Sawan Shivratri 2022: सावन की शिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा से चमकेगी औपकी किस्मत, जानिए केसै

Sawan Shivratri 2022: Worship of four Prahars on Shivaratri of Sawan will shine your luck, know how
 

Mhara Hariyana News

आज महादेव से मनचाहा वरदान दिलाने वाली चार प्रहर की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.(shivratri)


Sawan Shivratri 2022: सावन की शिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा से चमकेगी किस्मत और बनेंगे सारे बिगड़े काम,(shivratri)जानें इसकी विधि और शुभ मुहूर्तसावन शिवरात्रि के चार प्रहर की पूजा के शुभ मुहूर्त और पूजन विधि(shivratri)

हिंदू धर्म में भगवान शिव की साधना-आराधना के लिए कई ​दिन बताए गए हैं(shivratri) लेकिन इनमें प्रत्येक मास में पड़ने वाली शिवरात्रि को अत्यंत ही शुभ माना गया है.(shivratri) इस शिव रात्रि का महत्व भगवान शिव के प्रिय सावन मास में कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है.(shivratri)

इस दिन की जाने वाली पूजा से प्रसन्न होकर औढरदानी शिव अपने भक्त पर अपना पूरा आशीर्वाद लुटा देते हैं.(shivratri) शिव को समर्पित इस पावन रात्रि में महादेव की पूजा, अभिषेक एवं रात्रि जागरण का विधान है.(shivratri)

मान्यता है कि चार प्रहर की विधि-विधान से पूजा करने पर भगवान शिव शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपने साधक पर कृपा बरसाते हैं(shivratri) और उसके सभी दु:खों को दूर करते हुए मनचाहा वर प्रदान करते हैं.(shivratri)


सावन शिवरात्रि पर कैसे करें चार प्रहर की पूजा(shivratri)
सावन की शिवरात्रि पर देवों के देव महादेव की पूजा करने के लिए प्रात:काल स्नान-ध्यान के बाद सबसे पहले ​इस पावन व्रत को करने का संकल्प लेना चाहिए.(shivratri)

इसके बाद दिन भर व्रत रखते हुए सायंकाल को एक बार फिर स्नान करने के बाद भगवान शिव का विधि-विधान से पूजन एवं अभिषेक करना चाहिए.(shivratri)

इसके बाद चार प्रहर की पूजा को प्रारंभ करना चाहिए.(shivratri) प्रत्येक प्रहर में शिव के साधक को अपने अराध्य देव यानि महादेव की पंचोपचार, षोडशोपचार विधि से पूजन करना चाहिए.(shivratri)

यदि आप किसी पंडित के माध्यम से शिव जी की पूजा करा रहे हों तो आप आप महादेव दूध एवं जल से रुद्राष्टध्यायी के मंत्रों से अभिषेक करवाएं अन्यथा आप उसकी जगह ॐ नम: शिवाय मंत्र का जप करते हुए भी शिव का अभिषेक कर सकते हैं.(shivratri)

इसके बाद शिव की पूजा और आरती करें.(shivratri)

इसी क्रम को शिवरात्रि के प्रत्येक प्रहर में स्नान करके दोहराएं.(shivratri)

सावन शिवरात्रि के चार प्रहर की पूजा के शुभ मुहूर्त(shivratri)
(shivratri)शिवरात्रि के प्रथम प्रहर की पूजा का समय – 26 जुलाई 2022 को सायंकाल 07:16 से लेकर रात्रि 09:52 बजे तक.(shivratri)

(shivratri)शिवरात्रि के द्वितीय प्रहर की पूजा का समय – 26 जुलाई 2022 को रात्रि 09:52 से लेकर 27 जुलाई 2022 को पूर्वाह्न 12:28 बजे तक(shivratri)

(shivratri)शिवरात्रि के तृतीय प्रहर की पूजा का समय – 27 जुलाई 2022 को पूर्वाह्न 12:28 से लेकर 03:04 बजे तक(shivratri)

(shivratri)शिवरात्रि के चतुर्थ प्रहर की पूजा का समय – 27 जुलाई 2022 को पूर्वाह्न 03:04 से लेकर प्रात:काल 05:40 बजे तक(shivratri)

सावन शिवरात्रि पर बना मंगला गौरी व्रत का शुभ संयोग(shivratri)
भगवान शिव की साधना के लिए सबसे उत्तम मानी जाने वाली जिस रात्रि यानि शिवरात्रि की पूजा से महादेव की कृपा बरसती है,(shivratri) उसी दिन माता पार्वती की कृपा बरसाने वाला पावन मंगला गौरी व्रत भी पड़ रहा है.(shivratri)

ऐसे में आज महादेव संग माता पार्वती की पूजा भी करें.(shivratri) मान्यता है कि श्रावण मास में शिव संग पार्वती माता की पूजा से व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है.