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अनंतनाग मुठभेड़: इलेक्ट्रिकल डिप्लोमा होल्डर उजैर बन गया था आतंक का ठेकेदार

 
अनंतनाग मुठभेड़: इलेक्ट्रिकल डिप्लोमा होल्डर उजैर बन गया था आतंक का ठेकेदार

Mhara Hariyana News, Jammu : दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग के कोकरनाग में हुई आतंकी मुठभेड़ में मारा गया लश्कर आतंकी उजैर खान एक साल पहले इलेक्ट्रीशियन था। 25 जुलाई 2022 को उजैर घर से यह कहकर निकला कि वह सोनमर्ग में एक निर्माणाधीन इमारत के बिजली के काम का ठेका लेने जा रहा है, लेकिन बिजली के काम का ठेका लेने गया उजैर आतंक का ठेकेदार बन गया।

जानकारी के अनुसार, उजैर ने उस दिन नौगाम स्थित अपने घर से निकलते समय चाचा और दादी को बताया था कि कामकाज के सिलसिले में उसे एक रात वहीं बितानी पड़ सकती है। यह उजैर की आतंकी बनने से पहले परिवार के साथ अंतिम बातचीत थी। इसके बाद जब वह घर नहीं लौटा तो परिवार ने 26 जुलाई 2022 को स्थानीय पुलिस स्टेशन में लापता होने की शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने बताया आतंकी बन गया उजैर
जानकारी के अनुसार, पुलिस ने उजैर के परिवार को बताया कि वह आतंकी बन चुका है। कई सोशल मीडिया पोस्ट से पता चलता है कि उजैर उस्मान गाजी उपनाम के तहत द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) में शामिल हो गया है। 

यह जानकार परिवार हैरान हो गया। उजैर की दादी अपने चार बेटों और उनकी पत्नियों और बच्चों के साथ दो मंजिला घर में रहती हैं, जबकि उसका पिता बशीर अहमद खान उजैर की सौतेली मां फरीदा जान के साथ गांव में ही अलग घर में रहते हैं।

इलेक्टिशियन के तौर पर मांग थी
12वीं कक्षा छोड़ने वाले उजैर ने एक स्थानीय पॉलिटेक्निक कॉलेज से इलेक्ट्रिकल वर्क्स में डिप्लोमा हासिल किया था। वह नौगाम और आसपास में सबसे अधिक मांग वाले बिजली मिस्त्रियों में शुमार था।

ए प्लस कैटेगरी का दहशतगर्द बन गया
उजैर अहमद खान एक साल पहले लश्कर में शामिल हुआ था। थोड़े ही समय में उसका ओहदा काफी बड़ा हो गया। पुलिस ने उसे ए प्लस कैटेगरी का आतंकी घोषित कर दिया। उसके सिर पर दस लाख रुपये का इनाम घोषित था।

मारे गए दूसरे आतंकी की शिनाख्त नहीं, भारी मात्रा में हथियार बरामद
गडूल के जंगलों में सात दिन से चल रही मुठभेड़ मंगलवार को खत्म हो गई। 10 लाख रुपये के इनामी उजैर का शव बरामद कर लिया है। उसके पास भारी संख्या में हथियार मिले हैं। वहीं, दूसरे आतंकी की अभी शिनाख्त नहीं हुई है। इस मुठभेड़ में कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धौंचक, डीएसपी हुमायूं भट व सेना का जवान प्रदीप बलिदान हुए हैं। 

हाल के वर्षों में यह कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सबसे ज्यादा दिन चलने वाला ऑपरेशन बताया जा रहा है। एडीजीपी कश्मीर विजय कुमार ने बताया कि उजैर के शव की शिनाख्त उसके परिवार वालों ने की है। मुठभेड़ स्थल के पास एक और शव पड़ा है। आतंकी गडूल के जंगलों में एक प्राकृतिक गुफा में ठिकाना बनाकर छिपे थे। 

13 सितंबर को जब सुरक्षाबल ठिकाने की ओर बढ़ रहे थे तभी आतंकियों ने गोलीबारी कर दी। इसमें तीन अफसर व एक जवान बलिदान हो गए थे। इसके बाद सुरक्षाबलों ने दो आतंकी मार गिराए । गडूल में दो से तीन आतंकियों की मौजूदगी की सूचना थी। इसी के साथ ऑपरेशन पूरा हो गया जबकि तलाशी अभियान जारी रहेगा। तीसरे आतंकी का शव भी मिलने की संभावना है। 
 
विजय कुमार ने कहा, स्थानीय लोग मुठभेड़ स्थल के करीब न जाएं। अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल: सेना और पुलिस ने आतंकियों को खत्म करने के लिए हेरोन, हेक्साकॉप्टर, ड्रोन, क्वाडकॉप्टर, आरपीजी, ग्रेनेड और ड्रोन- फिट बंदूकों सहित नवीनतम गैजेट्स पर जोर दिया था।