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पंजाब के झटके से सतर्क कांग्रेस, राजस्थान चुनाव से पहले CM पद पर नहीं चाहती बवाल

Congress cautious of Punjab's shock, does not want ruckus on the post of CM before Rajasthan elections

 
Congress cautious of Punjab's shock, does not want ruckus on the post of CM before Rajasthan elections
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Mhara Hariyana News:

राजस्थान में कांग्रेस, पंजाब में मिली हार के बाद से बहुत फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. राजस्थान में अगले साल चुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में फिर से यह चर्चा हो रही है कि राज्य में पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा. कांग्रेस फिर से अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच फंसती नजर आ रही है. हालांकि कांग्रेस के पास इतने कम समय में चेंज करने जैसे ऑप्शन कम ही हैं. मामले से जुड़े एक शख्स ने बताया कि पार्टी ने जो एक्सपेरिमेंट पंजाब में किया था और उसके जो परिणाम आए थे उसके बाद से शायद ही पार्टी ऐसी कोई गलती करेगी.


एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पांच महीने पहले पंजाब में विधानसभा चुनाव हुए थे. जहां पंजाब के तत्कालीन सीएम अमरिंदर सिंह को पार्टी ने सितंबर 2021 में हटा दिया था, लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस स्टेट में सरकार बनाने में नाकाम रही. पार्टी के अंदरखाने में इस पर चर्चा हुई है कि यह आखिर में सीएम कैंडिडेट बदलने की वजह से हुआ है. चुनाव के पास सीएम कैंडिडेट को बदलना एक टालने योग्य फैसला था.

कांग्रेस के सामने दो धड़
राजस्थान में कांग्रेस इस वक्त एक ओर सचिन पायलेट के समर्थकों के आकांक्षाओं से जूझ रही है, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विधानसभा में बहुमत होने से. बता दें कि इस साल कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष के चुनाव से ठीक पहले गहलोत को हटाकर पायलट को इंस्टाल करने की कोशिश पार्टी ने की थी. हालांकि इसका कोई फायदा नहीं हुआ है. बल्कि पार्टी आलाकमान को शर्मिंदगी अलग से उठानी पड़ी.

फूंक-फूंककर कदम रख रही पार्टी
सितंबर में हुए बवाल के बाद पायलट ने तत्कालीन कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी से मुलाकात की थी लेकिन गहलोत को हटाने के लिए फिर कम प्रयास ही किए गए. एक सीनियर कांग्रेस रणनीतिज्ञ ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि, ‘राज्य के विधायकों को बताया गया कि गहलोत को हटाने की कोशिश की वजह से राज्य में सरकार जाने का डर है. इसलिए कांग्रेस को इस मामले को बहुत ही सोच-समझकर निपटाना होगा.’