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म्यांमार की सैन्य सरकार का बड़ा फैसला, 6000 कैदियों को कर रही रिहा, ये है कारण

Big decision of Myanmar's military government, releasing 6000 prisoners, this is the reason

 
Big decision of Myanmar's military government, releasing 6000 prisoners, this is the reason
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Mhara  Hariyana News:

म्यांमार की सैन्य सरकार कैदियों को माफी दिए जाने की योजना के तहत करीब 6 हजार कैदियों को रिहा करेगी. इनमें चार विदेशी कैदी भी शामिल हैं. म्यांमार के मीडिया संस्थानों के अनुसार इस दौरान करीब 5774 कैदियों को रिहा किया जाएगा. इनमें 600 महिला कैदी शामिल हैं. ऐसा राष्ट्रीय विजय दिवस पर किया जा रहा है. सरकार के प्रवक्ता मेजर जनरल जॉ मिन तुन ने वॉइस ऑफ म्यांमार और यांगून मीडिया ग्रुप को गुरुवार को बताया कि ऑस्ट्रेलिया के शिक्षाविद सीन टर्नेल, जापान के फिल्मकार तोरु कुबोता, ब्रिटेन की पूर्व राजनयिक विकी बोमैन और एक अज्ञात अमेरिकी नागरिक को रिहा करके उनके देश भेज दिया गया है.


हालांकि, इन कैदियों की रिहाई की अभी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है. सुरक्षा बलों ने सिडनी के मैक्वेरी विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के सहायक प्रोफेसर 58 वर्षीय टर्नेल को यांगून के एक होटल से गिरफ्तार किया था. उन्हें सितंबर में देश के आधिकारिक गोपनीयता कानून और आव्रजन कानून का उल्लंघन करने के आरोप में तीन साल कारावास की सजा सुनाई गई थी.

विदेशी नागरिकों पर थे ये आरोप
जापान के 26 वर्षीय कुबोता को यांगून में पिछले साल सत्ता पर सेना के कब्जे के खिलाफ आयोजित एक प्रदर्शन की तस्वीरें और वीडियो लेने के कारण 30 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. उन्हें पिछले महीने 10 साल कारावास की सजा सुनाई गई थी. वहीं, म्यांमार में ब्रिटेन की पूर्व राजदूत बोमैन को अगस्त में यांगून में उनके पति के साथ गिरफ्तार किया गया था. उनके पति म्यांमार के नागरिक हैं. उन्हें अपने निवास का पंजीकरण नहीं कराने के कारण सितंबर में एक साल कारावास की सजा दी गई थी.

बैंकॉक में शुरू होगा एपीईसी सम्मेलन
इसके अलावा एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) फोरम के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन की शुरुआत थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में शुक्रवार को होगी. इस 21 सदस्यीय संगठन के समक्ष यूक्रेन में युद्ध, एशिया में दबदबा कायम करने की प्रतिद्वंद्विता, खाद्य और ऊर्जा की किल्लत का वैश्विक संकट, मुद्रास्फीति तथा आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान जैसे चर्चा के कई विषय हैं.