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बकाया बीमा क्लेम को लेकर ज्वाइंट डायरेक्टर से मिले बीकेई अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख

BKE President Lakhwinder Singh Aulakh met the Joint Director regarding outstanding insurance claims

 
BKE President Lakhwinder Singh Aulakh met the Joint Director regarding outstanding insurance claims
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Mhara Hariyana News:

सिरसा। भारतीय किसान एकता बीकेई के अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने कृषि विभाग पंचकूला में बकाया बीमा क्लेम और सीएससी सेंटर द्वारा किसानों की बीमा प्रीमियम राशि वापस करने को लेकर ज्वाइंट डायरेक्टर एग्रीकल्चर जगराज दांडी से मुलाकात की। उन्होंने ज्वाइंट डायरेक्टर को बताया कि खरीफ -2020 का बीमा क्लेम सिरसा जिले के 111 गांवों का लगभग 36.66 करोड़ बकाया है, जिसके लिए उन्होंने एक सप्ताह के अंदर-अंदर यह बीमा क्लेम किसानों के खाते में डालने का आश्वासन दिया। इसके अलावा खरीफ -2021 बीमा क्लेम से वंचित 1670 किसानों का बकाया बीमा क्लेम 7.35 करोड़ डालने के लिए उनके खातों की डिटेल एग्रीकल्चर विभाग सिरसा से मांगी है, क्योंकि बार-बार उनकी बीमा क्लेम राशि वापस आ रही है।

इसलिए अब दोबारा उनके बैंक खातों की डिटेल ठीक करके जल्द किसानों को बीमा क्लेम दे दिया जाएगा। लखविंद्र सिंह औलख ने बताया कि इसके अलावा उन किसानों के बारे में भी ज्वाइंट डायरेक्टर से बातचीत हुई, जिन्होंने बीमा प्रीमियम सीएससी सेंटर से भरा है और अब बीमा प्रीमियम रिजेक्ट किया जा रहा है। कई किसानों की पेमेंट वापस कर दी गई है। जिस पर ज्वाइंट डायरेक्टर जगराज दांडी ने आश्वस्त किया है कि जिन किसानों के कागजात सही पाए गए उन सभी को बीमा क्लेम दिलवाया जाएगा। रबी-2021 गेहूं का बीमा क्लेम जिन-जिन गांवों का जितना बनता था, वह सभी किसानों के खातों में डाल दिया गया है। बैंक खाते ठीक ना होने के कारण कुछ किसानों का रह गया है, वह भी कृषि विभाग सिरसा को बता दिया जाएगा। इसके साथ-साथ ज्वाइंट डायरेक्टर एग्रीकल्चर मनजीत नैन से डीएपी और यूरिया खाद के विषय में बातचीत हुई।

उन्होंने आश्वस्त किया की खाद की कमी नहीं आने दी जाएगी। आज कारगिल डीएपी का रेक हिसार लग रहा है, उसमें से 700 एमटी सिरसा जाएगा और जल्द ही आईपीएल डीएपी का पूरा रेक सिरसा में लगाएंगे। लखविंद्र सिंह औलख व मनजीत नैन से खाद की कालाबाजारी व डुप्लीकेट खाद पर भी विस्तार से चर्चा की और डुप्लीकेट खाद में जिन कंपनियों के ब्रांड के गट्टे पकड़े जाते हैं, वह कंपनियां आगे नहीं आती हैं, उनको भी दिशा-निर्देश जारी किए जाएं, जिससे कि खाद की डुप्लीकेसी पर अंकुश लगाया जाए।