logo

स्कूलों में पढ़ाया जाए सभी धर्मों का संदेश, इंसानियत की शिक्षा लागू हो: पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां

Message of all religions should be taught in schools, education of humanity should be implemented: Revered Guru Sant Dr. Gurmeet Ram Rahim Singh Ji Insan

 
dera news
WhatsApp Group Join Now

Mhara Hariyana News:

सिरसा। डबवाली रोड स्थित द गंगा ग्रीन्स रिसोर्ट में डेप्थ मुहिम के तहत रूहानी सत्संग का आयोजन किया गया। जिसमें पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने ऑनलाइन गुरूकुल के माध्यम से जुड़े और बड़ी तादाद में लोगों को नशे रूपी दैत्य सहित अन्य सामाजिक बुराइयों से छुटकारा दिलाया और परमात्मा के नाम की भक्ति इबादत व इंसानियत की नि: स्वार्थ सेवा करने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान पूज्य गुरु जी ने साध-संगत के अध्यात्मिक, रूहानियत, हेल्थ, शिक्षा, सहित दुनियावीं सवालों का


रूहानी जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया। ऑनलाइन गुरूकुल के दौरान विभिन्न नवनिर्वाचित गाँवों की ग्राम पंचायतों के सरपंचों और पंचों सहित गणमान्यजनों ने नशों के खिलाफ चलाई गई 'डेप्थ' मुहिम के लिए पूज्य गुरु जी का आभार जताया। इसके साथ ही उन्होंने अपने-अपने गाँवों से नशे के दैत्य को मिटाने के लिए ठीकरी पहरा लगाने सहित सभी जरूरी कदम उठाने का संकल्प लिया। इसके अलावा डेरा सच्चा सौदा चलाए जा रहे 146 मानवता भलाई कार्यो में शामिल पौधारोपण, रक्तदान, शरीरदान, आंखें दान, जल बचाने, ऑर्गेनिक खेती करने सहित अनेक कार्याे को अपनी ग्राम पंचायत में लागू करने की हामी भरी। पूज्य गुरु जी के आह्वान पर डेरा श्रद्धालुओं व ग्राम पंचायतों ने हाथ उठाकर ये संकल्प लिए। रूहानी सत्संग कार्यक्रम को लेकर रिसोर्ट को भव्य तरीके से सजाया गया था तथा महिला व पुरुषों के बैठने के लिए अलग-अलग प्रबंध किए गए थे।


- शिक्षा में इन्सानियत का पाठ भी शामिल हो
इस दौरान ऑनलाइन गुरुकुल के माध्यम से पूज्य गुरु जी ने एक सवाल का जवाब देते हुए देश के राजा से प्रार्थना करते हुए फरमाया कि स्कूलों में इंसानियत की शिक्षा की पढ़ाई जरूर होनी चाहिए। पाठयक्रमों में अगर इन्सानियत का पाठ भी शामिल हो जाए तो बहुत अच्छा होगा। ताकि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ अच्छा इन्सान भी सकें और वो शैतान ना बनें। आप जी ने फरमाया कि वो हमारी पवित्र गीता का भी संदेश हो सकता है। पवित्र कुरान शरीफ का, पवित्र गुरबाणी का, पवित्र बाइबल का भी हो सकता है। सभी धर्मों के पवित्र संदेश पढ़ाए जाएं ताकि बच्चा इन्सान बने, शैतान ना बने। बड़ा होकर राक्षस प्रवृति का ना बने। इन्सानियत उसमें जिंदा रहे ये सब्जेक्ट स्कलों में जरूर होना चाहिए। बाकी जो सब्जेक्ट चल रहे हैं उनको प्रैक्टिकली करवाएं तो अच्छा है। यानि उनसे लिखवाओ, उनसे बुलवाओ और फिर इमेज बनाना सिखाओ। इससे बढिय़ा कुछ और नहीं हो सकता।


- डिजीटल फास्टिंग: दो घंटे जरूर दें परिवार को समय
एक डेरा श्रद्धालु ने पूज्य गुरु जी से सवाल पूछते हुए कहा कि ''आपने जो मानवता भलाई का नया कार्य 'डिजिटल फास्टिंग' शुरू किया है क्या उसमें 7 से 9 के बीच हम सत्संग या शब्द सुन सकते हैं। इस सवाल का जबाव देते हुए आप जी ने फरमाया कि ''हमें नहीं लगता कि आप 2 घंटे लगातार शब्द सुन पाएंगे और सत्संग सुन पाएंगे, ठीक है आप 10-15 मिनट सुमिरन कर लें, आधा घंटा सुमिरन कर लें, लेकिन कम से कम 1 घंटा तो परिवार को भी जरूर दें, और इससे एक और बात याद में आई कि हमारे सत्संगी विदेशों में गए हुए हैं। लेबर क्लास भी हैं, बहुत सारे बच्चे ऐसे भी हैं जो दिहाड़ी-मजदूरी वहां कर रहे हैं। उनके लिए हो सकता है ये टाइम थोड़ा मुश्किल लगता हो 7 से 9 का। तो वो टाइम आप एडजस्ट भी कर सकते हैं, अपनी नौकरी के अनुसार। लेकिन अपने परिवार को दो घंटे समय जरूर देना हैं।


- कोई कितना भी बुरा करें, आप दीनता, नम्रता न छोड़ें
स्वाति बांसल ने अपने सवाल में पूछा कि ''पूज्य गुरू जी अगर कोई हमें हर बात पर नीचा दिखाए और हर काम में जलन करे तो उसका हमें क्या जवाब देना चाहिएÓÓ। आप जी ने इसका जवाब देते हुए फरमाया कि आप हमेशा दीनता, नम्रता, प्यार, अपनाकर रखें, कहीं न कहीं उसे भी समझ आएगी कि मैं इसको नीचा दिखाना चाहता हूँ, लेकिन यह रिएक्ट ही नहीं करता। आप किसी बात पर रिएक्ट ही मत करो, ये सोचो ही मत कि कोई आपके साथ कुछ कर रहा है, आप अपने लक्ष्य की ओर चलते जाओ, आगे बढ़ते जाओ, वो जितना आपको नीचा दिखाना चाहेगा, उतना ही आप ऊँचे जाएंगे, आगे बढ़ेंगे।


- हरियाणवी वेशभूषा में किया स्वागत
ऑनलाइन गुरुकुल के माध्यम से पूज्य गुरु जी जब द गंगा ग्रीन्स रिसोर्ट में उपस्थित सिरसा जोन की साध-संगत से रूबरू हो रहे थे तो सर्वप्रथम महिलाओं ने हरियाणवी कल्चर को बढ़ावा देते हुए हरियाणवी नृत्य प्रस्तुत किया तो पुरुषों ने भारतीय सेना की वर्दी पहनकर देशभक्ति की मिसाल पेश की। इसके अलावा हरियाणावी कल्चर के तहत महिलाओं ने चारपाई को बनाने की विधि दर्शाई। जिसकी पूज्य गुरु जी ने काफी प्रंशसा की।