सीता को पसंद आया स्वर्ण मृग, छल से हर ले गया रावण

Sita liked the golden deer, Ravana took away everything by deceit
 

Mhara Hariyana News: 

सिरसा

 श्री रामा क्लब चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित 73वें रामलीला महोत्सव में बीती रात भगवान राम के वनवास के दृश्यों को शानदार तरीके से मंचित किया गया। वन में भगवान राम, सीता व लक्ष्मण को केवल द्वारा गंगा पार करवाने का भावपूर्ण दृश्य दिखाया गया।

तत्पश्चात वन में राम लक्ष्मण को देखकर शर्पूणखा का आना और उनके समक्ष शादी का प्रस्ताव रखना, बाद में लक्ष्मण के द्वारा उसके नाक कान बिंधाना और चित्कार करती हुए शर्पूणखा का अपने भाइयों खर दूषण के पास जाना, खर दूषण का राम लक्ष्मण के साथ युद्ध में मारा जाना इत्यादि दृश्य मंचित किए। तत्पश्चात शर्पूणखा अपने भाई राजा रावण के दरबार में जाती है जहां रावण अपनी बहन का बदला लेने के लिए सीता को हरने का षडयंत्र रचता है।

राक्षस मारीच को रावण स्वर्ण मृग बनाकर भेजता है, जिसे देखकर सीता राम को कहती है कि उसे वह मृग लाकर दो। राम मृग को पकड़ने जाते हैं।

काफी देर तक नहीं आते तो राम के चिखने की आवाज सुनाई देती है। सीता लक्ष्मण से कहती है कि अपने भाई की मदद करो। लक्ष्मण सीता को अकेला छोड़कर जाना नहीं चाहते परंतु सीता के द्वारा कठोर वचन कहे जाने पर लक्ष्मण जाने का निर्णय लेते हैं। वे सीता की कुटिया के आगे लक्ष्मण रेखा खिंचते है और कहते हैं कि कोई इस रेखा को पार करेगा तो भस्म हो जाएगा।

उधर लक्ष्मण के जाते ही रावण तपस्वी रूप में वहां आता है। कुटिया में जाने का प्रयास करता है तो आग लग जाती है, जिसके बाद रावण सीता से कहता है कि भिक्षा देनी है तो कुटिया से बाहर आकर दो।

जब वह लक्ष्मण रेखा लांघकर बाहर आती है तो रावण उसका हरण करके ले जाता है। मार्ग में सीता द्वारा मदद के लिए गुहार करने पर पक्षिराज जटायु उसकी मदद के लिए आगे आता है, वह रावण से युद्ध करता है लेकिन रावण उसके पंख काट देता है। उधर सीता की खोज में राम लक्ष्मण वनों में भटकते हुए आते हैं जहां उन्हें जटायु मिलते हैं वे राम को सारा घटनाक्रम बताते हैं, इसके बाद राम उनका अंतिम संस्कार करते हैं।

रावण के रोल में मनोज सोनी, जटायु ओम प्रकाश, सोनाली रावत शर्पूणखा, मिंटू कालड़ा मारीच, वेद मल्होत्रा, श्याम भारती, गोल्डी, राजकुमार खुराना, राकेश भाटिया इत्यादि ने केवट का किरदार निभाया।

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रामलीला हमें देती है भगवान राम के पथ पर चलने की सीख

रामलीला मंचन के अवसर पर वरिष्ठ नेत्री सुनीता सेतिया ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भगवान राम का संपूर्ण जीवन आदर्श व त्याग का प्रतीक है। रामलीला के माध्यम से हमें भगवान राम के द्वारा दिखाए पथ पर चलने की प्रेरणा मिलती है। हमें अपने परिवार के प्रति, भाइयों के प्रति, देश, समाज के प्रति कैसा व्यवहार करना चाहिए, यह हमें रामायण सिखाती है। उन्होंने कहा कि रामा क्लब बधाई का पात्र है जो पिछले 73 सालों से आदर्श रामनाटक मंचित कर रहा है, जिसे देखने के लिए हर रोज बड़ी संख्या में दर्शक आते हैं।

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पांच अक्टूबर को निकलेगी शोभायात्रा, शाम को होगा रावण दहन

73वें दशहरा महोत्सव के अवसर पर पांच अक्टूबर को दोपहर सवा 12 बजे जनता भवन रोड स्थित रामलीला ग्राउंड से भगवान राम की भव्य शोभायात्रा रवाना होगी। शोभायात्रा अनाजमंडी, शिव चौक, सुरतगढ़िया बाजार, घंटाघर चौक, भगत सिंह चौक, सुभाष चौक, आर्य समाज रोड, बेगू रोड , शाह सतनाम सिंह चौक से होते हुए कंगनपुर और आटो मार्केट स्थित दशहरा ग्राउंड में पहुंचेगी। इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि बिजली मंत्री चाै. रणजीत सिंह होंगे जबकि अध्यक्षता संजय अरोड़ा करेंगे। कार्यक्रम में मुख्य सरंक्षक श्याम बजाज, सुरेंद्र अार्य व अरुण मेहता विशिष्ट अतिथि हाेंगे।

शाम 6 बजे रावण कुंभकरण के पुतलों को अग्नि भेंट किया जाएगा।