3 मई 2022 सुबह 5:20 से 4 मई को सुबह 7:33 तक अक्षय तृतीया रहेगी रहेगी

Mhara Hariyana News 3 मई 2022 सुबह 5:20 से 4 मई को सुबह 7:33 तक अक्षय तृतीया रहेगी रहेगी अक्षय तृतीया के दिन पितरों के निमित्त कलश, पंखा, चप्पल, छाता, ककड़ी और खरबूजा दान करने का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन किसी जरूरतमंद साधु-संत को फल, शक्कर और घी का दान करने से …
 
3 मई 2022 सुबह 5:20 से 4 मई को सुबह 7:33 तक अक्षय तृतीया रहेगी रहेगी
अक्षय तृतीया के दिन पितरों के निमित्‍त कलश, पंखा, चप्‍पल, छाता, ककड़ी और खरबूजा दान करने का विशेष महत्‍व माना जाता है। इस दिन किसी जरूरतमंद साधु-संत को फल, शक्‍कर और घी का दान करने से खास फल प्राप्‍त होता है। इस दान को करने से भगवान विष्‍णु के साथ ही मां लक्ष्‍मी भी प्रसन्‍न होती हैं। अक्षय तृतीया के दिन जो भी दान पुण्य पूजा पाठ आप करते हैं उसका पुण्य अक्षय हो जाता है जन्म जन्मांतर तक पुण्य नष्ट नहीं होता इसलिए इस दिन ज्यादा से ज्यादा पूजा पाठ दान पुण्य करना चाहिए हमारे मंदिर मैं भी इस दिन शिव भगवान के अभिषेक वह लक्ष्मी जी का संपुटित श्री सूक्त से श्री यंत्र पर दक्षिणावर्ती शंख से दूध या आपकी इच्छा हो तो गन्ने के रस से भी अभिषेक करवा सकते हैं मंदिर में।

अक्षय तृतीया के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर समुद्र या गंगा स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की शान्त चित्त होकर विधि विधान से पूजा करने का प्रावधान है। नैवेद्य में जौ या गेहूँ का सत्तू, ककड़ी और चने की दाल अर्पित किया जाता है। तत्पश्चात फल, फूल, बरतन, तथा वस्त्र आदि दान करके ब्राह्मणों को दक्षिणा दी जाती है. ब्राह्मण को भोजन करवाना कल्याणकारी समझा जाता है। मान्यता है कि इस दिन सत्तू अवश्य खाना चाहिए तथा नए वस्त्र और आभूषण पहनने चाहिए।

3 मई 2022 सुबह 5:20 से 4 मई को सुबह 7:33 तक अक्षय तृतीया रहेगी रहेगी

गौ, भूमि, स्वर्ण पात्र इत्यादि का दान भी इस दिन किया जाता है। यह तिथि वसन्त ऋतु के अन्त और ग्रीष्म ऋतु का प्रारम्भ का दिन भी है इसलिए अक्षय तृतीया के दिन जल से भरे घडे, कुल्हड, सकोरे, पंखे, खडाऊँ, छाता, चावल, नमक, घी, खरबूजा, ककड़ी, चीनी, साग, इमली, सत्तू आदि गरमी में लाभकारी वस्तुओं का दान पुण्यकारी माना गया है। इस दान के पीछे यह लोक विश्वास है कि इस दिन जिन-जिन वस्तुओं का दान किया जाएगा, वे समस्त वस्तुएँ स्वर्ग या अगले जन्म में प्राप्त होगी। इस दिन लक्ष्मी नारायण की पूजा सफेद कमल अथवा सफेद गुलाब या पीले गुलाब से करना चाहिये।

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