान्यता है।

Purnima के दिन क्या करना चाहिए
1. मान्यता है कि इस विशेष दिन पीपल के पेड़ पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी वास करती हैं। इसलिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर पूजा-पाठ करें।
2. पानी में कच्चा दूध मिलाकर पीपल के पेड़ में अर्पित करना चाहिए।
3. पीपल और नीम की त्रिवेणी के नीचे विष्णु सहस्त्रनाम या शिवाष्टक का पाठ करने से ग्रह दोष दूर होते हैं।
4. इस दिन शादीशुदा लोगों को चंद्र देव को अन्न, दूध, दही, फूल मिले जल से अर्घ्य देना चाहिए। इससे हर छोटी-बड़ी समस्या दूर होती है।