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बिहार की इस ट्रेन में टिकट चेकिंग का विरोध, गुस्साई भीड़ ने किया पथराव, 5 TTE समेत कई घायल

Protest against ticket checking in this Bihar train, angry mob pelted stones, many injured including 5 TTE
 
बिहार की इस ट्रेन में टिकट चेकिंग का विरोध, गुस्साई भीड़ ने किया पथराव, 5 TTE समेत कई घायल
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बिहार की एक ट्रेन में शुक्रवार देर शाम पथराव का मामला सामने आया है. समस्तीपुर मंडल के तहत मधेपुरा जिले में यह घटना हुई. मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार मधेपुरा जिले में शुक्रवार शाम ट्रेन के स्टेशन पर पहुंचने के तुरंत बाद गुस्साई भीड़ द्वारा पथराव किया गया. इससे 6 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए. साथ ही पांच टीटीई रेलवे के कर्मचारियों को भी चोटे आईं हैं. गुस्साई भीड़ के पथराव के चलते ट्रेन की एक बोगी क्षतिग्रस्त हो गई है. माना जा रहा है कि यह पथराव टिकट चेक करने के विरोध में था. गुस्साए लोगों ने इसलिए पथराव किया क्योंकि TTE द्वारा उनका टिकट चेक किया जा रहा था.


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पैसेंजर ट्रेन (05229) बिहारीगंज से सहरसा जा रही थी, तभी यह पथराव की घटना हुई है. जैसे ही ट्रेन बुढ़मा स्टेशन पर रुकी, भीड़ ने इंजन से सटे एक बोगी पर पथराव करना शुरू कर दिया. रेलवे अधिकारियों की एक टीम यात्रियों से टिकट की जांच कर रही थी. पथराव को देख कई यात्री सीट के नीचे छिपकर खुद को बचाने में कामयाब रहे, लेकिन कई कर्मचारियों और यात्रियों को चोटें आईं हैं.

मामले की जानकारी देते हुए स्टाफ के सदस्य ने कहा कि जब हम यात्रियों के टिकट की जांच कर रहे थे तो उन्होंने हमें निशाना बनाया. ट्रेन की बोगी क्षतिग्रस्त हो गई और खिड़कियों के शीशे टूट गए.

FIR दर्ज कर उपद्रवियों की तलाश जारी
इस घटना पर यात्रियों ने कहा कि पथराव 10 मिनट से अधिक समय तक जारी रहा और अन्य बोगियों में यात्रियों के विरोध करने पर बदमाश भाग गए. बाद में ट्रेन मधेपुरा स्टेशन पहुंची और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने FIR दर्ज की और पथराव में शामिल लोगों की तलाश शुरू कर दी है. समस्तीपुर मंडल के रेल प्रबंधक (DRM) आलोक अग्रवाल ने कहा कि गलत काम करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. रेलवे अपराध अधिनियम की धारा 153 और 154 के तहत एक साल के कारावास या जुर्माना दोनों ही लगाया जाएगा.


आरपीएफ के एक अधिकारी ने कहा कि कुछ लोगों को पूर्णिया-सहरसा रूट पर बिना टिकट यात्रा करने की आदत हो गई है. रेलवे अधिकारियों के लिए जुर्माना वसूलना एक चुनौती बन गया है, क्योंकि वे टिकट मांगे जाने पर उग्र हो जाते हैं.