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दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र न होने पर 10 हजार जुर्माना

 
दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र न होने पर 10 हजार जुर्माना
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Mhara Hariyana News, New Delhi

अब राजधानी में वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर और शिकंजा कसा जाएगा। वायु गुणवत्ता में सुधार के लिहाज से दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने सार्वजनिक सूचना जारी कर सभी वाहन मालिकों से वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) रखने के लिए कहा है।

नियमों का उल्लंघन करने पर वाहन मालिकों पर 10 हजार रुपये का जुर्माना या तीन महीने की जेल या दोनों हो सकते हैं। इस दौरान वाहन मालिकों को लाइसेंस रखने के लिए भी अयोग्य माना जाएगा।

नोटिस में कहा गया है कि ई वाहनों के अलावा एक साल से अधिक पुराने सभी पंजीकृत वाहनों के लिए पीयूसीसी जरूरी है। अगर इस दौरान वाहनों की प्रदूषण जांच नहीं करवाई जाती है तो उन पर परिवहन विभाग की टीमें कार्रवाई करेंगी। 
इसके लिए दिल्ली के प्रदूषण जांच केंद्रों से जांच करवाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी वाहन मालिकों से वैध पीयूसीसी रखने के निर्देश दिए गए हैं। 

दिल्ली के प्रदूषण जांच केंद्रों पर रोजाना हजारों की संख्या में वाहनों की जांच के बाद प्रमाणपत्र जारी किए जाते हैं। इसके बावजूद कई वाहन मालिकों के प्रमाणपत्र की मियाद खत्म होने के बाद भी चलने वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही परिवहन विभाग की तरफ से इसके लिए एक विशेष अभियान शुरू किया जाएगा।

पीयूसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता क्यों है?
यातायात नियमों का पालन करने के अलावा, कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं जिनकी वजह से उत्सर्जन प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है:

कानून के अनुसार अनिवार्य
केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1989 के अनुसार, एक वाहन के पास प्रदूषण प्रमाणपत्र होना चाहिए, जिसे समाप्त होने पर नवीनीकृत किया जाना चाहिए। इसका पालन करने में विफल रहने पर, आप यातायात पुलिस के साथ-साथ दंड के अधीन भी हो सकते हैं क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीओ)। पीयूसी सरकार द्वारा जारी स्वीकृतियां हैं कि आपके वाहन का उत्सर्जन स्तर निर्धारित सीमा के भीतर है।