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कुढ़नी उपचुनाव:पुराने धुरंधरों के सहारे बीजेपी-जेडीयू,सहनी कर सकते हैं सरप्राइज

Kudhni by-election: BJP-JDU, with the help of old fanatics, can bear surprise

 
Kudhni by-election: BJP-JDU, with the help of old fanatics, can bear surprise
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Mhara Hariyana News:

बिहार के मुजफ्फरपुर में कुढ़नी में उपचुनाव हो रहा है. यहां आरजेडी MLA अनिल सहनी के सजायाफ्ता होने और उनकी सदस्यता रद्द होने के बाद उपचुनाव कराया जा रहा है. कुढ़नी में पांच दिसंबर को वोटिंग और 8 दिसंबर को चुनाव परिणाम की घोषणा होगी. कुढ़नी चुनाव को लेकर बिहार में सियासी सरगर्मियां तेज है. गोपालगंज और मोकामा में मुकाबला एक-एक पर टाई होने के बाद महागठबंधन और बीजेपी यहां जीत दर्ज कर बढ़त लेने के लिए पूरी जोर आजमाइश कर रही है. वैसे तो यहां सीधा मुकाबला जेडीयू (महागठबंधन) और बीजेपी के बीच है. लेकिन मुकेश सहनी को भी हल्के में नहीं आंका जा सकता है.


कुढ़नी में महागठबंधन ने अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है. जेडीयू ने यहां मनोज कुशवाहा को मैदान में उतारा है. पहले कुढ़नी सीट आरजेडी के खाते में थी. यहां आरजेडी के अनिल सहनी ने जीत दर्ज की थी. लेकिन बिहार में बदले सत्ता समीकरण और सहनी की सदस्यता समाप्त होने के बाद जब यहां उपचुनाव हो रहा है तब यह सीट जेडीयू के खाते में चली गई है.

2005 से 2015 विधायक रहे हैं कुशवाहा
कुढ़नी सीट से कुशवाहा 10 सालों तक विधायक रह चुके हैं. वह 2005 से लेकर 2015 तक कुढ़नी से विधायक थे. नीतीश कुमार जब एनडीए में थे तब 2015 में ये सीट बीजेपी के खाते में चली गई थी. इसके बाद बीजेपी के केदार प्रसाद गुप्ता ने जीत हासिल की थी. 2020 में उन्हें आरजेडी के अनिल सहनी से 712 मतों से हार का सामना करना पड़ा था. यही वजह कि बीजेपी एकबार फिर उनपर दाव खेल रही है. केदार गुप्ता वैश्य समाज से आते हैं. कुढ़नी में वैश्य जाति के वोटर की संख्या निर्णायक नहीं है.

कुढ़नी का जातीय गणित
कुढ़नी में कुल 310987 मतदाता हैं जिसमें पुरुष-164474, और महिला-146507 है. कुढ़नी मल्लाह, कुशवाहा, और भूमिहार बहुल क्षेत्र है. यहां भूमिहार वोटर निर्णायक रहते हैं. इसके साथ ही मुस्लिम, यादव और राजपूत भी अहम है. मनोज कुशवाहा कुशवाहा जाति से आते हैं. कुढ़नी में 40 हजार से ज्यादा मुस्लिम जबकि 55 हजार यादव वोटर है. ये वोटर आरजेडी के समर्थक माने जाते हैं. मुसस्लि वोटों की तादाद ठीक ठाक होने की वजह से AIMIM ने यहां चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.

सहनी दे सकते हैं सरप्राइज
इधर कुढ़नी से विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी ने भी चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है. लेकिन पार्टी का उम्मीदवार कौन होगा यह अभी तय नहीं है. वैसे यह बात भी सामने आ रही है कि मुकेश सहनी अभी विधायक रहे अनिल सहनी की पत्नी को टिकट दे सकते हैं. सहनी अगर निषाद समाज से आने वाले किसी उम्मीदवार को टिकट नहीं देते हैं तो भूमिहार जाति से आने वाले कैंडिडेट को मैदान में उतार कर सभी को सरप्राइज कर सकते हैं.

भूमिहार बीजेपी के खिलाफ!
सहनी अगर भूमिहार जाति के उम्मीदवार उतारते हैं तो बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है. क्योंकि बिहार में भूमिहार अभी बीजेपी से नाराज बताए जा रहे हैं. इसकी बानगी बोचहां और मोकामा में देखने के लिए मिली. बोचहा में आरजेडी की जीत के बाद ही बिहार में एक नए समीकरण भूमाय यानि, भूमिहार, मुस्लिम यादव की खूब चर्चा हुई थी. लेकिन महागठबंधन ने यहां भूमाय को मजबूत करने पर ध्यान नहीं दिया है. सहनी यहां अगर भूमिहार को टिकट देते हैं तो खेला हो सकता है.