logo

सरकारी बैंकों की हालत कैसे दुरुस्त कर पाएंगे RBI गवर्नर! जमा और लोन के खेल में फंसा है पेंच

How will the RBI governor be able to improve the condition of public sector banks? The screw is stuck in the game of deposit and loan

 
How will the RBI governor be able to improve the condition of public sector banks? The screw is stuck in the game of deposit and loan
WhatsApp Group Join Now

Mhara Hariyana News:

सरकारी बैंकों की सेहत सुधारने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ( Reserve Bank of India )के गवर्नर शक्तिकांत दास आज सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ बैठक कर रहे हैं. बैठक में कम होती जमा वृद्धि और लोन की ऊंची मांग को बनाए रखने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. RBI के आंकड़ों के अनुसार बैकों की जमा राशि में सालाना आधार पर 10.2 प्रतिशत की तुलना में 9.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. जबकि कर्ज का उठाव एक साल पहले के 6.5 प्रतिशत की तुलना में 17.9 प्रतिशत बढ़ा गया है.


ऐसे में इन बैकों की सेहत सुधारने के लिए RBI लगातार प्रयास कर रहा है. चाहे रेपो रेट बढ़ाना हो या समय समय पर इन बैकों की हालत का जायजा लेना हो. RBI की कोशिश है कि इनकी हालत में सुधार किया जाए.

5 लाख की जमा है सुरक्षित

बैंकों में धीमी जमा वृद्धि के कारणों में मुख्य रूप से लोगों की अपनी जमा राशि की सुरक्षा की चिंता है क्योंकि समय समय पर निजी और सहकारी बैंकों में हो रही अनिमितायें हैं. हालांकि सरकार की ओर से 5 लाख तक की बैंक जमा पर सुरक्षा की गारंटी दी है, लेकिन इससे ज्यादा जमा राशि रखने वालों को सुरक्षा की चिंता रहती है.

बैकों ने खुद खड़ी की मुसीबत

बैकिंग एक्सपर्ट और वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अश्विणी राणा का कहना है कि बैकों ने अपने लिए मुसीबत खुद खड़ी की है. ज्यादातर अपनी कमाई को बढ़ाने के लिए थर्ड पार्टी प्रोडक्ट्स जैसे जीवन और स्वास्थ्य बीमा, म्युचुअल फंड को बेचने पर जोर देते हैं. जिसके लिए बैंक अपने कर्मचारियों पर टारगेट्स का दबाव डालकर इन थर्ड पार्टी प्रोडक्ट्स को बेचते हैं. इससे बैंकों में होने वाली जमा राशी इन थर्ड पार्टी प्रोडक्ट्स में चली जाती हैं.

बंद हो थर्ड पार्टी प्रोडक्टस

अश्विणी राणा के मुताबिक रिजर्व बैंक को बैंकों में जमा राशी वृद्धि के लिए जहां एक और ग्राहकों को उनकी पूरी जमा राशि की सुरक्षा की गारंटी देने की आवश्यकता है, वहीँ बैंकों द्वारा थर्ड पार्टी प्रोडक्ट्स के बिजनेस को बंद करके उन्हें केवल बैंकिंग पर ध्यान देने के लिए कहना चाहिए.