UP News: यूपी में सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को स्मार्ट प्री-प्राइमरी स्कूल में बदलने का आदेश, CM योगी ने दिया

जानिए कैसे प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों को स्मार्ट प्री-प्राइमरी स्कूलों में बदलने की योजना सफल हो रही है, बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ।
 

Mhara Hariyana News, New Delhi: प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों को स्मार्ट प्री-प्राइमरी स्कूलों में बदलने की योजना एक सामाजिक परिवर्तन की ओर महत्वपूर्ण कदम है। पिछले पांच वर्षों में कायाकल्प के माध्यम से 10,000 से अधिक केंद्रों को सुधारा गया है, और इस योजना के अनुसार 26 जनवरी 2024 तक और 15 अगस्त 2025 तक और भी 82,500 केंद्र सुधारे जाएंगे।

योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों को स्मार्ट प्री-प्राइमरी स्कूल बनाने के लिए 18 इंडीकेटर्स तय किए गए हैं।
ब्लैक और ग्रीन बोर्ड, पेंटिंग, सुरक्षित पेयजल, शौचालय, रेलिंग युक्त रैंप, टाइल्ड फर्श, बाउंड्री वाले गेट, मल्टीपल हैंड वाशिंग यूनिट, और बच्चों के लिए फर्नीचर शामिल होंगे।

इस प्लान के तहत, प्रदेश में 1.04 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों को सुधारा गया है, जो परिषदीय स्कूलों के परिसर में चल रहे हैं। इसके अलावा, विभागीय भवनों में 44,011 केंद्र, 12,860 केंद्र किराए गए भवनों में, 27,908 केंद्र सामुदायिक व पंचायत भवनों में स्थित हैं। यह नई योजना उन सभी केंद्रों को एक स्मार्ट और सुरक्षित प्रशिक्षण स्थल में बदलने का लक्ष्य रखती है।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के अनुसार, केंद्रों के कायाकल्प के लिए 18 इंडीकेटर्स तय किए गए हैं जो एक गुणवत्तापरक शिक्षा संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इनमें से कुछ इंडीकेटर्स शामिल हैं: कक्षा में ब्लैक व ग्रीन बोर्ड, पेंटिंग, सुरक्षित व स्वच्छ पेयजल, ओवरहेड टैंक, शौचालय, रेलिंग युक्त रैंप, फर्श पर टाइल्स, गेट के साथ बाउंड्री वाल, मल्टीपल हैंड वाशिंग यूनिट, और छोटे बच्चों के लिए फर्नीचर शामिल हैं।

इस परिवर्तन के साथ, आंगनबाड़ी केंद्र नहीं सिर्फ शिक्षा केंद्र बन रहे हैं, बल्कि उन्हें बच्चों के विकास को समर्थन करने के लिए सामाजिक सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं। दीवारों पर बनी आकृतियों से बच्चों को गणित और भाषा सिखाने का अद्वितीय तरीका है। 

बच्चों को बोहते सारे नए और शिक्षाप्रद खिलौने प्रदान किए जाएंगे, जो उनके सामाजिक, मानसिक, और शारीरिक विकास को बढ़ावा देगे। इससे न केवल उनका शिक्षाप्रदान बेहतर होगा, बल्कि उनका पूर्णकलिक विकास होगा।

यही नहीं, स्मार्ट प्री-प्राइमरी स्कूलों का उद्दीपन भारतीय शिक्षा सिस्टम में एक नई दिशा प्रदान करेगा। इन स्कूलों के माध्यम से छोटे बच्चों को बेहतरीन शिक्षा मिलने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में उनके प्रति रूचि और क्षमता को पहचानने का एक अवसर मिलेगा।

इस प्रयास के माध्यम से, प्रदेश सरकार ने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में विकास का कदम बढ़ाया है, बल्कि बच्चों के समर्थन और विकास को भी प्राथमिकता दी है। स्मार्ट प्री-प्राइमरी स्कूल आंगनबाड़ी केंद्रों को एक संपूर्ण शिक्षा और विकास सेंटर बनाए जाने का सपना है, जिससे समृद्धि और समाज में सकारात्मक परिवर्तन हो सके।

FAQ
1. इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य है सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को स्मार्ट प्री-प्राइमरी स्कूलों में तब्दील करके बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करना।
2. कैसे तय होंगे स्मार्ट प्री-प्राइमरी स्कूलों के मानक?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर, 18 इंडीकेटर्स तय किए गए हैं जो स्मार्ट प्री-प्राइमरी स्कूलों के मानक को सुनिश्चित करने के लिए होंगे।
3. इस योजना से कैसे बच्चों का विकास होगा?

योजना के अंतर्गत, बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ उनके सामाजिक, मानसिक, और शारीरिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नए और शिक्षाप्रद खिलौने और सामग्री प्रदान की जाएगी।