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देश के इन मंदिरों में क्या राजा और क्या रंक, सभी को मिलता है चुनावी जीत का आशीर्वाद

In these temples of the country, what is the king and what is the rank, everyone gets the blessings of election victory

 
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Mhara Hariyana News:

हिंदू धर्म में देवी-देवताओं से जुड़े मंदिरो को सबसे पवित्र और पूजनीय स्थान माना गया है, जहां पर श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करने पर शीघ्र ही ईश्वरीय कृपा बरसने लगती है. यही कारण है कि हिंदू धर्म से जुड़ा कोई भी व्यक्ति जब कभी भी किसी कष्ट में आता है या फिर उसकी कोई मनोकामना होती है तो वह तुरंत देश के उन मंदिरों में माथा टेकना के लिए पहुंच जाता है, जहां पर दर्शन मात्र से कष्ट दूर और पूजा से मनोकामना पूरी हो जाती है. चुनाव के समय में तो मानो इन मंदिरों में भक्तों की बाढ़ सी आ जाती है. हर नेता अपनी जीत की कामना लिए देश के प्रसिद्ध मंदिरों में पहुंचने लगता है। आइए देश के उन प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानते हैं, जहां पर माथा टेकने पर नेताओं की चुनावी जीत पक्की मानी जाती है.


1. श्री रामलला मंदिर, अयोध्या
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित प्रभु श्री राम का मंदिर न सिर्फ भारत में बल्कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है. रामलला के मंदिर को वर्तमान में भव्य स्वरूप दिया जा रहा है. मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन एवं पूजन करने वाले व्यक्ति पर भगवान राम की पूरी कृपा बरसती है. यही कारण है कि चुनाव के समय क्या छाेटे और क्या बड़े सभी नेता यहां पर माथा टेकने के लिए पहुंचते हैं.

2. कामाख्या मंदिर, असम
असम में नीलांचल पहाड़ी की चोटी पर स्थित कामाख्या मंदिर 51 शक्तिपीठों में सबसे प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है. मान्यता है कि जिस किसी की कामना कहीं नहीं पूर्ण होती, वो इस मंदिर में आकर जरूर पूरी हो जाती है. माता का यह दरबार तंत्र-मंत्र के माध्यम से कामनाओं को पूरा करने के लिए जाना जाता है। यही कारण हैं कि चुनाव के वक्त यहां कई बड़े और नामचीन नेता यहां पर आकर विशेष रूप से पूजा एवं अनुष्ठान करवाते हैं। मान्यता है कि मां के इस दरबार से कोई भी भक्त खाली हांथ नहीं जाता है.

3. महाकाल मंदिर, उज्जैन
मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित शहर में महाकाल का मंदिर सभी कष्टों को दूर और मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए जाना जाता है. भगवान भोलेनाथ इस विश्वप्रसिद्ध मंदिर में दक्षिणमुखी शिवलिंग स्थापित है. मान्यता है कि जो भी भक्त महाकाल जी की पूजा सच्चे मन से करता है उसके सभी काम बगैर बाधा के पूरे होते हैं. यही कारण है कि प्रधानमंत्री से लेकर एक संतरी तक महाकाल की देहरी पर माथा टेकने के लिए पहुंचता है. कामख्या मंदिर की तरह महाकाल की नगरी भी तंत्र-मंत्र की साधना के लिए बहुत ज्यादा शुभ एवं फलदायी माना गया है.

4. मां​ विंध्यवासिनी, मिर्जापुर
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में मां विंध्यवासिनी मंदिर का सिद्धपीठ सभी कामनाओं को पूरा करने वाला माना गया है. मान्यता है कि जो कोई भी व्यक्ति माता के दरबार में आकर विधि-विधान से पूजा करता है, उसकी मुराद निश्चित रूप से पूरी होती है. यही कारण है कि चुनाव नजदीक आते ही बड़ी संख्या में नेतागण इस मंदिर में पूजा पाठ कराने के लिए पहुंचने लगते हैं. त्रिकोण यंत्र पर स्थिति यह मंदिर एक ऐसा शक्तिपीठ है, जहां पर तंत्र-मंत्र की साधना शीघ्र ही सफल होती है.