सरकार पर 1200 करोड़ ‘उधार’! EV कंपनियों की चिंता, ‘बिन पैसे कैसे बढ़े व्यापार?’
EV यानी इलेक्ट्रिक व्हीकल को प्रमोट करने के लिए भारत सरकार एक ओर हर संभव प्रयास में जुटी है तो वहीं दूसरी तरफ इलेक्ट्रिक व्हीकल की सब्सिडी को लेकर चौंका देने वाली खबरें सामने आ रही हैं. SMEV यानी सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ने हाल ही में एक नोट में कहा कि भारी उद्योग मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज) ने गलत तरीके से इस बात की जानकारी दी है कि उन्होंने अप्रैल 2023 के टारगेट का पालन करने के लिए 10 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को सब्सिडी दी है.
SMEV ने कहा कि सरकार द्वारा दी गई जानकारी गलत है और यह अकाउंटिंग एरर की वजह से हुआ है और ये काफी गंभीर बात है. क्या है SMEV? आपके भी ज़हन में ये सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ये क्या है, आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि SMEV में ज्यादातर प्रमुख ईवी निर्माता कंपनियां शामिल हैं.
SMEV ने नियमित रूप से परामर्श करने वाले ऑडिटर्स का हवाला देते हुए संसदीय स्थायी समिति में दायर एक याचिका में दावा किया है कि FAME II टारगेट पर MHI के आंकड़े गलत हैं. ऐसा इसीलिए क्योंकि इन आंकड़ों में जिन व्हीकल्स की बिक्री को शामिल किया गया है वह इस योजना के तहत फंडेड नहीं थी.